India’s deep economic paralysis just set in
Amid the second wave of the COVID-19 pandemic, India enters into a situation that currently looks unimaginably distressed.
सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए आंकड़ों से क्यों खेल रही है?
जहां एक तरफ आंकड़ों को जारी होने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संवाद आंकड़ों पर आधारित हो रहा है
Have regional parties delivered?
They have not offered an alternative path to development to reflect local aspirations
Public spending to rescue Indian economy: Economic Survey 2020-21
The Survey hints Union Budget 2021-22 will be a 'maximum government' affair
17 साल से लगातार कृषि क्षेत्र में कम हो रहा है सरकारी निवेश
आम धारणा के विपरीत, वैश्विक अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगातार बढ़ रहा है
Employed but poor
Poverty among employed people underscores the need for a new strategy on job creation
It is official: The monsoon is the chief finance minister of India
Economic growth in 2016-17 depends critically on a good monsoon, says Economic Survey
End of dividend
Automation will de-skill people; need human-in-command approach: ILO
The Global Commission on the Future of Work says automation and other technologies will leave behind those who are least equipped for this …
कृषि संपन्न क्षेत्रों में बढ़ रही है ग्रामीण युवाओं की आबादी, लेकिन …
ग्रामीण युवाओं पर जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-12 से ग्रामीण पुरुष व महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में ...
1 करोड़ नौकरियों का वादा किसका था?
एनडीए सरकार ने 2001 में यह वादा किया था लेकिन अब वर्तमान सरकार भी नौकरियां सुरक्षित न कर पाने की वही गलती दोहरा रही ...
कहीं बोझ ना बन जाए युवा, मौका भुनाने के लिए कौशल विकास पर देना होगा ध्यान
भारत को अगले एक दशक तक अपनी आबादी का फायदा मिलेगा, लेकिन इस मौके को भुनाने के लिए कौशल विकास में पंख लगाने की ...
चौथी औद्योगिक क्रांति के पीड़ित
2025 तक स्वचालन (आटोमेशन) से 8.5 करोड़ लोगों के नौकरी गंवाने के अनुमान है
For the record
अमृत काल बनाम न्यू इंडिया: आर्थिक संकट के बीच आध्यात्मिक राजनीतिक एजेंडा का दौर
गहरे आर्थिक संकट के वक्त हम अवास्तविक राजनीतिक एजेंडा को क्यों तवज्जो देते हैं
कॉरपोरेट कर व्यवस्था : दूर के ढोल सुहावने
वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर पर हुए समझौते के बाद यह कहा जा रहा है कि इससे अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में कर ...
स्थानीय बाजारों में फसलें बेच रहे हैं अधिकतर किसान: एनएसओ रिपोर्ट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकारी एजेंसियों के पास सबसे कम किसान फसल बेचते हैं
खुशहाली मापने का आधार नहीं है बढ़ती जीडीपी
दुनिया को धीरे-धीरे एहसास हो रहा है कि आय अथवा जीडीपी से खुशहाली नहीं मापी जा सकती, भारत के उदाहरण से भी इसे समझा ...
Where will farmers go to get jobs?
There is a significant reduction in farm jobs. India must create alternative opportunities for those abandoning agriculture
एक सर्जिकल स्ट्राइक बेरोजगारी पर
सत्ता में कोई भी रहे, आतंकवाद की तरह ही बेरोजगारी भी लगातार बढ़ती रही है। जबकि इससे निपटने के लिए हमें सीमा पार करने ...
The unbearable burden of 2015
This is the second full budget of the NDA, coinciding with the second year of its governance
Rush for new development goals
UN works on agenda to follow millennium goals; civil society says it has been given little role
Reclaiming retail democracy
आंकड़ों से किसे और क्यों लगता है डर
मौजूदा समय में इस संगठन के बहुत से सर्वेक्षणों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है, शायद इसलिए कि उसके नतीजे राजनीतिक नेतृत्व को ...
युवाओं का व्यापक असंतोष क्या वैश्वीकरण का घड़ा फूटने का संकेत है?
दुनिया की युवा आबादी एक ऐसी मुक्त बाजार वाली दुनिया में पली-बढ़ी है, जहां उसने 'प्रतिबंधित अर्थव्यवस्था' नामक किसी चीज के अस्तित्व जाना ही नहीं है