हिमाचल प्रदेश के जंगलों में भी लगी आग, अप्रैल में 100 से ज्यादा मामले दर्ज

हिमाचल प्रदेश में मार्च माह में 294 जगह जंगलों में आग लगी थी, जबकि अप्रैल के पहले पांच दिन 100 से अधिक जगह आग लगी

By Rohit Prashar

On: Tuesday 06 April 2021
 
‘Alarm bells are ringing, hope everybody is listening’: Least developed countries react on the sixth IPCC report. Photo: Rohit Parashar

उत्तराखंड की तरह हिमाचल प्रदेश में भी अप्रैल माह शुरू होते ही जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि यहां भी मार्च माह में जंगलों में आग लग रही थी। 

हिमाचल प्रदेश वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में हिमाचल प्रदेश के जंगलों में 294 जगह आग लगी थी, जबकि अप्रैल के पहले पांच दिन के दौरान जंगलों में 100 से अधिक जगह आग लग चुकी है। ऐसे में वन विभाग ने हिमाचल सरकार से आग पर काबू पाने के लिए हैलीकाॅप्टर की मांग भी की है और इसको लेकर वायु सेना की मदद लेने की भी तैयारी है।

विभाग के मुताबिक, जंगल में आग की सबसे अधिक घटनाएं उत्तराखंड के साथ सटे सिरमौर जिला में देखी गई हैं। यहां पिछले पांच दिनों से जंगल सुलग रहे हैं और इसमें लाखों की वन संपदा खत्म होने के साथ वन्य प्राणियों की भी हानि हुई है। अगर पिछले साल से तुलना करें तो पिछले साल कुल मिलाकर 1,027 वनों में आग की घटनाएं दर्ज की गई थी। जिसमें 8,480 हेक्टेयर जंगलों में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं इस साल वनों की आग की घटनाएं जल्दी शुरू होने और फायर सीजन के जल्द शुरू होने के चलते वन विभाग ने अपने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षाें में आगजनी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वन विभाग के आंकडों के अनुसार जहां वर्ष 2015-16 में 672 घटनाओं में 5,750 हैक्टेयर वन भूमि को क्षति पहुंची थी, वहीं वर्ष 2016-17 में 1,832 आग की घटनांए दर्ज की गई थी। इसी तरह 2017-18 में 1,164 और 2019-20 में 1,445 और 2020-21 में 1,027 घटनाएं दर्ज की गई थी। क्योंकि इस साल माॅनसून और विंटर सीजन में कम बारिश और कम बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, तो ऐसे में इस बार प्रदेश में वनों में आग की घटनाओं में बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है।

पिछले साल मानसून सीजन में 28 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी, जिसके चलते मानसून के बाद महिनों में भी वनों में आग की घटनाओं को देखा गया था। वहीं इस साल सर्दियों के सीजन में जनवरी माह में 58 फीसदी, फरवरी में 80 फीसदी और मार्च में 62 फीसदी कम बारिश होने की वजह से भूमि में नमी बहुत कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में आए बदलाव की वजह से हिमाचल में इस बार गर्मियां अधिक बढ़ गई हैं, जिससे आगजनी की घटनाओं में वृद्धि होगी। हिमाचल प्रदेश में वन विभाग की कुल 2026 बीटें हैं जिनमें से 339 अति संवेदनशील श्रेणी में आती हैं। ऐसे में इन संवेदनशील बीटों में आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने मुस्तैदी बढ़ा दी है।

वन विभाग की पीसीसीएफ डाॅ सविता का कहना है कि इस साल बारिश और बर्फबारी कम हुई है जिसकी वजह से जमीन में नमी कम है। इस कारण आग के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। वनों में आग में नियंत्रण पाने के लिए विभाग की ओर से इस बार तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार से हेलीकॉप्टर की मांग भी की गई है ताकि आग में जल्दी नियंत्रण पाया जा सके।

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