जुलाई महीने में कैसा रहेगा मानसून, मौसम विभाग ने जारी किया अनुमान
मौसम विभाग का कहना है कि जुलाई महीने में सामान्य से 94 से 106 फीसदी बारिश हो सकती है
On: Thursday 01 July 2021
मानसून की सबसे अधिक बारिश जुलाई महीने में होती है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि पूरे देश में बारिश सामान्य ही रहेगी। विभाग के मुताबिक, जुलाई महीने में दीर्घ अवधि के औसत के मुकाबले 94 व 106 फीसदी बारिश हो सकती है।
एक जुलाई को मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई में होने वाली बारिश का पूर्वानुमान जारी किया। विभाग के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों और दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से नीचे वर्षा होने के आसार हैं। मध्य भारत के कुछ हिस्सों और भारतीय प्रायद्वीप के आस-पास के क्षेत्रों और गंगा के मैदानी इलाकों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।
गौरतलब है कि दक्षिण पश्चिम मानसून देश के लगभग पूरे हिस्से में पहुंच गया है लेकिन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ भाग, पश्चिम राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश का अभी भी इंतजार है। आईएमडी ने बताया कि इन इलाकों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 20 जून तक 42 फीसदी अतिरिक्त (सरप्लस) मानसून था जो 30 जून को घटकर मात्र 13 फीसदी रह गया है।
नवीनतम वैश्विक मॉडलों के पूर्वानुमान से पता चलता है कि मौजूदा निष्क्रिय एलनीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में बने रहने के आसार हैं। पूर्वानुमानों से यह भी पता चलता है कि ईएनएसओ की स्थिति के मानसून के शेष भागों में आगे बढ़ने के दौरान निष्क्रिय रहने के आसार है। जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान हिंद महासागर में नेगेटिव हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियों के विकास के आसार बढ़ गए हैं।
प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) का भारतीय मानसून पर असर पड़ता है। आईएमडी ने बताया कि वह इन महासागरीय घाटियों पर समुद्री सतह की स्थिति में होने वाले उलटफेर का सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।
आईएमडी के अनुसार इस वर्ष देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश के पूर्वानुमान को लेकर एक नई रणनीति अपनाई है। यह रणनीति मौजूदा सांख्यिकीय पूर्वानुमान प्रणाली और नए बनाए गए बहु-मॉडल एन्सेम्बल (एमएमई) प्रणाली पर आधारित है। आईएमडी के मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) मॉडल सहित विभिन्न वैश्विक जलवायु पूर्वानुमान और अनुसंधान केंद्रों से जुड़े वैश्विक जलवायु मॉडल (सीजीसीएम) का उपयोग करता है।
आईएमडी ने इस बात की भी जानकारी दी है कि वह जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत के दौरान अगस्त महीने के लिए बारिश का पूर्वानुमान जारी करेगा।