खोज: नई टॉयलेट कोटिंग बचा सकती है 50 फीसदी से अधिक पानी
दुनिया में हर दिन 14 हजार करोड़ लीटर से अधिक पानी केवल शौचालयों में फ्लश करने के लिए बहा दिया जाता है, लेकिन इसे ...
पर्यावरण का अनुपम स्मृति पाठ
पर्यावरणीय आंदोलन का मतलब तकनीकी, पेड़, चीता और भालू के बारे में नहीं है, यह लोगों और समाज की मानवीयता के लिए है।
ये दो शहर दुनिया को सिखा रहे बूंदों की संस्कृति
बारिश का पानी बचाकर और सीवेज के पानी को दोबारा उपयोग लायक बनाकर हम भारतीय शहरों की घरेलू पानी की जरूरतों को आसानी से ...
बंगाल चुनाव: क्यों हो रही है नदियों-जलाशयों के संरक्षण को घोषणापत्र में शामिल करने की मांग
एक सर्वे में कहा गया कि साल 2006 से लेकर 2016 तक कोलकाता के 46 प्रतिशत तालाब, झील व कनाल खत्म हो गए
उत्तराखंड की जल नीति घोषित, 917 हिमनदों को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य
हिमालयी राज्य मेघालय के बाद उत्तराखंड ने भी जल नीति घोषित की है, इसमें वर्षा जल संग्रहण के साथ-साथ पारंपरिक स्त्रोतों को बचाने का ...
मानसून की तैयारी में जुटे मध्य प्रदेश के ग्रामीण, ऐसे बचाएंगे अपने हिस्से का पानी
पानी की कमी झेल रहे मध्य प्रदेश के गांव अब तालाब बचाने की मुहिम चला रहे। ग्रामीणों के प्रयास देखकर सामाजिक संस्थाएं भी आगे ...
नदी को बचाने के लिए पैदल चल रहे हैं लोग
बस्तर से गुजर रही इंद्रावती नदी को बचाने के लिए स्थानीय लोग रोजाना 8 से 10 किमी पदयात्रा करते हैं।
क्या बारिश की बूंदों में छुपा है जल संकट का समाधान?
क्या अपने पुरखों के दिया ज्ञान और विरासत की मदद से हम कर सकते हैं बढ़ते जल संकट का सामना
भारत दुनिया को बता सकता है कि जल प्रबंधन को कैसे नया रूप दिया जाए: सुनीता नारायण
लखनऊ में विश्व जल दिवस के मौके पर राष्ट्रीय कार्यशाला को सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने संबोधित किया
305 करोड़ रुपए खर्च लेकिन नहीं सुधरी गोरखपुर के रामगढ़ ताल की दशा
2011 में रामगढ़ ताल को राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना में शामिल कर लिया गया था, लेकिन अब तक सुधार नहीं हो पाया है
एकता के सूत्र में पिरोता सूखा
मानसून के दौरान बारिश की हर बूंद को सहेजने के लिए महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित 1300 गांवों में लोगों ने खुद बनाई वाटरशेड संरचनाएं
राजस्थान के 153 स्कूलों में लगती है जल संसद, क्या करती है यह संसद
देश और उसके संसाधनों के प्रति जिम्मेदार बनाने के इस तरीके की शुरुआत जोधपुर की शिक्षिका शीला आसोपा ने 2016 में की थी
जलशक्ति अभियान की हकीकत: खेत की मेढ़ों से पानी की किल्लत दूर कर रहे महोबा के किसान
उत्तरप्रदेश का महोबा जिला बुंदेलखंड इलाके में शामिल है जहां पानी की काफी किल्लत है। इसे दूर करने के लिए प्रशासन और नागरिकों ने ...
जल शक्ति अभियान की हकीकत: सांगारेड्डी से लें सबक
काकातिया मिशन से जल शक्ति अभियान तक, पेडा चेरुवु तालाब के डी-सिल्टिंग से भूजल स्तर बेहतर हुआ है
इस शख्स ने चेक डैम बना कर बढ़ा दिया भूजल स्तर
अरावली की तलहटी में बसे मेवात के शमशाबाद इलाके में 2000 में भूजल स्तर 400 फुट था, जो अब 150 फुट पर पहुंच गया ...
नहीं होगी पानी की बर्बादी, जमीन के नीचे रिसाव का पता लगाना हुआ आसान
शोधकर्ताओं ने एक तकनीक विकसित की है, जिसे 'वाटर हैमर' परीक्षण के रूप में जाना जाता है। जो रिसाव वाली जगह के बारे में ...
नदियों का संहार
आज हमारी नदियां मर रही हैं- इनके कई हिस्सों में पानी में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा शून्य है।
कहानी उस इंसान की, जिसकी वजह से तालाब बचाना मुहिम बन गया
नारायणजी चौधरी की पहचान तालाब बचाओ अभियान के प्रमुख पैरोकार के रूप में होती है
पानी के लिए बनाए गए टांके ही मौत का बन गए कारण
पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में बने बड़े-बड़े पानी के टांकों में कूद कर महिलाओं द्वारा आत्महत्या के मामले बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ...
बोरवेल पर प्रतिबंध लगाकर राजस्थान के इस गांव ने खत्म किया जल संकट
भीलवाड़ा जिले के अमरतिया गांव में पिछले 20 वर्षों से बोरवेल नहीं लगा है, ग्रामीण सिंचाई और पीने के लिए कुएं से लेते हैं ...
4000 साल से मिट्टी के कटाव को बढ़ा रहे हैं इंसान, अब दिख रहा है असर
अध्ययन के मुताबिक, जंगलों के कटाव और कृषि एवं इंसानों के रहने के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन किया गया। इस कारण औद्योगिकीकरण से ...
डीएम ने छेड़ी नाले में तब्दील हो चुकी नदी को बचाने की मुहिम
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में सूखा नदी को पुनर्जीवित करने का अभियान जोर पकड़ रहा है
क्यों डूबा उत्तराखंड का टाइटैनिक
सवाल ये है कि जो सरकार एक मरीना नहीं संभाल पायी, वो उसी टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने के सपने बेच रही है।
"जल संचय हो ध्येय हमारा, जल संचय ही नारा"
-: जल संरक्षण पर कविता :-
मुर्गे की बांग से उपजे सवाल
सेंसरी अनुभव से हम पर्यावरण से तुरंत संबंध स्थापित करते हैं जो समय के साथ सामाजिक और पारिस्थितिकीय इतिहास बनते हैं और अंत में ...