“हर घर-जल” अब लेगा “स्वच्छ भारत” का स्थान!

वित्तमंत्री ने जिस तरह से रूक रूक कर हर घर-जल स्लोगन कहा है तो क्या इसका अर्थ यह निकाला जाए कि यह योजना भी अगले पांच सालों में इसी प्रकार से रूक रूक कर चलेगी।  

By Anil Ashwani Sharma

On: Friday 05 July 2019
 

“हर घर-जल” वित्तमंत्री ने यह स्लोगन बोल कर कहा हर घर में पानी होगा और इसकी तुलना उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान से की। लेकिन यहां देखने की बात होगी इसके तहत देशभर में नौ करोड़ से अधिक शौचालय तैयार किए गए लेकिन सबसे बडा सवाल था कि क्या इनका उपयोग भी हो रहा है? यदि अगले पांच सालों में देश के सभी गांव में पानी की पाइप लाइन तो पहुंचा दी जाएगी लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसके लिए पानी आएगा कहां से? इस संबंध में वित्तमंत्री ने चुप्पी साधी हुई है। और किसी प्रकार की योजना की घोषणा नहीं की है। हालांकि उन्होंने अपने भाषण में यह माना कि 256जिलों में जल प्रबंधन की स्थिति दयनीय है और उन्होंने कहा कि आगामी 2024 तक इनमें हर हाल में सुधार के लिए हर स्तर पर  काम किया जाएगा। हर घर में पानी की तर्ज पर वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के हर परिवार को घर मुहैया कराने का लक्ष्य की भी घोषणा की गई है। इसके लिए निवेश के लिए हर साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन होगा। दुनिया भर से लोगों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यही नहीं एविएशन सेक्टरमीडियाएनिमेशन और इंश्योरेंस सेक्टर के विकास के लिए एफडीआई को लेकर विचार करने की बात भी कही गई है।

वित्तमंत्री ने सीधे तौर पर तो नहीं देश के महानगरों सहित कई शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या को इंगित तो नहीं किया है। लेकिन जिस तरह से देश के सभी महानगरों में उपनगरीय रेलवे के ढांचागत विकास किए जाने की बात कहीं गई है। इसके पीछे सोच है कि यदि यह सेवा सही होगी तो आम आदमी अपने वाहन का उपयोग कम से कम करेगा और यही नहीं बिजली वाहन को भी प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई है और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में भारत बिजली वाहनों के लिए वैश्विक हब बनने जा रहा है।

वित्तमंत्री ने अपने बजट में महिला की भूमिका को बखूबी बखान किया है। स्वामी विवेकानंद को उद्धरण करते हुए उन्होंने कि कोई भी विकास बिना महिला के संभव नहीं है। विशेष कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिला की भूमिका को किसी भी हाल में नकारा नहीं जा सकता है। इसलिए इस सरकार की हर योजना में महिला की भागीदारी को प्रमुखता से दिया गया है। हाल में ही संपन्न हुए चुनाव में महिलाओं ने रेकॉर्ड मतदान किया। 78 महिला सांसद चुनी गई हैंजो अपने आप में एक रेकॉर्ड है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी एक सुनहरी कहानी को बखान करती है। ऐसा कोई सेक्टर नहीं हैजहां महिलाओं का अद्भुत योगदान न रहा हो। महिलाओं के लिए नारी टु नारायणी का नारा स्वामी विवेकानंद ने देते हुए कहा था महिलाओं के विकास के बिना नहीं हो सकता किसी भी देश का विकास।  सरकार महिला आंत्रप्रेन्योरशिप को प्रमोट कर रही है और इसे लगातार बनाए रखेगी इसके तेजी से बढ़ाने के लिएमुद्रास्टार्टअप और स्टैंडअप योजना के तहत और अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। वित्तमंत्री ने कहा कि जब हम 2014 में सरकार में आए तो हमारी इकॉनमी करीब 1.85 ट्रिलियन डॉलर की थीलेकिन सालों में यह बढ़कर 2.7 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। अगले कुछ सालों में ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य है।

Subscribe to our daily hindi newsletter