कोरोना महामारी : 2020 में पर्यावरण से जुड़े अपराधों में 78 फीसदी की बढ़ोतरी 

तमिलनाडु में पर्यावरण से संबंधित अपराधों की संख्या देश में सबसे अधिक है।

By Richard Mahapatra

On: Wednesday 15 September 2021
 
Photo: Ashis Senapati

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल अपराध के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में 2020 में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन "पर्यावरण संबंधी अपराध" श्रेणी के तहत देश में 2020 में मामलों में 78.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


यह 2020 में कोविड-19 नियमों और मानदंडों से संबंधित अपराधों को छोड़कर, विभिन्न अपराध श्रेणियों में मामलों में सबसे अधिक वृद्धि में से एक है।

पर्यावरण से संबंधित अपराधों में वन अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, वायु और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम,  ध्वनि प्रदूषण अधिनियम, और राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम शामिल है। 

पर्यावरण अपराध श्रेणी के तहत भारत में वर्ष 2020 में कुल मिलाकर 61,767 मामले दर्ज किए गए। यह 2019 में मामलों की तुलना में 78.1 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें 2019 से लंबित 7, 154 मामले शामिल नहीं हैं।

वहीं देश में तमिलनाडु राज्य में पर्यावरण से संबंधित अपराधों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई। 2020  में, राज्य ने 42,756  मामले दर्ज किए जो कि  2019 के मामलों के तीन गुना से अधिक है। 
 
2020 में राजस्थान में दर्ज 9543 मामलों के साथ राज्यों में दूसरे स्थान पर है। 2019 में यह 10,782 मामले थे। उत्तर प्रदेश 2020 में 2,981 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर आता है जबकि 2019 में यूपी ने 1, 882 मामले दर्ज किए गए थे।

पर्यावरण से संबंधित अपराधों में चौथे-पांचवे हिस्सा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज किए गए मामले हैं। इस कानून के उल्लंघन के 49,710 मामले या 2020 में पर्यावरण से जुड़े कुल मामलों का 80.5 प्रतिशत मामले थे।

केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के खाते में पर्यावरण से संबंधित मामलों में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानूनों का उल्लंघन वाले मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। ये उल्लंघन कुल मामलों का 11.8 प्रतिशत है।

वहीं, वन अधिनियम और वन संरक्षण अधिनियम के तहत 2,287 मामले दर्ज किए गए। इस कानून के तहत उत्तर प्रदेश (यूपी) ने देश में सबसे ज्यादा  1, 317 मामले  दर्ज किए गए। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कुल 672 मामले दर्ज किए गए जिनमें यूपी में  सर्वाधिक 185 मामले थे, इसके बाद  राजस्थान में 151 मामले दर्ज किए गए थे। 
 
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत, देश में 992 मामले दर्ज किए गए, जिसमें यूपी में सबसे अधिक 841 मामले दर्ज किए गए।

Subscribe to our daily hindi newsletter