पारंपरिक ज्ञान में छिपे जल विवाद समाधान के सूत्र
देश में 17 अंतरराज्यीय नदियां हैं, इसलिए जल विवादों का होना असामान्य बात नहीं है। लेकिन जल बंटवारे को लेकर स्थायी समझ का नहीं ...
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
कृषि संपन्न क्षेत्रों में बढ़ रही है ग्रामीण युवाओं की आबादी, लेकिन …
ग्रामीण युवाओं पर जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-12 से ग्रामीण पुरुष व महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में ...
उल्टी गिनती शुरू
राज्यों में इस साल और लोकसभा के अगले साल होने वाले चुनाव में किसानों के मुद्दे अहम भूमिका निभाएंगे।
रहिमन पानी राखिए
सूखे के निपटने के लिए 150 वर्षों के अनुभव के बाद भी भारत इस दिशा में कारगर कदम क्यों नहीं उठा पाया है?
खेती किसानी छोड़ रहा है ग्रामीण भारत, आजीविका के लिए कहां जाएं किसान
ग्रामीण भारत अब कृषि पर निर्भरता कम करता जा रहा है, लेकिन क्या गैर कृषि क्षेत्र में उसके लिए संभावनाएं हैं
सुनारों की नहीं, किसानों की है अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया सिर्फ सोना खरीदने का दिन नहीं है यह किसानों के लिए कृषि के नए चक्र की शुरुआत का भी दिन है।
रोजगार के लिए कहां जाएं किसान
कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। भारत में कृषि छोड़ने वाले लोगों के लिए विकल्प की सख्त दरकार है।
117 सालों में छठा सबसे गर्म साल रहा 2018
करीब 60 करोड़ भारतीय ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां अधिक तापमान और वर्षा जीवनस्तर पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी
आर्थिक मंदी: गरीबी दूर होगी बशर्ते…...
व्यावसायिक समूह के जरिए कर चोरी के कारण सरकारों को 200 अरब डॉलर से 600 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है
सूखे का दंश : सूखाग्रस्त जिलों से ही पूरी होगी खाद्यान्न आत्मनिर्भरता
भारत में पिछले 40 सालों से बुवाई का क्षेत्र स्थिर है। खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाना ...
15 साल में धरती का 35,204 वर्ग किमी वन क्षेत्र कम हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के दबाव और गरीबी के कारण भूमि क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं
रोजगार मिलने पर भी बदहाल
दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले गरीबी में जिंदगी गुजार रहे हैं। इनमें उन लोगों का अच्छा खासा प्रतिशत है जिनके ...
आर्थिक सर्वे : किसानों ने कम किया उपभोग तो नीचे बैठ गई विकास दर
सस्ते अनाज ने किसानों को कम पैदावार के लिए मजबूर किया जिसके कारण उपभोग पर भी खर्च कम हुआ।
निजी या सरकारी: कृषि पर कौन कर रहा है कितना निवेश
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कृषि में अधिक निजी निवेश चाहते हैं, लेकिन यह पहले से ही निजी निवेश पर कायम है
कॉरपोरेट के नियंत्रण में खेती से किसका भला होगा
कॉरपोरेट से खेती कराने को लेकर भारत सहित दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इससे फायदा किसको ...
नीति आयोग लघु सिंचाई निजी हाथों में देना चाहता है
माना जा रहा है कि वर्तमान कार्यक्रमों और उपलब्ध बजट के तहत भारत में लघु सिंचाई की पूर्ण क्षमता विकसित होने में कम से ...
कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय?
मोदी ने दो साल पहले भी 2022 तक आमदनी को दोगुना करने का वादा किया था। इस दफा उन्होंने नए भारत के अजेंडे की ...
मवेशियों का पाद ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार: यूएनईपी
यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक की रिपोर्ट में मांस के उपभोग को ग्लोबल वार्मिंग के लिए अनियंत्रित खतरा बताया गया है
आधा समय गुजरा, किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य अब भी दूर की कौड़ी
इस दर से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा। इसे हासिल करने में 25 ...
किसानों से 100 लाख हेक्टेयर उपजाऊ जमीन लेकर बंजर दी
उपजाऊ जमीन का दूसरे काम में उपयोग हुआ। इसकी भरपाई बंजर जमीन से की गई। भारत में कृषि संकट के लिए जिम्मेदार इस पहलू ...
पहले कभी नहीं हुई ऐसी विलुप्ति
यह एजेंडा पूरी मानवता के लिए है कि वह इस धरती और उसके संसाधनों को मानवीय हमलों से बचाए
परागणकारी जीवों की कमी के बावजूद वैश्विक अनाज उत्पादन में बढ़ोत्तरी
वैश्विक संस्था आईपीबीईएस की ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक बीते 50 वर्षों में परागण पर निर्भर रहने वाली वैश्विक फसलों में 300 फीसदी की बढोत्तरी हुई ...
15 प्रतिशत बड़े किसानों के पास 91 प्रतिशत आय
किसानों में आय की असमानता कृषि संकट में वृद्धि कर रही है। यह असमानता अर्थव्यवस्था के दूसरे सेक्टरों के मुकाबले अधिक है
सर, अगर हम जंगल को परिभाषित करते हैं, तो कई खामियां पैदा होंगी : पर्यावरण मंत्रालय
वन की स्पष्ट परिभाषा न होने पर संसदीय समिति के सवाल पर केंद्रीय वन मंत्रालय का जवाब