कोविड-19 महामारी से त्रस्त साल में बढ़ी अरबपतियों की संख्या
2008 की आर्थिक मंदी के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि केवल अमीर ही और अमीर बनेंगे, बजाय इसके कि गरीब अमीर बनेंगे ...
What did the billionaires lose during COVID-19 pandemic?
The bloom of the billionaires continued uninterrupted without an exception even during the COVID-19 pandemic
आर्थिक मंदी: गरीबी दूर होगी बशर्ते…...
व्यावसायिक समूह के जरिए कर चोरी के कारण सरकारों को 200 अरब डॉलर से 600 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है
आर्थिक सर्वे में मिले आम बजट के 5 बड़े संकेत
साल 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण ने देश में रोजगारहीन विकास को एक प्रमुख चुनौती करार दिया है
आर्थिक सर्वे में मिले आम बजट के 5 संकेत
साल 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण ने देश में रोजगारहीन विकास क…
Chitapur: A village that counts its GDP in tamarind trees
Staple food grain being supplied cheaper, forest produce become the most important economy in forest-dwelling villages, sidelining agriculture
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
India’s deep economic paralysis just set in
Amid the second wave of the COVID-19 pandemic, India enters into a situation that currently looks unimaginably distressed.
सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए आंकड़ों से क्यों खेल रही है?
जहां एक तरफ आंकड़ों को जारी होने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संवाद आंकड़ों पर आधारित हो रहा है
सामान्य मानसून के बावजूद सूखे के पूरे आसार!
एक सामान्य मानसून के पूर्वानुमान को किसानों के फायदे से जोड़ना बेमानी बात है। जो रूझान दिख रहे हैं, उसे एक आपदा की शुरुआत ...
The world will miss the SDG target 1, a poverty-free world
1.6 people should escape poverty every second but currently just 1.1 are doing so. Worryingly, by 2020, the rate of poverty reduction would …
कृषि संपन्न क्षेत्रों में बढ़ रही है ग्रामीण युवाओं की आबादी, लेकिन …
ग्रामीण युवाओं पर जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-12 से ग्रामीण पुरुष व महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में ...
Automation will de-skill people; need human-in-command approach: ILO
The Global Commission on the Future of Work says automation and other technologies will leave behind those who are least equipped for this …
1 करोड़ नौकरियों का वादा किसका था?
एनडीए सरकार ने 2001 में यह वादा किया था लेकिन अब वर्तमान सरकार भी नौकरियां सुरक्षित न कर पाने की वही गलती दोहरा रही ...
अमृत काल बनाम न्यू इंडिया: आर्थिक संकट के बीच आध्यात्मिक राजनीतिक एजेंडा का दौर
गहरे आर्थिक संकट के वक्त हम अवास्तविक राजनीतिक एजेंडा को क्यों तवज्जो देते हैं
कॉरपोरेट कर व्यवस्था : दूर के ढोल सुहावने
वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर पर हुए समझौते के बाद यह कहा जा रहा है कि इससे अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में कर ...
स्थानीय बाजारों में फसलें बेच रहे हैं अधिकतर किसान: एनएसओ रिपोर्ट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकारी एजेंसियों के पास सबसे कम किसान फसल बेचते हैं
खुशहाली मापने का आधार नहीं है बढ़ती जीडीपी
दुनिया को धीरे-धीरे एहसास हो रहा है कि आय अथवा जीडीपी से खुशहाली नहीं मापी जा सकती, भारत के उदाहरण से भी इसे समझा ...
Where will farmers go to get jobs?
There is a significant reduction in farm jobs. India must create alternative opportunities for those abandoning agriculture
एक सर्जिकल स्ट्राइक बेरोजगारी पर
सत्ता में कोई भी रहे, आतंकवाद की तरह ही बेरोजगारी भी लगातार बढ़ती रही है। जबकि इससे निपटने के लिए हमें सीमा पार करने ...
The unbearable burden of 2015
This is the second full budget of the NDA, coinciding with the second year of its governance
Rush for new development goals
UN works on agenda to follow millennium goals; civil society says it has been given little role
आंकड़ों से किसे और क्यों लगता है डर
मौजूदा समय में इस संगठन के बहुत से सर्वेक्षणों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है, शायद इसलिए कि उसके नतीजे राजनीतिक नेतृत्व को ...
युवाओं का व्यापक असंतोष क्या वैश्वीकरण का घड़ा फूटने का संकेत है?
दुनिया की युवा आबादी एक ऐसी मुक्त बाजार वाली दुनिया में पली-बढ़ी है, जहां उसने 'प्रतिबंधित अर्थव्यवस्था' नामक किसी चीज के अस्तित्व जाना ही नहीं है
Every 30 hours, world gets a new billionaire, a million new poor
The question no longer is why poor remain poor, but why rich get richer this fast