मकड़ियों के अदभुत संसार में जुड़ा एक और सदस्य, 50,000 पर पहुंची ज्ञात प्रजातियों की संख्या

ब्राजील में मकड़ियों की एक नई प्रजाति ‘गुर्यूरियस मिनुआनो’ खोजी गई है, जोकि धरती पर ज्ञात मकड़ियों की 50,000वीं प्रजाति है। वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब इतनी ही प्रजातियों को अभी खोजा

By Lalit Maurya

On: Thursday 07 April 2022
 
हाल ही में ब्राजील में खोजी गई मकड़ी की नई प्रजाति ‘गुर्यूरियस मिनुआनो’/ फोटो: डेमियन हगोपियान

आप में से कुछ लोग मकड़ियों से डरते होंगे वहीं कुछ ऐसे होंगे जो इस जीव को पसंद करते हों। पर क्या आप जानते हैं कि धरती पर इस जीव की 50,000 से ज्यादा प्रजातियां ज्ञात हैं। हाल ही में इनके परिवार में एक नया नाम और जुड़ गया है, जब दक्षिण अमेरिका में मकड़ियों की एक नई प्रजाति ‘गुर्यूरियस मिनुआनो’ खोजी गई है।

06 अप्रैल 2022 को इसकी आधिकारिक पुष्टि वर्ल्ड स्पाइडर कैटलॉग (डब्लूएससी) द्वारा जारी रिपोर्ट में कर दी गई है। यह कैटलॉग बर्न (स्विट्जरलैंड) के नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम द्वारा तैयार किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह धरती पर ज्ञात मकड़ियों की 50,000वीं प्रजाति है। दुनिया में अब तक मकड़ियों के 4,247 परिवार ज्ञात हैं। 

इस नई प्रजाति को किम्बर्ली एस मार्टा और उनके सहयोगियों द्वारा ब्राजील में खोजा गया है। मकड़ी की यह नई प्रजाति जंपिंग स्पाइडर या साल्टिसिडे परिवार से सम्बन्ध रखती है। यह आमतौर पर दक्षिणी ब्राजील, उरुग्वे और ब्यूनस आयर्स में झाड़ियों और पेड़ों पर अपना शिकार करता है। वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति का नाम मिनुएन लोगों के सम्मान में रखा है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पाया जाने वाला यह वनवासी समुदाय अब धरती से विलुप्त हो चुका है।    

मकड़ी एक ऐसा आठ पैरों वाला प्रागैतिहासिक जीव है जो आपके घरों से लेकर सुदूर जंगलों तक लगभग पूरी दुनिया में पाया जाता है। यह आर्थ्रोपोडा परिवार का प्राणी है। आकार में कुछ मकड़ियां काफी छोटी तो कुछ काफी बड़ी होती हैं। इनमें गोलाइत बर्डईटर टैरेंटुला के शरीर की लम्बाई एक फुट तक हो सकती है। 

वर्ल्ड स्पाइडर कैटलॉग के अनुसार इसकी अब तक 50,000 प्रजातियों को खोजा जा चुका है, जबकि 50 हजार से ज्यादा प्रजातियां ऐसी हैं जिन्हें अभी भी खोजा जाना बाकी है। इस जीव को वैज्ञानिक रूप से सबसे पहले 1757 में वर्णित किया गया था। इसका मतलब है कि इन 50 हजार प्रजातियों को खोजने में करीब 265 वर्ष लगे हैं। हालांकि साल दर साल नित नई प्रजातियां खोजी जा रही हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि जिस रफ़्तार से इन प्रजातियों की खोज हो रही है उसके चलते अन्य आधी प्रजातियों की खोज में 100 वर्षों से भी कम का समय लगेगा।  

हर साल 80 करोड़ कीटों को चट कर जाती हैं यह मकड़ियां

यदि धरती के स्थलीय आवासों को देखें तो वहां मकड़ियां सबसे महत्वपूर्ण शिकारी हैं। जो हमारे इकोसिस्टम के लिए बहुत मायने रखती हैं। अनुमान है कि यह हर साल करीब 80 करोड़ टन कीड़ों को चट कर जाती हैं। इस तरह यह उनकी आबादी में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। 

कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिकों ने मकड़ी के जहर में कुछ ऐसे प्रोटीन की खोज की है जो दर्द निवारक दवा के निर्माण में मददगार हो सकते हैं। मकड़ी का जहर शिकार के तंत्रिकातंत्र और मस्तिष्क के बीच का संपर्क तोड़ देता है, जिसे दर्द का अहसास नहीं होता।  

आमतौर पर ज्यादातर लोग मकड़ियों से डरते हैं, लेकिन देखा जाए तो यह मकड़ियां एकांत पसंद जीव होती हैं। हमारे घरों में पाई जाने वाली हाउस स्पाइडर्स या घरेलू मकड़ियां भूमध्यसागर या उत्तरी अफ़्रीका से आने वाली प्रजातियों की वंशज हैं, जो ज्यादातर सूखे स्थानों में रहना पसंद करती हैं। आमतौर पर यह अपने जाल को छोड़कर तभी दूर जाती है जब उन्हें उससे दूर हटा दिया जाता है।

मिथकों से परे हकीकत में यह जीव इंसानों को आमतौर पर नहीं काटता। ज्यादातर मकड़ियों के मुंह का आकार इतना बड़ा नहीं होता कि वो काट सके। यदि कुछ मकड़ियां उतना चौंड़ा जबड़ा खोल भी लें तो उनके दांत इतने ताकतवर नहीं होते कि वो इंसानी त्वचा को भेद सके। हालांकि इसके कुछ अपवाद भी सामने आए हैं। फाल्स विडो स्पाइडर जैसी कुछ मकड़ियां ऐसी हैं जो इंसानों को काट सकती हैं। लेकिन वो ऐसा तभी करती हैं जब उन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा दिलाया जाए।      

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