मेक्सिको के जंगलों में खोजी गई मेंढक की छह नई प्रजातियां, आकार आपको कर देगा हैरान

जंगलों के अनछुए कोने से मिली यह मेंढक प्रजातियां आकार में अंगूठे के बराबर हैं। हैरान कर देने वाली बात है कि इनके टैडपोल नहीं होते।

By Lalit Maurya

On: Saturday 30 April 2022
 

वैज्ञानिकों ने मेक्सिको के जंगलों में अत्यंत छोटे आकार के मेंढकों की छह नई प्रजातियां खोजी हैं। इन मेंढकों का आकार आपके अंगूठे से ज्यादा बड़ा नहीं होता। इनमें से एक प्रजाति तो इतनी छोटी है कि उसे मेक्सिको के सबसे छोटे मेंढक का दर्जा दिया गया है।

पूरी तरह वयस्क होने के बावजूद इन सभी प्रजातियों की लम्बाई 15 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इनमें से एक प्रजाति क्राउगास्टोर कैंडेलेरिएन्सिस के मेंढक तो पूरी तरह वयस्क होने पर भी केवल 13 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं। हालांकि पापुआ न्यू गिनी के एक मेंढक पेडोफ्रीन एमानुएंसिस को दुनिया के सबसे छोटे मेंढक का दर्जा प्राप्त है जिसके वयस्क नर 8 मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं।

इस बारे में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग और यूनिवर्सिटी म्यूजियम ऑफ जूलॉजी एवं इस शोध के प्रमुख शोधकर्ता टॉम जेम्सन ने जानकारी दी है कि अब तक इन नई प्रजातियों पर किसी का ध्यान नहीं गया क्योंकि यह बहुत छोटी और भूरे रंग की होती हैं। वास्तव में यह अन्य मेंढकों जैसी ही दिखती हैं।

जेम्सन का कहना है कि, “इनकी जीवन शैली पूरी तरह से आकर्षक है। ये मेंढक जंगल के अंधेरे कोने में नम पत्तियों के ढेर में रहते हैं। वास्तव में हम इनकी दुनिया से पूरी तरह अनजान हैं। हम कुछ भी नहीं जानते कि वहां क्या हो रहा है। हम इनके व्यवहार को नहीं समझते कि कैसे यह एक दूसरे के साथ रहते और प्रजनन करते हैं।“

गौरतलब है कि यह नई खोजी गई प्रजातियां 'प्रत्यक्ष-विकासशील' होती हैं। मतलब कि अधिकांश मेंढकों की तरह अंडे से टैडपोल में बनने के बजाय अंडे से परिपूर्ण छोटे मेंढक के रूप में निकलते हैं। यह इतने छोटे हैं कि इन्हें वन खाद्य श्रृंखला में सबसे नीचे रखा गया है।

जेम्सन को लगता है कि पत्तों के बीच रहने वाले यह उन लाखों मेंढकों के साथ पारिस्थितिकी तंत्र में छिपकली से लेकर शिकारी पक्षियों तक हर किसी के लिए भोजन स्रोत के रूप में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कैम्ब्रिज और अर्लिंग्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा खोजे गए इन मेंढकों के बारे में विस्तृत जानकारी जर्नल हरपेटोलॉजिकल मोनोग्राफ में प्रकाशित हुई है।

अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के संग्रहालयों से लगभग 500 मेंढकों के नमूने एकत्र किए थे। इसके बाद उन्होंने डीएनए अनुक्रमण का उपयोग करते हुए मेंढकों को समूहों में इस आधार पर क्रमबद्ध किया कि उनके जीन कितने समान थे। वहीं सीटी-स्कैनिंग का उपयोग मेंढकों कंकालों के 3डी मॉडल बनाने के लिए किया गया था, ताकि भौतिक विवरणों की तुलना की जा सके। इसकी मदद से उन्हें मेंढक की इन छह नई प्रजातियों का पता चला है।

मेक्सिको घाटी के समृद्ध मानव इतिहास के सम्मान में रखा गया है एक प्रजाति का नाम

इस बारे में जेम्सन बताते हैं कि "हम छह नई क्राउगास्टोर प्रजातियों की खोज करने के लिए वास्तव में उत्साहित हैं जो विज्ञान के लिए पूरी तरह से नई हैं।" उनके अनुसार क्राउगास्टोर के नाम से पहचाने जाने वाले इस मेंढक समूह में मेंढकों को अलग-अलग पहचानना बहुत मुश्किल है, इसलिए लम्बे समय से वैज्ञानिकों को संदेह है कि इन मेंढकों की कहीं अधिक प्रजातियां मौजूद हो सकती हैं।

इन नई प्रजातियों का नाम क्राउगास्टोर बिटोनियम, क्राउगास्टोर कैंडेलेरिएन्सिस, क्राउगास्टोर क्यूयाटल, क्राउगास्टोर पोलाक्लेवस, क्राउगास्टोर पोर्टिलोएंसिस और क्राउगास्टोर रूबिनस रखा गया है। इनमें से क्राउगास्टोर क्यूयाटल नाम विशिष्ट है। जिसका स्थानीय भाषा नहुआट्ल में मतलब 'मेंढक' है। यह भाषा मेक्सिको की उस घाटी में बोली जाती है जहां यह नई प्रजाति पाई गई थी।

जेम्सन का कहना है कि हमने मेक्सिको घाटी के समृद्ध मानव इतिहास का सम्मान करने के लिए इसका नाम 'क्यूयाटल' चुना है। वो बताते हैं कि यहां के स्थानीय लोग शायद इन मेंढकों को हमारे से कहीं अधिक पहले से जानते हैं।

शोधकर्ताओं को लगता है कि इनमें से सबसे छोटी प्रजाति क्राउगास्टोर कैंडेलेरिएन्सिस है, जो सिर्फ 13 मिमी लंबी होती है। हालांकि क्राउगास्टोर पोर्टिलोएंसिस के कुछ नमूने मिले हैं जो उससे ज्यादा छोटे हैं, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं हो सका कि ये पूरी तरह से वयस्क थे या नहीं।

पहले से संकटग्रस्त हैं यह प्रजातियां

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह मेंढक इतने छोटे हैं कि इनमें से कुछ तो केवल एक छोटे क्षेत्र में ही मिल सकते हैं। जैसे एक पहाड़ की चोटी या जंगल के किसी विशिष्ट हिस्से में ऐसे में यह उन्हें अविश्वसनीय रूप से कमजोर बनाता है। जेम्सन का कहना है कि यह मेंढक वन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

ऐसे में हमें यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि इन्हें संरक्षित करने की जरुरत है इससे पहले की कोई उन्हें नक़्शे से मिटा दे, क्योंकि कोई नहीं जानता की वो कहां हैं। उनके अनुसार इन क्राउगास्टर मेंढकों की और भी प्रजातियां वहां हो सकती हैं, जिन्हें ढूंढा जाना अभी बाकी है।

उनके अनुसार हमने क्राउगास्टोर रूबिनस का नाम पहाड़ी में गार्नेट खानों के पास पाए जाने पर रखा था। लेकिन दुर्भाग्य से केवल एक खदान का विस्तार इन मेंढकों के अस्तित्व को खत्म कर सकता है। इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन का बढ़ता खतरा भी इनके लिए बड़े संकट पैदा कर सकता है। मेंढकों को एक घातक कवक रोग, चिट्रिडिओमाइकोसिस से भी खतरा है, जो दुनिया भर में उभयचर जीवों की आबादी को खत्म कर रहा है।

हालांकि शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनके छोटे मेंढकों का भविष्य है। उन्होंने पूरे मेक्सिको में प्रमुख संरक्षित क्षेत्रों की पहचान की है जहां छह नई प्रजातियां रहती हैं और अब वो इनके संरक्षण के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करने की है।

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