Health

बरेली में बुखार से 202 मौत, प्रशासन ने सिर्फ 28 मानीं

जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक बुखार से पीड़ित मरीजों की भरमार है। जिला अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं

 
Published: Friday 21 September 2018

ज्योति पांडे, बरेली

गोरखपुर के बाद अब बरेली में भी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (दिमागी मलेरिया), मलेरिया, डेंगू और जापानी इंसेफेलाइटिस ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बरेली में पिछले 20 दिनों में बुखार से 202 मौतें हो चुकी हैं जबकि जिला प्रशासन इन मौतों की संख्या मात्र 28 मानता है। प्रशासन ने मौतों का ऑडिट कराने का ऐलान कर दिया है। जिले में अब तक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (दिमागी मलेरिया) के ही 3774 मामले सामने आ चुके हैं। 

पूरे प्रदेश में इस बार जमकर बरसात हुई है। बरेली भी इससे अछूता नहीं रहा। बरसात के बाद जलभराव हुआ। पानी में पनपते मच्छरों ने बीमारियों के डंक मार पूरे जिले को बेहाल कर दिया। जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक बुखार से पीड़ित मरीजों की भरमार है। जिला अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं। यह सारे मरीज सिर्फ दो फिजिशियन के सहारे हैं। बरेली में बुखार से मरने वालों की संख्या पर हंगामा शुरू हुआ तो स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी 12 सितंबर को यहां पहुंच गए। समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने मलेरिया अधिकारी को शासकीय कार्यों में लापरवाही और कार्य योजना के अनुरूप कार्य नहीं करने पर निलंबित कर दिया। 

गांव के बाद अब शहर में भी कहर

मझगवां, भमोरा, बिशारतगंज जैसे गांव-कस्बों के बाद अब बुखार ने शहरी इलाकों में भी दस्तक दे दी है। संजयनगर और सुभाषनगर में मलेरिया के केस पकड़ में आए हैं। सुभाष नगर के मोहित लोधी ने बताया कि उन्हें पिछले 2 दिनों से सर्दी लगकर तेज बुखार आ रहा है। जिला अस्पताल से दवा ली है। वहीं संजय नगर निवासी ओंकार सिंह ने बताया कि उनके एक साल के बच्चे को 3 दिन से लगातार बुखार है। वह निजी अस्पताल में उसका इलाज करवा रहे हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 80 से अधिक गांव में जांच की। इस दौरान 385 प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के केस मिले। इन सभी का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।   

सीएमओ का दावा, सुधर रहे हैं हालात  

शहर से लेकर देहात तक बुखार से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उसके बाद भी सीएमओ विनीत शुक्ला का दावा है कि बुखार धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रहा है। सीएमओ ने बताया कि गुरुवार को 96 टीमों ने 82 गांव में जांच शिविर लगाया। शिविर में 7 हजार से अधिक लोगों की जांच हुई जिसमें 385 लोगों में प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मिला। एक हजार से अधिक लोग सामान्य मलेरिया से पीड़ित मिले। जांच के बाद सभी को दवा दी गई और उनका इलाज शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि मझगवां और भमोरा में हालात पहले से सुधरे हैं। जिला अस्पताल में रोजाना भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम हुई है।

अलर्ट जारी

मलेरिया और डेंगू के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस के भी मरीज बरेली में मिलने शुरू हो गए हैं। गुरुवार को जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस से एक मौत भी हुई। एडी हेल्थ प्रमिला गौड़ ने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर मंडल के चारों जिलों में अलर्ट जारी किया है। सीएमओ को पत्र भेजकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 

हर आयु वर्ग में है बुखार का प्रकोप

क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट विमल भारद्वाज बताते हैं कि बुखार का प्रकोप कुछ ज्यादा ही नजर आ रहा है। हर आयु वर्ग के लोग इससे पीड़ित हैं। गांव के साथ-साथ शहर से भी बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। लोगों को यही सलाह है कि वह अपने आसपास जलभराव न होने दें। यदि पानी भरा हुआ है तो उसमें मच्छर मार दवा या मिट्टी के तेल को डाल दें। सभी लोग पूरी आस्तीन के कपड़े पहन कर रहें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार आने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। 

Subscribe to Daily Newsletter :

Comments are moderated and will be published only after the site moderator’s approval. Please use a genuine email ID and provide your name. Selected comments may also be used in the ‘Letters’ section of the Down To Earth print edition.