आईएसएफआर 2021 : जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे पहाड़ी राज्यों में वनों को क्षति, देश का कुल वन क्षेत्र 0.21 फीसदी बढ़ा

रिपोर्ट के मुताबिक देश में सर्वाधिक घने वन क्षेत्र का नुकसान जम्मू-कश्मीर में हुआ है जबकि कुल वन क्षेत्र नुकसान के मामले में पूर्वोत्तर राज्य शीर्ष पर हैं।

By Vivek Mishra

On: Thursday 13 January 2022
 

देश के वन क्षेत्र में 1540 वर्ग किलोमीटर और 721 वर्ग किलोमीटर ट्री कवर में बढोत्तरी हुई है, हालांकि जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे पहाड़ी राज्यों में वनों के नुकसान की चिंता भी बढ़ गई है। केंद्रीय वन एवं  इंडियन सर्वे ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर 2021) के मुताबिक देश में कुल वन क्षेत्र 713,789 है जो कि देश के भू-भाग का 21.27 फीसदी है जबकि वर्ष 2019 की आईएसएफआर के मुताबिक देश का वन क्षेत्र 712,249 वर्ग किलोमीटर था।

सर्वे रिपोर्ट में राज्यों में वनों के नुकसान को लेकर कहा गया है कि विकास की गतिविधियों के बढने, मानवीय गतिविधियों के दबाव और खेती के दबाव के चलते जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे पूर्वोत्तर औऱ अन्य पहाड़ी राज्यों में वन क्षेत्र का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। वहीं, हिमालयी राज्यों में तापमान में भी बढोत्तरी हो रही है। 

रिपोर्ट के मुताबिक देश सर्वाधिक घने वन क्षेत्र का नुकसान जम्मू-कश्मीर में हुआ है। जम्मू-कश्मीर में घना वन क्षेत्र 2019 में 4,279 वर्ग किलोमीटर था जो कि 2021 में यह 4,155 वर्ग किलोमीटर बचा है।हालांकि ओपन फॉ़रेस्ट बढ़ने के साथ जम्मू कश्मीर का कुल वन क्षेत्र भी बढ़ा है। वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर का कुल वन क्षेत्र 21358 वर्ग किलोमीटर था जबकि 2021 में 21387 वर्ग किलोमीटर हो गया है।

 हिमाचल प्रदेश के कुल वन क्षेत्र में 9 वर्ग किलोमीटर की बढत हुई है लेकिन ओपन और मध्यम घने वन क्षेत्र का नुकसान हुआ है। 2019 में मध्यम घना वन क्षेत्र 7126 वर्ग किलोमीटर  था जबकि 2021 में नुकसान के साथ यह 7100 वर्ग किलोमीटर रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, 2019 में हिमाचल में ओपन फॉरेस्ट 5195 वर्ग किलोमीटर था लेकिन 2021 में 15 वर्ग किलोमीटर नुकसान के साथ 5180 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है। 

वहीं कुल वन क्षेत्र के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में स्थान बनाने वाले उड़ीसा के मध्यम घने वन क्षेत्र (एमडीएफ) का देश में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। उड़ीसा का 2019 में एमडीएफ 21,552 वर्ग किलोमीटर था जबकि 2021 में यह 557  वर्ग किलोमीटर कम होकर 20,995 बचा है। 

दो वर्षों के अंतराल पर आने वाली यह फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट इस बार कोविड-काल में जारी की गई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 13 जनवरी, 2022 को यह रिपोर्ट जारी की है। उन्होंने कहा कि वनों के मामले में संख्यात्मक ही नहीं बल्कि गुणात्मक वृद्धि की तरफ ध्यान दिया जा रहा हैं। 

रिपोर्ट में  जलवायु परिवर्तन के हाटस्पॉट की मैपिंग करते हुए 2030, 2050 और 2080 के प्रोजेक्शन के आधार पर यह गौर किया गया है कि हिमालयी राज्यों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सर्वाधिक तापमान में बढोत्तरी होगी और वर्षा में कमी भी हो सकती है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में अत्यधिक वर्षा भी बढ सकती है। 

इस सर्वे रिपोर्ट में अच्छी खबर के साथ चिंताजनक यह है कि देश के कुल मध्यम घने वन क्षेत्र (मॉडरेट डेंस फॉरेस्ट - एमडीएफ) में 2019 के 308,472 वर्ग किलोमीटर की तुलना में 1582 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है। आईएसएफआर 2021 के मुताबिक मध्ययम घना वन क्षेत्र 306,890 वर्ग किलोमीटर है। 

सर्वे आकलन रिपोर्ट में कुल वन क्षेत्र को बहुत घने (डेंस फॉरेस्ट - डीएफ), मध्यम घने (मॉडरेट डेंस फॉरेस्ट - एमडीएफ), खुले घने वन क्षेत्र (ओपेन डेंस फॉरेस्ट) के आधार पर दिए गए आंकड़े यह तथ्य सामने रखते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में देश के कुल घने वन (डीएफ) क्षेत्र का दायरा 501 वर्ग किलोमीटर और खुले घने वन क्षेत्र का दायरा 2621 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। 

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 में देश का कुल घना वन क्षेत्र 99278 वर्ग किलोमीटर था  जो कि 2021 में बढ़कर 99,779 हो गया है जबकि ओपन फॉरेस्ट एरिया 2019 में 304,499 था जो कि 2021 में बढ़कर 30,7120 वर्ग किलोमीटर हो गया है। 

राज्यों के वन क्षेत्र दायरे को लेकर सर्वे रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण के तीन राज्य ( आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ) और दो  पूर्वी राज्य (उड़ीसा और झारखंड) के वन क्षेत्र सर्वाधिक बढ़े हैं जबकि पूर्वोत्तर के राज्यों में वन क्षेत्रों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कुल फॉरेस्ट में जहां (.44 वर्ग किलोमीटर) की कमी आई है। दिल्ली का कुल फॉरेस्ट एरिया 195 वर्ग किलोमीटर है। नुकसान ओपेन फॉरेस्ट एरिया में हुआ है। 

रिपोर्ट में मैंग्रोव कवर का भी जिक्र किया गया है। देश में 4992 वर्ग किलोमीटर मैंग्रोव है जो कि 17 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। 

 

पांच राज्य जिनके कुल वन क्षेत्र का दायरा बढा - 

राज्य 2021 कुल वन क्षेत्र  2019 कुल वन क्षेत्र  बढ़ा वन क्षेत्र - बदलाव (वर्ग किलोमीटर)
आंध्र प्रदेश  29,784  29,137  647
तेलंगाना  21,214   20,582   632
उड़ीसा   52,156  51,619  537
कर्नाटक  38,730  38,575   155
झारखंड 23,721 23,611  110

 

पांच राज्य जिनमें वन क्षेत्र घटा

राज्य 2021 कुल वन क्षेत्र 2019 कुल वन क्षेत्र घटा (-) वन क्षेत्र (वर्ग किलोमीटर)
अरुणाचल प्रदेश  66,431  66,688  - 257 
मणिपुर  16,598  16,847  - 249
नागालैंड  12,251  12,486  - 235
मिजोरम  17820 18,006  - 186
 मेघालय  17,046  17,119  - 73 

 

फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2021 के अन्य तथ्य 

  • 2261 वर्ग किलोमीटर कुल वन और ट्री कवर एरिया में बढ़ोत्तरी। 
  • देश में मध्य प्रदेश में सर्वाधिक बड़ा वन क्षेत्र है। 
  • 17 राज्य और संघ शासित प्रदेश के 33 फीसीदी से अधिक भू-भाग पर वन क्षेत्र। 
  • कुल 7204 मिलियन फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक है देश में , 79.4 मिलियन की बढोत्तरी। 
  • ताजा फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में अत्यधिक घना वन क्षेत्र ( वेरी डेंस फॉरेस्ट) 99,779 वर्ग किलोमीटर, मध्यम घना वन क्षेत्र (मॉडरेट डेंस फॉरेस्ट एरिया) 3,06,890 वर्ग किलोमीटर और खुला वन क्षेत्र 307,120 वर्ग किलोमीटर है। 

 

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