3000 नील गायों को मारेगी सरकार, पर किसानों ने निकाला बचाव का दूसरा तरीका
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थानीय प्रशासन नील गायों को मारने की तैयारी कर रहा है
नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
मध्यप्रदेश सरकार बना रही है वन्यप्राणी अभयारण्य, आदिवासियों के विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश वन विभाग पश्चिम मंडला वनमंडल के जबलपुर से लगे चार रेंज बरेला, बीजाडांडी, काल्पी और टिकारिया के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 35 हजार किमी जंगल ...
दुनिया के आधे से ज्यादा गरुड़ भारत के इस इलाके में रहते हैं, जानते हैं क्यों
भारत के इस इलाके में विलुप्तप्राय प्राणी गरुड़ की आठ में से छह प्रजातियों की आबादी सफलतापूर्वक प्रजनन और वंश वृद्धि कर रही है
प्रवासी पेलिकन की पीड़ा
राजस्थान में बड़ी संख्या में आने वाले पेलिकन को ठेकों के कारण मछलियां नहीं मिल रही हैं
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...
गिद्धों को बचाने के लिए खुला है अनूठा रेस्टोरेंट
दुनिया से विलुप्त हो रहे गिद्धों के लिए हिमाचल के पौंग डैम वैटलैंड में वाइल्डलाइफ विंग ने रेस्टोरेंट शुरू किया है, जहां लोग अपने ...
कैसे मान लें कि विलुप्त हो रही हैं प्रजातियां, वैज्ञानिक ढूंढ़ रहे फार्मूला
हमें जानना होगा कि पूर्व में कितने शेर रहे होंगे और कितनों का शिकार हुआ होगा, अब कितने बचे हैं
पहाड़ों पर रह रही हैं 85 फीसदी जीव प्रजातियां
एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्वत दुनिया के 85 फीसदी से अधिक प्रजातियों का घर हैं, कई प्रजातियां ऐसी है जो केवल पहाड़ों ...
जंगल से आये हाथियों ने किसान को कुचल डाला
इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक इसके कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़े जा सके हैं।
पक्षियों के लिए खतरा बन रही हैं पवन-चक्कियां: अध्ययन
इस अध्ययन के दौरान सामाख्याली में 11 प्रजातियों के पक्षियों के 47 कंकाल मिले हैं, जबकि हरपनहल्ली के पास तीन प्रजातियों के सात पक्षी कंकाल ...
मोतीचूर इलाके में गुलदार के हमले से 5 साल में 22 लोगों की मौत
देहरादून में पिछले पांच-छह सालों से मोतीचूर रेंज से सत्यनारायण क्षेत्र के बीच करीब 6 से 7 किलोमीटर के इलाके में गुलदार का आतंक ...
संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बढ़ रहा है तेंदुए का अनुकूलन
पश्चिम बंगाल के चाय बागानों और उनके बीच स्थित मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र के करीब 400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यह अध्ययन किया ...
सांभर झील: हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत, विषाणु हमले की गुंजाइश बेहद कम
अब तक सात अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल और लुधियाना भेजे गए हैं। फ्लेमिंगो और अन्य कई प्रजाति के ...
वन्य प्राणियों के लिए मौत का फंदा बनती जा रही हैं बिजली की तारें
वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में करीब 200 से अधिक जंगली जानवर की मौत करंट लगने के ...
विलुप्ति से बचाएगा शेरों का नया आनुवंशिक अध्ययन
शोधकर्ताओं ने शेरों को विलुप्ति से बचाने के लिए उनके जीनोम का एक व्यापक परीक्षण किया है। एक जीव का जीनोम उसके वंशानुगत जानकारी ...
कोरोना के साथ वन्यजीवों को शिकार से बचाने की भी चुनौती बढ़ी
देहरादून और नैनीताल के चिड़ियाघरों में खासतौर पर बिल्ली के प्रजातियों वाले बाघ-गुलदार जैसे जानवरों की विशेष निगरानी की जा रही है
पलामू टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत पर क्यों मचा बवाल
बाघिन की मौत की अलग-अलग वजह बताई जा रही हैं
तो क्या उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हो गई गुलदारों की संख्या?
उत्तराखंड में गुलदार और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसको लेकर कोई योजना इसलिए नहीं बन पा रही है, क्योंकि ...
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
किसानों ने पेश की मिसाल, पक्षियों के लिए दी अपनी जमीन
इस पक्षी अभयारण्य 140.29 एकड़ जमीन में फैले इस पक्षी अभयारण्य की देख रेख का जिम्मा भी समुदाय के हाथ में ही होगा
जानें क्यों जंगलों में बीज बम फेंक रहे हैं ये युवा
उत्तराखंड में 40 युवाओं का एक दल जंगलों में जगह-जगह बीज बम फेंक रहा है। इनका मकसद वन्य जीवों के साथ-साथ खेती-किसानी बचाना है।
शिकारियों के फंदे में फंसकर मरा बाघ
स्थानीय लोगों का कहना है कि कैमरे हटते ही शिकारी सक्रिय हो गए हैं। बाघ की मौत के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा ...
दुधवा नेशनल पार्क में मिली पक्षियों की चार नई प्रजातियां
टाइगर, गैंडों, हाथी और घड़ियाल के लिए मशहूर दुधवा नेशनल पार्क में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक शीतकालीन पक्षी गणना की गई
खतरे में प्रवाल-भित्तियां
दुनिया भर में प्रवाल-भित्ति या मूंगे की चट्टानों को जैसा नुकसान आजकल पहुंच रहा है, इतना गंभीर खतरा कभी नहीं देखा गया। इससे इनका ...