कोविड-19 लॉकडाउन: 28 फीसदी प्रवासी मजदूरों को कमरे के किराये के लिए किया गया परेशान
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क ने दिल्ली में काम करने वाले अलग-अलग राज्यों के लोगों पर सर्वेक्षण किया
कोविड-19 लॉकडाउन भले खत्म हो जाये, लेकिन गरीब भूखे ही रहेंगे
11 राज्यों के गरीब व कमजोर तबके से जुड़े 4000 लोगों पर सर्वे किया गया, दो तिहाई ने कहा कि उन्हें कम खाना मिल रहा ...
रोटी, कपड़ा, मकान और वैक्सीन की राजनीति
सस्ते अनाज की तरह अब वैक्सीन भी चुनावी हथकंडा बन गया है
कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा संकट और दबाव में हैं गांव की महिलाएं : आईएफएडी
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर यूएन की ओर से कहा गया कि इस वक्त देश की सरकारों को सबसे ज्यादा ग्रामीण महिलाओं की सुरक्षा ...
कैग रिपोर्ट : बंद किए गए उपकरों से भी सरकार ने भरी झोली, न कृषि कल्याण और न मजबूत हुई तकनीकी
कैग ने कहा कि रिजर्व फंड की उदासीनता वित्त मंत्रालय की विफलता है। भारत की संचित निधि में रह जाने वाले उपकरों की राशि ...
भारत को फिर से बुलंद करना होगा गरीबी हटाओ का नारा
केवल गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चलाने से कुछ नहीं होगा, सभी गरीबों के लिए व्यापक कार्यक्रम ...
कोरोनावायरस के चलते 2021 तक गरीबी के चरम स्तर पर होंगे 15 करोड़ अतिरिक्त लोग
यह आंकड़ा वर्ल्ड बैंक द्वारा अप्रैल में लगाए गए अनुमान का लगभग दोगुना है
आज के दौर में गांधी की प्रासंगिकता सबसे अधिक
जब नैतिक सिद्धांत राजनीति से लगभग गायब हो गए हैं, तो गांधीवादी मूल्य एक प्रभावी विकल्प के रूप में दिखाई देते हैं
जग बीती: गांव जाएं या शहर
मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 29,415 की मौत, लेकिन कौन थे ये लोग?
सरकार ने संसद को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, उनके पास इसके आंकड़े नहीं हैं
देश के 67 फीसदी हथकरघा कामगारों की आमदनी 5,000 रुपए महीने से कम: सरकार
राज्यसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में कपड़ा मंत्री ने बताया कि 1 फीसदी हथकरघा कामगारों की आमदनी 20 हजार महीना से अधिक ...
संसद में आज: लॉकडाउन में अपने गृह राज्यों में लौटे 1.04 करोड़ प्रवासी श्रमिक
संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र के पहले दिन क्या कुछ खास हुआ, यहां पढ़ें
उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन: रोल मॉडल तैयार करे राज्य सरकार
दुखद बात यह है कि अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में पहाड़ों से पलायन और तेजी से बढ़ा
उत्तराखंड में रिवर्स पलायन: अर्थ और विकास नीति में व्यापक बदलाव की जरूरत
पहाड़ और मैदान के बीच भेदभाव दूर करने के लिए अर्थ और विकास नीति में व्यापक बदलाव करना होगा
बड़ी पड़ताल: उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन, कितना टिकाऊ?
पांच साल के अंतराल में खींची गई इन दो तस्वीरों में एक मामूली अंतर है। दूसरी तस्वीर में न केवल दो लोग अतिरिक्त हैं, ...
आत्महत्या करने वालों में एक चौथाई दिहाड़ी मजदूर: एनसीआरबी
एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में आत्महत्या करने वालों में 66 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी आमदनी 278 रुपए प्रतिदिन से कम थी
भारत में शिखर पर पहुंचा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात
भारत द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में 24,950 मीट्रिक टन ज्यादा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात किया था ...
कोरोना काल में लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा उत्तराखंड?
कोरोना काल में उत्तराखंड में 3.30 लाख से अधिक प्रवासी लौटे हैं, लेकिन इनमें से कितने प्रवासियों को राज्य सरकार रोक पाएगी?
डीबीटी: दुनिया भर में अपनाई जा रही है यह योजना
मार्च के अंत तक 84 देशों ने कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और नौकरियों के कार्यक्रम लागू किए
डीबीटी: 23 प्रतिशत लोगों के पास नहीं हैं बैंक खाते तो कैसे मिलेगा पैसा
डीबीटी का फायदा तब ही मिल सकता है, जब बैंक खाते होंगे और बैंक भी आधार नंबर से जुड़े होंगे तो फिर कितने को ...
डीबीटी: स्वीकार्यता बढ़ी, लेकिन लाभ कितना बढ़ा?
1 जनवरी 2013 को भारत पहली बार सात केंद्र प्रायोजिक योजनाओं को डीबीटी के अधीन ले आया
डीबीटी: गरीब और किसानों के लिए कितनी फायदेमंद
कोविड-19 वैश्विक आपदा के समय में डीबीटी यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन क्या यह फायदेमंद रहा?
कोविड-19 के कारण लौटे 45 फीसदी प्रवासी उत्तराखंड में रुक सकते हैं: रावत
कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को राज्य में कैसे रोकेगी सरकार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया-
बिना हथकरघा बोर्ड के राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रही है सरकार
केंद्र सरकार ने हाल ही में अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड को समाप्त कर दिया है
कोविड-19: नगद हस्तांतरण को अपनाने से पहले इन बातों का रखना होगा ध्यान
दुनियाभर के तमाम देश कोविड-19 संकट को लेकर डिजिटल भुगतान अपना रहे हैं। ऐसे में उन्हें हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ...