रेगिस्तान की लोमड़ियों में भी फैल रही है मेंज बीमारी, वन विभाग बेखबर

राजस्थान में ऊंटों के बाद रेगिस्तान की लोमड़ियों (डेजर्ट फॉक्स) में भी मेंज बीमारी फैल रही है

By Madhav Sharma

On: Tuesday 05 May 2020
 
राजस्थान में पाए जाने वाली रेगिस्तानी लोमड़ियों (डेजर्ट फॉक्स) में भी मेंज बीमारी फैल रही है। फोटो: राधेश्याम विश्नोई

ऊंटों के बाद रेगिस्तान की लोमड़ियों (डेजर्ट फॉक्स) में भी मेंज बीमारी फैल रही है। जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में कई लोमड़ियां मेंज से पीड़ित देखी गई हैं। डाउन-टू-अर्थ ने जब जैसलमेर वन विभाग के डीएफओ बेगाराम जाट से इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि 4 मई को ही हमें मामले का पता चला है। स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि लोमड़ियों में क्या रोग है? हालातों का पता लगा रहे हैं। जरूरत होने पर डॉक्टरों की टीम से भी पता कराएंगे। हालांकि जानकारों का मानना है कि ये लक्षण मेंज के ही हैं। वन विभाग को तुरंत लोमड़ियों के सैंपल लेकर लैब में भेजने चाहिए, ताकि जल्दी इलाज शुरू किया जा सके। 

बता दें कि राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसलमेर और बाड़मेर में कई महीनों से ऊंटों में भी मेंज बीमारी फैल रही है। डाउन-टू-अर्थ ने 27 अप्रैल को प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था. इसके बाद पशुपालन विभाग ने ऊंटों का इलाज करने का आदेश निकाला था. 

डाउन-टू-अर्थ को लोमड़ियों में फैल रहे मेंज की सूचना प्रोफेसर सुमित डूकिया ने दी। सुमित दिल्ली की जीजीएस इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के एनीमल इकोलॉजी एंड वाइल्ड लाइफ बायोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। बकौल सुमित, ‘मैं बीते 20 सालों से डेजर्ट पार्क में रिसर्च के सिलसिले में काम कर रहा हूं। फिलहाल मैं जैसलमेर के इस पार्क में गोंडावण की निगरानी का काम कर रहा हूं। इस दौरान ही हमें ये लोमड़ी दिखाई दी हैं। इनमें से बहुत सी लोमड़ियों की हालत ज्यादा खराब है। इनके शरीर पर बाल खत्म हो गए हैं। पहले से ही संकटग्रस्त ये प्रजाति अब मेंज के चलते मर रही हैं।’

सुमित आगे बताते हैं, ‘ये काफी पुरानी बीमारी है, लेकिन ना तो वन विभाग और ना ही किसी अन्य संस्था को इस बारे में पता है। हमारे अनुमान के मुताबिक डेजर्ट पार्क की 30-35% लोमड़ियों में मेंज की समस्या है। इनमें से 5 से 8 फीसदी लोमड़ियों में ये समस्या खतरनाक स्तर पर है। ऐसी लोमड़ियों के शरीर के सारे बाल भी उड़ चुके हैं। शारीरिक कमजोरी और शरीर में कीड़े पड़ने पर इनकी मौत हो रही है।’ 

लोमड़ियों की फोटो खींचने वाले वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर राधेश्याम विश्नोई ने डाउन-टू-अर्थ से बात की। उन्होंने बताया, ‘मैं बीते तीन साल से डेजर्ट फॉक्स में ये बीमारी देख रहा हूं, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में बीमार लोमड़ी दिखी हैं। 4 मई को ही खींचे फोटो से साफ है कि समस्या कितनी गंभीर है। पोकरण के पास धूलिया गांव में इस तरह की बीमार लोमड़ी देखी गई हैं। इसके अलावा आस-पास के गांवों में तीन-चार मृत लोमड़ी भी दिखाई दी हैं।’

राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में प्रोफेसर डॉ. अनिल कटारिया से भी इस संबंध में डाउन-टू-अर्थ ने बात की। उन्होंने बताया, “जंगली जानवरों में ये बीमारी फैलना बहुत ही खतरनाक संकेत हैं। मेरी नज़र में लोमड़ियों में मेंज बीमारी की यह अपनी तरह की पहली घटना है। हालांकि बीमारी की लेबोरेट्ररी पुष्टि नहीं है, लेकिन शुरूआती लक्षण देखने पर ये मेंज ही लग रहा है। इसके इलाज के लिए आईवरमेक्टिन दवाई दी जाती है, लेकिन जब तक लैब से रोग की पुष्टि नहीं हो तब तक कोई दवाई नहीं देनी चाहिए।

कटारिया आगे बताते हैं, ऊंटों को पालने वाले उन्हें दवाई आसानी से दे सकते हैं, लेकिन ये जंगली जानवर है। इन्हें पकड़ना ही वन विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी। चूंकि डेजर्ट पार्क का क्षेत्रफल बहुत ज्यादा है और इसमें कई गांव भी बसे हुए हैं। इसीलिए आसानी से लोमड़ी दिखाई भी नहीं देतीं। अगर बीमारी को जल्द काबू नहीं किया गया तो पहले से संकटग्रस्त रेगिस्तानी लोमड़ियों के अस्तित्व पर बड़ा संकट आ सकता है।

राजस्थान में सिर्फ 8 हजार लोमड़ी बची हैं 

प्रदेश के वन विभाग की सालाना रिपोर्ट बताती है कि राजस्थान में अब सिर्फ 8,331 लोमड़ियां ही बची हैं। इसी संख्या में डेजर्ट फॉक्स भी शामिल हैं. हालांकि स्थानीय लोग बताते हैं कि पार्त में बमुश्किल 1500-2000 लोमड़ी ही बची हैं। 3162 किमी क्षेत्र में फैले जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा संख्या में ये रेगिस्तानी लोमड़ी रहती हैं। इसके अलावा गुजरात के कच्छ रण में भी बड़ी संख्या में ये लोमड़ी पाई जाती हैं। भारत के अलावा पाकिस्तान के रेगिस्तान में भी डेजर्ट फॉक्स पाई जाती हैं।

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