वैज्ञानिकों की जीवन यात्रा के अमूल्य क्षणों को उजागर करने वाली यह पुस्तक ऐसे कई मानदंड पेश करती है, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की चुनौतियों का सामना करने में मददगार हो सकते हैं।
देश की समस्याओं को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों को मन एवं आत्मा के साथ अलग नजरिए से कार्य करने की जरूरत है। यह बात विज्ञान प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कही है।
वह नई दिल्ली में "इंडियन साइंटिस्ट्स- द सागा ऑफ इंस्पायर्ड माइंड्स" पुस्तक और इंडिया साइंस वायर द्वारा जारी समाचारों एवं आलेखों के संग्रह के लोकार्पण के अवसर पर बोल रहे थे।
यह पुस्तक वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी के विकास की नींव रखने वाले देश के वैज्ञानिकों पर आधारित है। इस पुस्तक का हिंदी रूपांतरण “भारतीय वैज्ञानिक : प्रेरणा के स्रोत” शीर्षक के अंतर्गत किया गया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अलग-अलग समय में विभिन्न क्षेत्रों के 54 प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों के जीवन के प्रेरक क्षणों को शामिल किया गया है।
वैज्ञानिकों की जीवन यात्रा के अमूल्य क्षणों को उजागर करने वाली यह पुस्तक ऐसे कई मानदंड पेश करती है, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने में मददगार हो सकते हैं।
होमी जहांगीर भाभा, जगदीश चंद्र बोस, शांति स्वरूप भटनागर, सत्येंद्रनाथ बोस, सतीश धवन, एपीजे अब्दुल कलाम, हरगोविंद खुराना, राजा रमन्ना, मेघनाथ साहा, एस. चंद्रशेखर, बीरबल साहनी, रुचिराम साहनी, विक्रम साराभाई और एम. विश्वेश्वरैया समेत कई ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों के जीवन के अनछुए पहलुओं को पुस्तक में उजागर किया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह पुस्तक वैज्ञानिकों की सिर्फ जीवनी नहीं है, बल्कि यह एक अलग धरातल पर लिखी गई किताब है, जो हर वर्ग के लोगों को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों तक इस पुस्तक को पहुंचाने के लिए वह मानव संसाधन विकास मंत्री से अनुरोध करेंगे।
इस अवसर पर मौजूद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि “पुस्तक में शामिल वैज्ञानिकों के नेतृत्व और दृष्टि से जीवन के सभी क्षेत्रों में नागरिकों को समावेशी विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है।”
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. चंदरमोहन ने कहा कि यह पुस्तक विभिन्न रूपों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों पर अंतर्दृष्टि पैदा करने के उद्देश्य से लिखी गई है, जो विज्ञान संचार के एक महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करती है।” इस पुस्तक को कई नामचीन विज्ञान लेखकों ने लिखा है। इन लेखकों में बिमान बसु, डॉ. टी.वी. वेंकटेश्वरन, दिनेश सी. शर्मा, सुबोध मोहंती, सुकन्या दत्ता, हसन जावेद खान, टी.वी. जयन और रिंटूनाथ शामिल हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने पुस्तक में शामिल वैज्ञानिकों के परिजनों, मित्रों एवं उनसे जुड़े रहे वैज्ञानिकों से भी सीधा संवाद किया, जिन्हें लोकार्पण के अवसर पर खासतौर पर आमंत्रित किया गया था। इन लोगों ने देश के प्रमुख वैज्ञानिकों से जुड़े अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया।
अहमदाबाद स्थित सेंटर फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन के संस्थापक कार्तिकेय वी. साराभाई, जो अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के पुत्र हैं; रसायन-विज्ञानी डॉ टी.आर. शेषाद्री की रिसर्च स्कॉलर रहीं इलाहाबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में मानद प्रोफेसर डॉ. कृष्णा मिश्रा, खगोलविद डॉ. वेणु बप्पू के छात्र एवं वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स में कार्यरत डॉ. तुषार पुरषोत्तम प्रभु, सीएसआईआर के संस्थापक शांतिस्वरूप भटनागर के पूर्व आईएएस प्रपौत्र अरुण भटनागर और जैव-रसायनविद वाई. सुब्बाराव की जीवनी लिखने वाले एस.पी.के. गुप्ता को इस मौके पर खासतौर पर आमंत्रित किया गया था।
इस अवसर पर इंडिया साइंस वायर द्वारा वर्ष 2017 में जारी किए गए वैज्ञानिक शोधों पर आधारित समाचारों एवं लेखों के संग्रह का भी विमोचन किया गया है। इसमें इंडिया साइंस वायर द्वारा हिंदी एवं अंग्रेजी में गत वर्ष जारी की गई 425 न्यूज स्टोरीज को शामिल किया गया है, जो विभिन्न भारतीय मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित की गई हैं। ये समाचार एवं आलेख भारतीय शोध प्रयोगशालाओं, अकादमिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में हो रहे अनुसंधान कार्यों पर आधारित हैं। इसके अलावा रामानुजन अध्येतावृत्ति प्राप्त शोधकर्ताओं के कार्यों पर आधारित एक अन्य संग्रह का भी इस मौके पर लोकार्पण किया गया है।
(इंडिया साइंस वायर)
We are a voice to you; you have been a support to us. Together we build journalism that is independent, credible and fearless. You can further help us by making a donation. This will mean a lot for our ability to bring you news, perspectives and analysis from the ground so that we can make change together.
India Environment Portal Resources :
Comments are moderated and will be published only after the site moderator’s approval. Please use a genuine email ID and provide your name. Selected comments may also be used in the ‘Letters’ section of the Down To Earth print edition.