सांभर झील में 17 हजार पार पहुंचा मृत पक्षियों का आंकड़ा
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके हैं।
On: Friday 15 November 2019
माधव शर्मा
राजस्थान की सांभर झील में अज्ञात बीमारी से पक्षियों के मरने का सिलसिला जारी है। रविवार को नागौर जिले में झील के नावां एरिया से 5309 मृत पक्षी निकाले गए और 67 पक्षी रेस्क्यू किये गए। वहीं, जयपुर जिले की सीमा से 386 पक्षी मृत मिले हैं। यहां 33 पक्षियों को जिंदा निकाला गया, जिनका इलाज जारी है। अब तक सांभर झील में 17,270 पक्षी मारे जा चुके हैं। हालांकि पक्षियों की मौत का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आ सका है। अधिकारी कह रहे हैं कि 20 नवंबर को बरेली से आने वाली रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। तब तक मृत पक्षियों को झील क्षेत्र से हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
यहां करीब 25 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 40% नॉरहन शॉवलर और 20% नॉरहन पिटेंल हैं। इसके अलावा कॉमन हील, गोडवेल, ब्लैक ब्राउनहैडेड गल, पलास गल, गल बीनर्टन, पायड एवोसेड, रफ, कॉमन रेड सैक, मार्स सेड पाइपर, बुडसेड पाइपर,कॉमन सेड पाइपर, लेसर सेड प्लाओर, कॉमन कुट, ब्लैक विड स्टील, रूडी सेल डक, लेसर विसलिग डक, टमनिक स्टीट, क्रीक, सिल्वर बील, मलार्ड और नोबिल डक शामिल है। झील का 20-25 किमी का क्षेत्र इससे प्रभावित है।हालांकि स्थानीय लोगों के मुताबिक पूरी झील ही इसकी चपेट में है।
प्रवासी पक्षियों की मौत के कारण थोड़े साफ होते दिखाई दे रहे हैं। भोपाल स्थित आईसीएआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज केंद्र की रिपोर्ट में एवियन फ्लू की संभावना को नकार दिया है। हालांकि राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के विशेषज्ञ इन मौतों को एवियन बोट्यूलिज्म बीमारी से जोड़कर देख रहे हैं।