बाघों के खोए हुए गौरव को फिर से हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाता राजस्थान
अवैध शिकार के कारण 2004 तक सरिस्का से और 2008 तक पन्ना से सभी बाघों की मौत हो गई जो टाइगर प्रोजेक्ट के लिए ...
जग बीती: हमें जीने दो!
जग बीती: ऑस्कर के बहाने!
जग बीती: वन्यजीवों पर मुसीबत
जग बीती: जानवरों की दुविधा
जग बीती: हाथियों की हत्या!
जग बीती: जामनगर रेस्क्यू सेंटर!
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष: जश्न में भी बनाए रखें होश
भारतीय बाघ के संरक्षण के लिए 1973 में एक महत्वपूर्ण परियोजना चलाई गई, जिसका नाम प्रोजेक्ट टाइगर है।
सांभर झील में 17 हजार पार पहुंचा मृत पक्षियों का आंकड़ा
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके ...
सांभर झील में पक्षियों की माैत का सिलसिला जारी, कारण स्पष्ट नहीं
राजस्थान की सांभर झील व उसके आसपास पक्षियों का शव मिलना लगातार जारी है। पक्षियों की मौत का कारण अब तक पुष्ट नहीं हो ...
इंसानी परिवेश में ढलते वनमानुष
यदि शिकार जैसे प्रमुख खतरे को नियंत्रित कर लिया जाता है तो वनमानुष लोगों के साथ सह-अस्तित्व बनाकर रह सकते हैं
बंदरों को खाना देकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं हम: स्टडी
एक अध्ययन में पाया गया है कि वन्यजीवों को खिलाने से उनके समुदायों का सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है
30 साल बाद फिर से मिला दुर्लभ प्रजाति का चांदी का हिरण!
आगे से चूहे जैसे दिखने वाले इस हिरण के पीठ पर चांदी जैसा रंग होता है, इसलिए इसे सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन या माउस हिरण कहा जाता ...
दो बीघा जंगल
जहां जानवर घूमते थे, अब वहां हाथी ट्रेन के नीचे आकर कटकर मर जाता है तो कभी कोई हिरन, जंगली सूअर, तेंदुआ या नीलगाय ...
क्या डूब जाएगा रेगिस्तान का टाइटैनिक?
अगर राजस्थान की ही बात करें तो 2001 के मुकाबले 2007 में प्रदेश में ऊंटों की आबादी आधे के करीब आ गई
हिम तेंदुए को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद जरूरी, नेपाल में किया गया सर्वे
हिम तेंदुए की संख्या कम होती ज रही है, लगभग 4000 तेंदुए ही बचे हैं, इसलिए इन्हें कैसे बचाया जाए, इसके लिए पिछले दिनों ...
वन विभाग की लापरवाही ने ले ली तेंदुए की जान
तेंदुए ने किसान पर हमला कर दिया, बुलाने के बावजूद जब कोई वन अधिकारी नहीं आया तो ग्रामीणों ने तेंदुए को मार दिया।
ओखला बर्ड सेंचुरी से गायब हुए पक्षी
ओखला बैराज के दरवाजों की मरम्मत के लिए इस अभयारण्य की नम भूमि को सुखा दिया गया है, जिससे पक्षी वहां से चले गए हैं
कुदरत की नियामत से बेखबर
बरामदे की घास पर दो-तीन गौरैया फुदक रही हैं। अब गौरैया बहुत कम हो गई हैं। गौरैया क्या, कौए, गिद्ध सभी कम हो रहे ...
मुंडम: मौखिक परंपरा का प्रकृति गान
जनजातीय समाज की परंपराओं, गीतों, त्योहारों, भोजन, वस्त्र, जीवनशैली का गंभीरता से अध्ययन करें तो हम पाएंगे कि उनकी प्रत्येक परंपरा प्रकृति को उसके ...
गुजरात में चिड़ियाघर बना सकता है ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर: सर्वोच्च न्यायलय
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
उत्तर बंगाल में क्यों बढ़ रही है गिद्धों की संख्या?
उत्तर बंगाल में गिद्दों की ंसंख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह बड़ी रोचक है
कूनो में चार और चीता शावकों का जन्म, लेकिन विशेषज्ञों ने उठाए ये सवाल
नामीबियाई मादा चीता ज्वाला दूसरी बार मां बनी, लेकिन उसे कभी जंगल में नहीं छोड़ा गया
बाघों की उत्पत्ति कहां हुई?
देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में असोसिएट प्रोफेसर सम्राट मंडल कहते हैं कि बाघों का विकास क्रम जानने के लिए वैज्ञानिक डीएनए का ...
तीन दिन में तीन हथिनियों की मौत कहीं हाथी-मानव संघर्ष का नतीजा तो नहीं?
सरगुजा के जंगलों में कुछ वर्षों से जंगली हाथियों की काफी उपस्थिति देखी गई है, इस जंगल में करीब 240 हाथी तक देखे गए ...