सुंदरवन के पास वन कर्मचारियों पर हमला, चार घायल
वन कर्मचारियों पर हमला तब हुआ, जब वे बाघ की मौत के मामले में नामजद एक आरोपी को पकड़ने गए थे
On: Monday 22 April 2019
वन विभाग के आठ कर्मचारियों को डंडों व पत्थरों से हमला कर घायल कर दिया गया। यह हमला तब हुआ, जब वन कर्मचारी सुंदरवन में एक बाघ की मौत के मामले में आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने गए थे।
पश्चिम बंगाल के मुख्य वन्यजीव वार्डन रवि कांत सिन्हा ने बताया कि साउथ 24 परगना वन प्रभाग के वन अधिकारी (डीएफओ) जीआर संतोषा जब अपनी टीम के साथ बाघ की मौत के आरोपी एक व्यक्ति को पकड़ने गए तो उसके परिजनों ने इसका विरोध किया और बाद में बांस के डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। टीम में शामिल चार कर्मचारी अभी अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि चार अन्य को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। इस आरोपी की सूचना दूसरे आरोपी ने दी थी।
वहीं बरुईपुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह की घटना मेपीथ थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। वह आदिवासी इलाका है, लेकिन डीएफओ ने वहां जाने से पहले पुलिस को सूचित नहीं किया। जब उन पर हमला हुआ, तब हमें सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बंधक बनाए गए दो वन अधिकारियों को छुड़वाया। जबकि बाकी कर्मचारी वहां से जा चुके थे।
बता दें कि आठ अप्रैल 2019 को एक बाघ मृत अवस्था में मिला था। उसके कमर में एक लोहे की तार लिपटी हुई थी। इससे चार साल पहले भी सुंदर वन में एक बाघ की मौत हुई थी। 2008 में भी एक बाघ की अप्राकृतिक मौत हुई थी।
अधिकारी अभी बाघ की मौत को अवैध नहीं मान रहे हैं, लेकिन इस सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य वन्यजीव संरक्षक प्रदीप ब्यास ने बताया कि सुंदरवन में व्यापार के लिए अवैध रूप से बाघ को मारने की घटनाएं न के बराबर होती है, इसलिए संभव है कि किसी शिकारी ने हिरण या सूअर को मारने के लिए जाल लगाया हो, जिसमें फंस कर बाघ की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि इलाके में हिरण और सूअरों के शिकारियों सक्रिय रहते हैं। भले ही व्यापार के लिए शिकार नहीं किया जा रहा हो, लेकिन फिर भी शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।