कर्नाटक ने बनाई मार्च 2022 तक 25 लाख घरों को नल जल उपलब्ध कराने की योजना
कर्नाटक में कुल 91.19 लाख ग्रामीण घर हैं, जिनमें से 28.44 लाख (31.2 फीसदी) घरों को पहले ही नल के जरिए जल आपूर्ति की ...
पेयजल और सफाई सुविधाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ी, ग्रामीण-शहरी विषमता कायम: एनएफएचएस-5ं
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार अधिकांश राज्यों में उत्तम पेयजल की उपलब्धता में ...
क्या बारिश की बूंदों में छुपा है जल संकट का समाधान?
क्या अपने पुरखों के दिया ज्ञान और विरासत की मदद से हम कर सकते हैं बढ़ते जल संकट का सामना
बजट और हर घर जल मिशन, कितना दूर कितना पास
शहरों के 2.86 करोड़ घरों तक सुरक्षित पानी पहुंचाने के लिए इस बार के बजट में शहरी जल जीवन मिशन लांच किया गया है
मेघालय ने रखा दिसंबर 2022 से पहले हर ग्रामीण घर तक नल जल पहुंचाने का लक्ष्य
मेघालय में कुल 5.89 लाख ग्रामीण परिवार रहते हैं जिनमें से करीब 16 फीसदी (93 हजार) को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
जग बीती: प्यास का कारोबार
मनरेगा का हाल: इस जिले में केवल एक परिवार को मिला 100 दिनों का रोजगार
हरियाणा में साल दर साल इस योजना के तहत 100 दिनों का रोजगार पाने के लिए रजिस्टर्ड लोगों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन काम ...
भारत के 34.6 फीसदी ग्रामीण घरों तक पहुंच चुका है नल जल
देश के 2 राज्यों, 52 जिलों, 663 ब्लॉक, 40,086 पंचायतों और 76,196 गांवों के 100 फीसदी घरों तक नल के जरिए पीने का साफ़ ...
पानी और स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे के लिए 75 फीसदी देशों के पास नहीं है पर्याप्त धन
2030 तक केवल एक-चौथाई देश ही साफ-सफाई के लिए तय लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे। वहीं 55 फीसदी देश दशक के अंत तक साफ ...
एनएसएसओ रिपोर्ट पर सवाल, बिहार की महज 1.1% ग्रामीण आबादी को मिल रहा नल से जल
बिहार सरकार ने इस आंकड़े को भ्रामक कहा है। सरकार ने कहा है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से 45 प्रतिशत आबादी ...
मिलिए, मोबाइल ऐप के जरिए पानी बचाने वाली सरपंच से
ग्रामीणों को अपने-अपने मोबाइल से पता चल जाता है कि पानी की मोटर को कितनी देर चलाना है
एक दशक में गायब हो सकते हैं न्यूजीलैंड के कई ग्लेशियर
वैज्ञानिकों के अनुसार सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से दक्षिणी आल्प्स में बर्फ का करीब एक तिहाई हिस्सा गायब हो चुका है
तमिलनाडु में पानी की किल्लत दूर करने के लिए आईआईटी मद्रास ने शुरु की नई पहल
फॉरवर्ड ऑस्मोसिस (एफओ) तकनीक पर आधारित इस प्रणाली की मदद से हर दिन 20 हजार लीटर साफ पीने योग्य पानी प्राप्त किया जा सकेगा
सार्क देशों में सुरक्षित पेयजल उपलब्धता में आठवें स्थान पर भारत
भारत में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता की स्थिति संतोषजनक नहीं है। एक नए सर्वेक्षण में यह बात उभरकर आई है।
ग्रामीण इलाकों का पानी चूस रहे हैं शहर
38.3 करोड़ लोगों की आबादी वाले 69 शहरों को प्रति वर्ष लगभग 16 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त होता है
मीलों पानी ढोने वाली माएं खो देती हैं अपनी सेहत और बच्चे : रिसर्च
पहली बार पानी ढोने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय शोध किया गया है। इसके परिणाम चिंताजनक हैं।
जल स्रोतों और स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है सड़क और खेतों में डाला जा रहा नमक
वैश्विक स्तर पर मीठे पानी में बढ़ती लवणता सुरक्षित पेयजल, स्वास्थ्य, जैव विविधता, बुनियादी ढांचे और खाद्य उत्पादन को प्रभावित कर रही है
देश में गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं 60 करोड़ लोग: रिपोर्ट
अगले 20 साल में भारत के 140 करोड़ लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है
बांग्लादेशी नदियों में मिले भारी मात्रा में एंटीबायोटिक्स, स्वास्थ्य के लिए हैं बड़ा खतरा
बांग्लादेश जैसे देशों में आज भी इन दवाओं को लेकर कोई तय मानक और नियम नहीं हैं। जिसके कारण आज भी बिना किसी रोकटोक ...
दो जून की रोटी से भी महरूम मनरेगा मजदूर
मनरेगा को 12 साल से अधिक का समय गुजर गया है लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ये दो जून की रोटी भी मुयस्सर नहीं ...
वैश्विक स्तर पर पलायन में होने वाली 10 फीसदी वृद्धि के लिए जिम्मेवार जल संकट
भारत सहित दुनिया के 17 देश पहले ही भारी जल संकट का सामना करने को मजबूर हैं। इन देशों में दुनिया की करीब 25 ...
तेजी से पिघल रहे हैं एशिया के ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद ग्लेशियर
हैरानी की बात यह है कि जिन क्षेत्रों में पहले ग्लेशियर बढ़ रहे थे, वहां भी अब ग्लेशियर पिघल रहे हैं
जलापूर्ति डिजाइन बदलना होगा
आपूर्ति में समानता लाने के लिए जल प्रवाह को फिर से डिजाइन करें
आत्महत्या को कम कर सकता है पानी में मौजूद लिथियम : शोध
शोध के अनुसार पानी में स्वाभाविक रूप से मौजूद लिथियम आत्महत्या की दर को कम करने में मददगार होता है
नौले-धारों के साथ दम तोड़ रही है उत्तराखंड की परंपरा
हिमालयी राज्य उत्तराखंड में नौला और धारों का पानी पिया जाता था, लेकिन इनमें से अधिकांश सूख चुके हैं, जिसके साथ-साथ एक परंपरा भी ...