Water

यमुना में प्रदूषण के लिए हरियाणा जिम्मेदार, हाई कोर्ट जाएंगे: दिल्ली सरकार

केजरीवाल सरकार का कहना है कि हरियाणा में औद्योगिक अपशिष्टों व प्रदूषकों के उच्च स्तर की वजह से दिल्ली में यमुना के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हुई 

 
By Bhagirath Srivas
Published: Monday 28 January 2019
Credit: Samrat Mukharjee

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यमुना के प्रदूषण के लिए हरियाणा को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि हरियाणा में औद्योगिक अपशिष्टों के नदी में डाले जाने और प्रदूषकों के उच्च स्तर की वजह से दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा है। इसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को बार-बार उठाना पड़ रहा है।

दरअसल, दिल्ली के वजीराबाद सरोवर में 25 जनवरी से पानी की गुणवत्ता फिर से खराब हो गई है। यमुना में इस समय अमोनिया का स्तर 02.2 पीपीएम है। इसकी वजह से दिल्ली के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला संयंत्रों में पानी का उत्पादन 30 फीसदी तक कम हो गया है। इस वजह से लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए अन्य जल संयंत्रों पर दबाव बढ़ा है। 

सरकार का कहना है कि हरियाणा में यमुना में अपशिष्ट डालने और वहां यमुना में प्रदूषकों के उच्च स्तर की वजह से ये दिक्कतें आ रही हैं। इन हालात को देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जा रहा है ताकि मामले का समाधान निकाला जा सके। दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से उच्च न्यायालय में बताया जाएगा कि प्रदूषण की वजह से किस तरह दिल्ली में पानी की आपूर्ति में बाधा आ रही है।

दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से न्यायालय से यह भी आग्रह किया जाएगा कि सीपीसीबी और अन्य उत्तरदायी संस्थाओं को इस प्रदूषण को रोकने के निर्देश दिए जाएं। दिल्ली सरकार के अनुसार, उच्च न्यायालय को यह भी बताया जाएगा कि जिन स्रोतों से दिल्ली में यमुना नदी में पानी आता है, वे स्रोत हरियाणा सिंचाई विभाग के नियंत्रण में हैं। इन स्रोतों से प्राप्त होने वाला पानी पिछले कुछ दिनों से बहुत प्रदूषित है। ऐसी स्थिति नहीं है कि इसे वजीराबाद रिजर्वायर में ट्रीट किया जा सके। यह रिजर्वायर सेंट्रल दिल्ली और दिल्ली के एनडीएमसी वाले इलाकों का कमांड एरिया है। 

दिल्ली सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, दिल्ली में पीने के पानी की जरूरतों के लिए वजीराबाद रिजर्वायर को हमेशा भरा रखना है। वजीराबाद में प्रदूषण की मुख्य वजह हरियाणा सिंचाई विभाग और इससे जुड़े हरियाणा के अन्य विभागों की नकामी है। ये सभी विभाग हरियाणा में नदी प्रदूषण और अपशिष्ट को रोक पाने में नाकाम हुए हैं। इस वजह से दिल्ली में पीने के पानी की आपूर्ति पर सीधे तौर पर असर पड़ रहा है।

दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया है कि वह हरियाणा सरकार को यमुना में प्रदूषण रोकने संबंधी कदम उठाने के निर्देश दे। सरकार का कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड ने जल संसाधन मंत्रालय के तहत काम करने वाले अपर यमुना रिवर बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय के तहत काम करने वाले सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड को पहले ही इस संबंध लिखा है लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। 

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