पानी को क्यों तरसा केपटाउन?
केपटाउन में 15 जुलाई से जीरो डे लागू करने की घोषणा की गई थी जिसे फिलहाल अगले साल तक टाल दिया गया है लेकिन ...
सूखे का दंश : सूखाग्रस्त जिलों से ही पूरी होगी खाद्यान्न आत्मनिर्भरता
भारत में पिछले 40 सालों से बुवाई का क्षेत्र स्थिर है। खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाना ...
समय से पहले बुआई की तो धान की फसल नष्ट कर देगी सरकार
भूजल संकट को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक बार फिर से धान की खेती करने वाले किसानों पर शिकंजा कसा है
वैज्ञानिकों ने बनाई पानी से तेल अलग करने की नई तकनीक
2025 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाएगा। इसलिए तैलीय मिश्रण को फिल्टर करने के लिए इस तरह की ...
हर बूंद मायने रखती है
जलस्रोतों को कानूनी संरक्षण की जरूरत है ताकि वर्षा जल को संचय किया जा सके। ज्यादातर राज्य दावा करते हैं कि उन्होंने कारगर कदम ...
तेजी से पिघल रहे हैं एशिया के ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद ग्लेशियर
हैरानी की बात यह है कि जिन क्षेत्रों में पहले ग्लेशियर बढ़ रहे थे, वहां भी अब ग्लेशियर पिघल रहे हैं
पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: घट रहा है नदियों में पानी, कम हो रही प्रति व्यक्ति उपलब्धता
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2020 रिपोर्ट में भूजल स्तर, सूखती नदियां और प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता का विश्लेषण किया ...
दुनिया भर में 80 फीसदी से अधिक खेती की जमीन को होगी पानी की कमी
पानी की आपूर्ति में कमी के कारण लगभग 60 फीसदी कृषि भूमि में नहीं हो पाएगी खेती
संसद में आज: केन-बेतवा लिंक परियोजना से 62 लाख लोगों को मिलेगा पीने का पानी
दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में सल्फर और क्लोरीन का उच्च स्तर
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: महाराष्ट्र में बिना पर्यावरणीय मंजूरी के बन रहे हैं घर
देश की विभिन्न अदालतों में पर्यावरण से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
तय मानकों से अधिक पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं 50 फीसदी थर्मल पावर प्लांट: सीएसई
2017 से पहले के थर्मल प्लांट को 3.5 क्यूबिक मीटर प्रति मेगावाट और 2017 के बाद के प्लांट को 3 क्यूबिक मीटर पानी की ...