वैज्ञानिकों ने पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में ढूंढी बॉटलनोज डॉल्फिन की नई उप प्रजाति

यह नई उप-प्रजाति, जिन्हें ईस्टर्न ट्रॉपिकल पैसिफिक बॉटलनोज डॉल्फिन (टर्सिओप्स ट्रंकैटस नुआनू ) कहा जाता है, अन्य सामान्य बॉटलनोज डॉल्फिन से छोटी हैं

By Lalit Maurya

On: Wednesday 21 December 2022
 
वैज्ञानिकों द्वारा खोजी बॉटलनोज डॉल्फिन की यह नई उप-प्रजाति, जिसे ईस्टर्न ट्रॉपिकल पैसिफिक बॉटलनोज डॉल्फिन कहा जाता है, वो अन्य सामान्य बॉटलनोज डॉल्फिन से छोटी हैं; फोटो: साउथवेस्ट फिशरीज साइंस सेंटर/ नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए)

वैज्ञानिकों ने पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में बॉटलनोज डॉल्फिन की नई उप-प्रजाति को खोजने का दावा किया है। यह खोज यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के रोसेंस्टियल स्कूल ऑफ मरीन, एटमोस्फियरिक एंड अर्थ साइंस के वैज्ञानिकों ने की है।

इस बारे में खोज से जुड़ी और मरीन मैमोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाली शोधकर्ता एना कोस्टा का कहना है कि, “हालांकि डॉल्फिन के बारे में एक आम धारणा यह है कि इसकी सभी प्रजातियां पहले से ही ज्ञात हैं, लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह से प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों में सुधार हुआ है उससे कहीं ज्यादा जैव विविधता को उजागर करने में मदद मिल रही है।“ इस बारे में विस्तृत जानकारी जर्नल ऑफ मेमेलियन एवोल्यूशन में प्रकाशित हुआ है।

नमूनों की एक श्रृंखला की जांच और विश्लेषण के बाद, शोधकर्ता कोस्टा और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के उनके सहयोगियों ने पाया कि नई उप-प्रजाति, जिन्हें ईस्टर्न ट्रॉपिकल पैसिफिक बॉटलनोज डॉल्फिन (टर्सिओप्स ट्रंकैटस नुआनू ) कहा जाता है, अन्य सामान्य बॉटलनोज डॉल्फिन से छोटी हैं। एना का कहना है कि ये डॉल्फिन दक्षिणी बाजा कैलिफोर्निया और गैलापागोस द्वीप समूह के बीच गहरे खुले समुद्रों में रहना पसंद करती हैं।

सामान्य बॉटलनोज डॉल्फिन से कैसे अलग है यह उप-प्रजाति

यह अध्ययन 2016 में शुरू हुआ था। इन उप प्रजातियों की जांच के लिए वैज्ञानिकों ने सामान्य बॉटलनोज डॉल्फिन के नमूनों की कुल लंबाई और खोपड़ी की आकारिकी की जांच की है। यह नमूने प्रशांत महासागर से एकत्र किए गए थे और अमेरिका के कई संग्रहालय में संग्रहीत हैं। उन्होंने बॉटलनोज डॉल्फिन की आबादी के बीच पाए जाने वाले अंतरों के स्तर की जांच करने के लिए मल्टीवैरियेट और क्लस्टरिंग एनालिसिस का इस्तेमाल किया है।

कोस्टा ने बताया कि इस जांच में उन्हें दो अलग-अलग मॉर्फोलॉजिकल समूह मिले। जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर (ईटीपी) में पाई जाने वाली नई उप-प्रजातियां और मुख्य रूप से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रशांत महासागर में पाई जाने वाली आम बॉटलनोज डॉल्फिन के थे। उनके अनुसार पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में पाई जाने वाली बॉटलनोज डॉल्फिन में यह अंतर शायद पानी की अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों, जैसे ऑक्सीजन और लवणता के स्तर के साथ तापमान की स्थिति में होने वाली भिन्नता के कारण हो सकते हैं।

रिसर्च के बारे में शोधकर्ता एना कोस्टा का कहना है कि बढ़ते वैश्विक तापमान के बीच विभिन्न प्रजातियों और उप-प्रजातियों की रक्षा और संरक्षण के लिए समुद्री स्तनपायी आबादी के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझ मायने रखती है। उनका कहना है कि समुद्री जीवों का प्रबंधन और संरक्षण एक अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए।

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