संसद में आज: उत्तर प्रदेश में हैं सबसे अधिक कुपोषित बच्चे, केंद्र का जवाब

नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण जो 2014 में 18 फीसदी से बढ़कर 68 फीसदी हो गया है।

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Thursday 29 July 2021
 

15 अगस्त, 2019 को, जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, 3.23 करोड़ घरों (17 फीसदी) में नल के पानी के कनेक्शन होने की जानकारी थी। अब तक 4.59 (24 फीसदी) करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इस प्रकार, अब तक, देश भर के 19.12 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, 7.82 करोड़ (40.92 फीसदी) के घरों में पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में बताया।

पटेल ने बताया कि आज की तारीख में, तेलंगाना राज्य के 32 सहित देश भर के 74 जिलों को 'हर घर जल' जिला घोषित किया गया है, यानी जिले के हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी मिलना शुरू हो गया है।

गुजरात में बांध और जल परियोजनाएं

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- हर खेत को पानी (पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी), जल निकाय योजना, उनकी मरम्मत, नवीनीकरण और बहाली (आरआरआर) के तहत वर्ष 2018-19 में गुजरात के 61 जल निकायों को शामिल किया गया था। इस बात की जानकारी आज जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ने लोकसभा में दी।

योजना की अनुमानित लागत 102.90 करोड़ रुपये है जिसके तहत 11,364 हेक्टेयर के सिंचाई क्षमता निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। शेखावत ने बताया कि इस योजना के लिए अब तक केंद्रीय सहायता (सीए) 8.81 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

इसके अलावा, पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी परियोजना के तहत भूजल विकास के लिए 2019-2020 में अनुमानित लागत 163.29 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस परियोजना में भूजल द्वारा 3,768 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र बनाने के लिए 2,512 बड़े व्यास के कुओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है। शेखावत ने कहा कि इस परियोजना के लिए अब तक केंद्रीय सहायता के रूप में 6.0 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

सतलुज और व्यास नदियों में प्रदूषण

सितंबर 2018 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जैव-रासायनिक ऑक्सीजन मांग, जो कि जैविक प्रदूषण को प्रदर्शित करता है, निगरानी परिणामों के आधार पर 323 नदियों में 351 प्रदूषित हिस्सों की पहचान की गई थी।

इनमें सतलुज और व्यास नदियों का एक-एक हिस्सा और कालीबेन (ब्यास नदी की सहायक नदी) शामिल हैं, जो हरिके बैराज के ऊपर की ओर एक दूसरे से मिलती हैं, जहां से राजस्थान फीडर / इंदिरा गांधी नहर और फिरोजपुर फीडर का उद्गम होता है। यह आज जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में बताया।

झारखंड में भूजल प्रदूषण

संथाल परगना संभाग के गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में भूजल में फ्लोराइड और नाइट्रेट की मात्रा जायज सीमा से अधिक पाई गई है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में बताया कि साहिबगंज जिले में जायज सीमा (भूजल में) से अधिक आर्सेनिक सांद्रता पाई गई है और झारखंड के देवघर जिले में (भूजल में) जायज सीमा से अधिक लौह सांद्रता देखी गई है।

पेयजल और स्वच्छता विभाग ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के पहले भाग के रूप में 22 मार्च, 2017 को एक राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उप-मिशन  (एनडब्ल्यूक्यूएसएम) शुरू किया था, जिसे अब जल जीवन मिशन के तहत शामिल कर लिया गया है। शेखावत ने बताया कि देश में 27,544 आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित ग्रामीण बस्तियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए, एनडब्ल्यूक्यूएसएम के तहत आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित राज्यों को केंद्रीय सहायता के रूप में 4,160.34 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से 23.07.2021 तक कुल 3,330.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए है।

ठोस अपशिष्ट का निपटान

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत, सरकार शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्थानीय निकाय (यूएलबी) प्रशासनों को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के रूप में परियोजना लागत का 35 फीसदी तक केंद्रीय सहायता (सीए) प्रदान करती है। आज आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने लोकसभा में बताया कि अब तक, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण जो 2014 में 18 फीसदी से बढ़कर 68 फीसदी हो गया है।

ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता को 100 फीसदी तक बढ़ाने और अनुपचारित कचरे को लैंडफिल साइटों पर जाने से रोकने के लिए, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 1,41,678 करोड़ के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के कार्यान्वयन की घोषणा की है। किशोर ने बताया, पांच साल 2021-2026 की अवधि में, अन्य बातों के साथ-साथ, नगरपालिका के ठोस कचरे के प्रसंस्करण, निर्माण और तोड़ने से उत्पन्न कचरे के प्रबंधन और सभी पुराने डंपसाइटों के जैव-उपचार को संसाधित किया गया है। 

नदी संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना

राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) ने अब तक देश के 16 राज्यों में फैले 77 शहरों में 34 नदियों पर प्रदूषित हिस्सों को कवर किया है, जिसकी परियोजना स्वीकृत लागत 5965.90 करोड़ रुपये है, इसके साथ ही 2522.03 एमएलडी की सीवेज उपचार क्षमता का निर्माण किया गया है। जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज लोकसभा में बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 30235 करोड़ रुपये की लागत से 4948 एमएलडी और 5213 किलोमीटर के सीवर नेटवर्क के लिए 158 परियोजनाओं सहित कुल 346 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

देश में जेंडर गैप

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा प्रकाशित ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत 156 देशों में से 0.625 (1 में से) के स्कोर के साथ 140 वें स्थान पर है। महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2020 के अनुसार, भारत 153 देशों में 0.668 अंकों के साथ 112वें स्थान पर है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्रालय के जेंडर बजट विवरण के अनुसार, 43 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के लिए 1,53,326.28 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए, 39 केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों और केंद्र शासित प्रदेशों से आवंटित 1,43,461.72 करोड़ रुपये हैं। ईरानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2020-21 की तुलना में 9,864.56 करोड़ रुपये केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या में वृद्धि के साथ महिलाओं और लड़कियों के लिए आवंटित किए गए।

बच्चों में गंभीर कुपोषण

आईसीडीएस-आरआरएस पोर्टल (30 नवंबर, 2020 तक) के अनुसार, देश में 9,27,606 गंभीर रूप से कुपोषित (एसएएम) बच्चों (6 महीने - 6 वर्ष) की पहचान की गई है, जिनमें से  3,98,359 उत्तर प्रदेश राज्य के हैं।  महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों सहित सभी बच्चों को पूरक पोषण प्रदान किया जाता है।  

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