कर्नाटक ने बनाई मार्च 2022 तक 25 लाख घरों को नल जल उपलब्ध कराने की योजना
कर्नाटक में कुल 91.19 लाख ग्रामीण घर हैं, जिनमें से 28.44 लाख (31.2 फीसदी) घरों को पहले ही नल के जरिए जल आपूर्ति की जा रही है
On: Monday 19 April 2021
कर्नाटक ने मार्च 2022 तक 25 लाख ग्रामीण घरों को नल जल सुविधा से जोड़ने की योजना बनाई है| कर्नाटक में कुल 91.19 लाख ग्रामीण घर हैं, जिनमें से 28.44 लाख (31.2 फीसदी) घरों को पहले ही नल के जरिए जल आपूर्ति की जा रही है। साथ ही अब तक 23 पंचायतों में 676 गांवों को ‘हर घर जल’ योजना का लाभ प्राप्त करने वाला घोषित किया जा चुका है| जिसका मतलब है कि वहां हर ग्रामीण घर तक नल जल पहुंच चुका है| कर्नाटक ने 2021-22 के लिए जारी यह कार्ययोजना वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रस्तुत की है|
कर्नाटक में 95 फीसदी विद्यालयों, 95 फीसदी आंगनवाड़ी केन्द्रों, 84 फीसदी आश्रमशालाओं, 91 फीसदी ग्राम पंचायत भवनों और 92 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों में पहले ही पाइप के जरिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। राज्य की योजना अगले कुछ महीनों में सभी शिक्षण संस्थानों, ग्राम पंचायत भवनों और स्वास्थ्य केंद्रों में नल जल उपलब्ध कराने की है।
राज्य की योजना चालू वित्त वर्ष में 17,111 गांवों में इस योजना को पूरी तरह से क्रियान्वित करने की है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो सूखा प्रभावित हैं| साथ ही 30 जिलों में से 2 जिलों में हर ग्रामीण घर तक नल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की है। इस बाबत बनाई राष्ट्रीय समिति ने घरों में उपलब्ध कराए जा रहे जल की गुणवत्ता के साथ विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी की जा रही जलापूर्ति और उसकी गुणवत्ता को जांचने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
शिकायतों के समाधान के लिए राज्य में 'भूमि ऑनलाइन परिहारा' नामक तंत्र भी किया गया है विकसित
इस योजना के संबंध में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक शिकायत समाधान तंत्र भी विकसित किया गया है, जिसका नाम 'भूमि ऑनलाइन परिहारा' है| यह राज्य में पेयजल आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों के समाधान का सबसे सरल और त्वरंत समाधान उपलब्ध कराने वाला तंत्र है, जो दैनिक शिकायतों का भी समाधान करता है।
पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में इस योजना के तहत केंद्र द्वारा राज्य को 1,189 करोड़ रुपए का केंद्रीय बजट आवंटित किया गया था। जिसके चालू वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 3,000 करोड़ रुपए होने की संभावना है|
‘जल जीवन मिशन’ केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल उपलब्ध कराना है। जिसके तहत 2024 तक 19.1 करोड़ घरों तक पाइप के जरिए साफ पानी पहुंचाने की बात कही गई है| यदि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी नल जल के लक्ष्य की बात करें तो आज देश के 2 राज्यों, 1 केन्द्रशसित प्रदेश, 58 जिलों, 713 ब्लॉक, 44,616 पंचायतों और 87,507 गांवों, 7.31 करोड़ घरों (38.13 फीसदी) तक नल के जरिए पीने का साफ जल पहुंच चुका है।
यह योजना विभिन्न समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम तो है ही साथ ही इससे ग्रामीण महिलाओं और युवा बच्चियों के जीवन को भी आसान बनाया जा सकेगा| आमतौर पर घरों में जल प्रबंधन का प्राथमिक दायित्व महिलाओं और बच्चियों का ही होता है। इस बदलाव से वह अपना बचा हुआ समय पढ़ाई-लिखाई और नई व्यवसायिक कुशलता सीखने और अपने कौशल को उन्नत बनाने में लगा सकती हैं। साथ ही पहले जो समय पानी की तलाश में लंबी दूरी तय करने में व्यतीत होता था, अब वो उसे अपने परिवार के साथ भी बिता सकती हैं|
यदि यह योजना पूरी तरह सफल रहती है तो वह दिन दूर नहीं जब देश के हर ग्रामीण घर को पीने का साफ पानी मिलने लगेगा, जिससे बढ़ती बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकेगा| लेकिन राह जितनी आसान दिखती है वो उतनी आसान भी नहीं है| अकेले योजनाओं के बल पर इन लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता इसके लिए सामाजिक इच्छाशक्ति और एकजुटता भी जरुरी है।