मानसून अच्छा, हाल बुरा
सरकार चाहती है कि किसान और किसानी दोनों अप्राकृतिक मौत मर जाएं
नई सरकार के सामने न्यू इंडिया में भारत को बचाने की चुनौती
मोदी सरकार के सामने चुनौती होगी कि वह किसानों को फसल का उचित दाम दिलाए और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त इंतजाम करने ...
17 साल से लगातार कृषि क्षेत्र में कम हो रहा है सरकारी निवेश
आम धारणा के विपरीत, वैश्विक अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगातार बढ़ रहा है
मानसून का पीछा 2019 : जुलाई में कम वर्षा मतलब सामान्य से कम मानसून
यदि जून में वर्षा 100 मिलीमीटर से कम रहती है तो ऐसा बीते 118 वर्षों में चौथी बार होगा
सूखे का दंश: सामान्य मॉनसून सूखे से बचने की गारंटी नहीं
सूखा एक स्थायी आपदा है जो हर साल 5 करोड़ भारतीयों को प्रभावित करता है। देश का 33 प्रतिशत हिस्सा लंबे समय से सूखे ...
जुदा है यह मानसून
लगातार तीन वर्षों से सूखे और की मार झेल रहे किसानों की आय में इस बार भी बढ़ोतरी मुश्किल है। बंपर पैदावार भी उनके ...
अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस : मानव और एलियन बने जैवविविधता के दुश्मन
एशिया प्रशांत के द्वीपों और समुद्र में एक नए आक्रमणकारी परिग्रही (एलियन) ने स्थानीय जैव विविधता के लिए तनाव पैदा कर दिया है। खतरनाक यह ...
हीट वेव : 2050 तक 250 करोड़ लोगों के पास होंगे एयरकंडीशनर
जिन देशों में अब तक एसी की जरूरत नहीं रहती थी, अब वहां भी तापमान व लू बढ़ने से घरों में एसी लगाने पड़े ...
सामान्य मानसून के बावजूद सूखे के पूरे आसार!
एक सामान्य मानसून के पूर्वानुमान को किसानों के फायदे से जोड़ना बेमानी बात है। जो रूझान दिख रहे हैं, उसे एक आपदा की शुरुआत ...
10 लाख प्रजातियों पर खतरा, इंसान है जिम्मेवार : रिपोर्ट
जैव-विविधता और पारिस्थितिकी सेवाओं के अंतर सरकारी विज्ञान नीति मंच (आईपीबीईएस) ने अपनी वैश्विक आकलन रिपोर्ट जारी कर दी है, जो काफी डराने वाली ...
आधे से ज्यादा आदिवासियों ने घर छोड़ा
आदिवासी खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। हर दूसरा आदिवासी परिवार असंगठित क्षेत्र में मजदूरी कर गुजर-बसर को मजबूर है
खुशहाली मापने का आधार नहीं है बढ़ती जीडीपी
दुनिया को धीरे-धीरे एहसास हो रहा है कि आय अथवा जीडीपी से खुशहाली नहीं मापी जा सकती, भारत के उदाहरण से भी इसे समझा ...
ऊंची कीमत के बाद भी घाटे में क्यों है किसान?
खेतीबाड़ी करने वाला पांच लोगों का एक परिवार एक दिन में 221 रुपए कमाता है जो एक व्यक्ति की न्यूनतम दिहाड़ी मजदूरी से भी ...
पहला पेशा, अंतिम मौका
करीब 120 वर्षों से कृषि शिक्षा के जरिए भारत की खेती-किसानी को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने का दावा किया जा रहा है। ...
मनरेगा में आधी से ज्यादा है आधी आबादी की हिस्सेदारी
2018-19 में मनरेगा के तहत काम करने वालों में महिलाअेां की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही, जो पिछले कुछ सालों से लगभग इतनी ही है
गांवों पर केंद्रित होगा बजट, लेकिन लाभार्थियों को लाभ देने पर होगा जोर
अगर किसी भी बजट में फील-गुड फैक्टर होता है, तो इस साल यह होना चाहिए
मनरेगा रिपोर्ट कार्ड : 2018-19 में जल संरक्षण व सिंचाई से संबंधित 18 लाख काम पूरे नहीं हो पाए
साल 2018-़19 के दौरान हुए मनरेगा के कार्यों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि मनरेगा के काम पूरे हो जाते तो सूखे ...
उड़ीसा के लिए बड़ा आर्थिक बोझ साबित हो सकता है चक्रवात फोनी
उड़ीसा में 1999 की भयानक तबाही लाने वाले चक्रवात की तरह बेहद तीव्र और गंभीर चक्रवात 3 मई को सूबे से टकरा सकता है।
Rural India’s expenditure on food has been declining since 1972
The leaked NSSO report on consumption expenditure reveals the state of India’s rural economy
India's data blockade: Certainly uncertain terrain
No recent NSSO survey release passed without controversy
Will electoral compulsions force govt to use muscular tech?
Display of technological power is being identified as a valid political tool to galvanise public sentiment
Tax avoided by corporate groups can eradicate global poverty
As economic slowdown murmur becomes loud across the world, the debate over income inequality gains volume
Payment for Ecosystem Services: Himalayan states should demand more
Their demand for “green bonus” triggers the payment for ecosystems debate
‘Accelerating exodus from farming key to achieve target of doubling income’
To double farmers’ income reduce the number of farmers, suggest policy makers
Droughts: misery in slow motion
Successive droughts and water scarcity are causing long-term harm in ways that are poorly understood and inadequately acknowledged