बिहार में नदियों का घटता प्रवाह और जाल बन रहा गंगा डॉल्फिन का काल
एकमात्र घोषित डॉल्फिन अभ्यारण्य एरिया के नवगछिया के इस्माइलपुर पुरानी दुर्गा मंदिर के निकट एक मृत मादा की मौत मछुआरे के जाल की वजह से हो ...
अतीत: अंग्रेजों के शासन से पहले हुई थी यह एक बड़ी ‘लूट’
पुर्तगाली गवर्नर ने 17वीं सदी में मालाबार के पौधों और उनके चिकित्सीय गुणों की जानकारी एकत्र कर 12 खंडों में हॉर्टस मालाबारिकस के रूप ...
साहित्य में पर्यावरण: अस्तित्व-विलुप्ति की चित्रकला
कलात्मक अभिव्यक्तियां पर्यावरण-संरक्षण के लिए सशक्त औजार हैं
साहित्य में पर्यावरण: हिंदी में प्रकृति और पर्यावरण में अंतर जानना जरूरी
‘कामायनी’ संभवतः पहली रचना है जिसमें प्रकृति और पर्यावरण को अलग-अलग करके देखा गया और पर्यावरण असंतुलन की समस्या पर विचार किया गया है
साहित्य में पर्यावरण: साहसिक यथार्थ का सृजन
नई पीढ़ी में जागरुकता के लिए साहस फूंकना भी साहित्य का एक अनूठा काम है
साहित्य में पर्यावरण: फिर से प्रकृति की ओर लौटने का अवसर
डाउन टू अर्थ, हिंदी का छठा वार्षिकांक पर्यावरण में साहित्य विषय पर समर्पित था। इस अंक में प्रकाशित अशोक वाजपेयी का आलेख
साहित्य में पर्यावरण: विक्षति की तुरपाई
डाउन टू अर्थ, हिंदी का छठा वार्षिकांक पर्यावरण में साहित्य विषय पर समर्पित था। इस अंक में प्रकाशित अशोक वाजपेयी की कविता
जग बीती: विकास की राह में बाधा!
मेरुदंड वाले जीवों पर मंडराता खतरा
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में 889 मेरुदंड वाले जीवों पर विलुप्ति का ...
हल्द्वानी में कैक्टस फूलों की बहार
हल्द्वानी रिसर्च सर्कल के 0.2 हेक्टेअर क्षेत्र में कैक्टस की करीब 150 किस्में सहेजी गई हैं। जहां इस समय बहार छायी है
दुर्लभ वन्यजीवों का पता लगाना हुआ आसान, वैज्ञानिकों ने विकसित किया ईडीएनए
पारिस्थितिकीविदों ने स्तनधारियों के पूरे समुदाय की पहचान करने की एक नई विधि ईजाद की है, जिसमें नदियों, पानी के स्रोत से उनका डीएनए ...
वैज्ञानिकों ने खोजा एक छोटे पक्षी के सिर के समान दिखने वाला जीव
यह जीवाश्म रिकॉर्ड में सबसे छोटे पहचाने गए मेसोजोइक डायनासोर की तरह दिखता है
स्वागत 2020 : बहामास की यह चिड़िया अब इस धरती पर नहीं है
डोरियन तूफान से पहले सितंबर में सिर्फ दो बहामा नटहैच चिड़िया बची थी, लेकिन कई जीव जंतुओं की तरह यह चिड़िया भी तूफान की ...
साहित्य में पर्यावरण: त्रासदी के दृश्य
ज्यादातर मानवीय त्रासदियों का सिरा पर्यावरण की क्षति से जुड़ा है और सिनेमा ने भी इन्हें एक सबक की तरह जीवंत करने की कोशिश ...
साहित्य में पर्यावरण: सहअस्तित्व का पुनर्जन्म
सिनेमाई परदे पर प्रकृति का चित्रण हमें सिर्फ ताली बजाने वाला मूक दर्शक बनाकर छोड़ देता है
साहित्य में पर्यावरण: संरक्षण का ककहरा
सेवाग्राम में स्थित गांधी आश्रम पर्यावरण, इतिहास और मानव का एक अच्छा संगम है
साहित्य में पर्यावरण: बाहर-भीतर के हरेपन को तलाशता-बचाता है साहित्य
प्रकृति को कविताओं की जद से बाहर लाकर उसके प्रति लोगों को जिम्मेदार बनाने का काम बहुतेरे कथाकारों ने किया
साहित्य में पर्यावरण: सदियों से जैव विविधता को संरक्षित कर रही है तमिल संस्कृति और परंपरा
प्रकृति के प्रति संवेदनशील समाज ने अपने नियम और कायदे बनाए थे, जिन्हें साहित्य में विशेष स्थान दिया गया था
साहित्य में पर्यावरण: प्रकृति से ली गई हैं ओड़िया साहित्य में ज्यादातर छवियां
ओड़िया साहित्य ने सदैव प्रकृति का साझीदार बनकर जनता को आंदोलित किया है
साहित्य में पर्यावरण: संरक्षण की लोक साहित्य परम्परा
समाज सहज भाव में अपनी लोकभाषा में साहित्य रचता रहा है और पर्यावरण की चिंता वहां सदियों से है
साहित्य में पर्यावरण: चेतना की चेतावनी
कविताओें में मनुष्य और उसके अस्तित्व को बचने की चेतावनियां पर्यावरणीय चिंताओं की ओर इशारा करती रहीं हैं
अंतरराष्ट्रीय शोध टीम ने खोजी कछुए की नई प्रजाति
तो क्या धरती से गायब हो जाएंगे फूल!
फूलों का खिलना परागण करने वाले कीटों के लिए खाना ढूंढने और परागण का चक्र शुरू करने का इशारा है। इस चक्र में रुकावट ...
बचपन में मकड़ी देखकर उपजे जुनून ने बनाया वैज्ञानिक
पांच दशकों से देशभर में पाए जाने वाले सैकड़ों प्रकार के स्पाइडर (मकड़ियों) पर काम कर रहे वैज्ञानिक डॉ. सुमित चक्रवर्ती की दास्तान
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी पक्षी दिवस : झीलों का सौंदर्य बढ़ाते प्रवासी पक्षी
प्रवासी पक्षियों की तादाद लगातार घटती जा रही है। भूमि जल, वायु और ध्वनि सभी तरह के प्रदूषण से पक्षियों को जीवन यापन में ...