2030 में आपूर्ति के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक होगी ताजे पानी की मांग: यूएनजीए अध्यक्ष

22 से 24 मार्च 2023 तक होने वाले संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन की तैयारयां जोरों पर हैं

By Preetha Banerjee

On: Wednesday 01 March 2023
 

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र के अध्यक्ष सिसाबा कोरोसी ने कहा कि 2030 तक ताजे पानी की वैश्विक मांग आपूर्ति से 40 प्रतिशत अधिक हो जाएगी।

वह न्यूयॉर्क शहर में 22 से 24 मार्च, 2023 को होने वाले संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन से पूर्व जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

कोरोसी ने कहा कि इतिहास में पहली बार मानव सभ्यता ने पानी के लिए ग्रहों की सीमा का उल्लंघन किया है। "इसका मतलब है कि हम रेड जोन में हैं।"

उनके अनुसार, दुनिया के कई हिस्सों में जलवायु परिवर्तन के 80 प्रतिशत प्रभाव पानी के माध्यम से महसूस किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई देश एक साथ तीन बड़े प्रकार के जल संकट से जूझ रहे हैं। पहला संकट है- यह बहुत अधिक है। दूसरा संकट है- यह बहुत कम है। तीसरा संकट है- यह उपयोग करने या पीने के लिहाज से बहुत गंदा है।"

आगामी संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन के बारे में बात करते हुए उन्होंने परिवर्तनकारी जल प्रबंधन नीतियों और इन स्थितियों को रोकने के लिए प्रथाओं का आह्वान किया। इस बार का सम्मेलन 1977 के बाद का पहला पूर्ण सम्मेलन है।

उपयोग करने योग्य ताजे पानी का लगभग 97 प्रतिशत भूजल से आता है और भूजल पर निर्भरता बहुत अधिक है। संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट 2022 के अनुसार, लगभग आधी वैश्विक शहरी आबादी आज अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल स्रोतों का उपयोग करती है।

यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए भी पानी जरूरी है। उन्होंने कहा, " हम जो अनाज पैदा करते हैं, साल 2030 तक उसका लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा सूखे से प्रभावित जमीन से पैदा होगा। यानी कि आज हम जो परिस्थिति झेल रहे हैं, हालात उससे कहीं अधिक गंभीर होने वाले हैं।"

उदाहरण के लिए, अफ्रीका के हॉर्न में लगातार छठे साल बारिश नहीं हुई है। जो इस क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोगों के लिए सूखे के संकट को और गहरा कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र समाचार के एक संवाददाता ने कोरोसी से पूछा कि आगामी शिखर सम्मेलन में जल संकट से जूझ रहे विश्व भर के गरीबों के लिए क्या खास रखा गया है?

कोरोसी ने कहा, "24 मार्च तक मुझे उम्मीद है कि 193 सदस्य देशों द्वारा एक मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता पर मुहर लगा दी जाएगी।" उन्होंने कॉर्पोरेट जगत, वैज्ञानिक समुदाय और सामाजिक क्षेत्र से भी मजबूत सहयोग की उम्मीद की।

उन्होंने कहा कि अगले महीने सम्मेलन का प्रमुख काम जल संकट के प्रबंधन के प्रयासों में गेम चेंजर की पहचान करना होगा। “हमें जल संकट से जल सुरक्षित दुनिया में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। जल संघर्ष से लेकर जल सहयोग तक। जानकारी के अभाव से लेकर साक्ष्य-आधारित डेटा-समर्थित निर्णय लेने तक।"

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