गांधी जयंती पर विशेष: पर्यावरण बचाने के लिए एकमात्र विकल्प है गांधी की राह
पर्यावरण और इससे जुड़ी चिंताएं आज के समय जितनी उग्र रूप में नहीं थीं, लेकिन गांधी ही थे, जिन्होंने भविष्य की चिंताओं को भांपते ...
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -6: अहिंसा की प्रासंगिकता
दुनिया में युद्ध को लेकर आकर्षण बढ़ा है। लोग यह मानने लगे हैं कि गरीबी, भुखमरी, गैरबराबरी और पर्यावरण असंतुलन, युद्ध के बिना खत्म ...
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -4: प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी भरा उपयोग चाहते थे गांधी
प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर गांधी का दृष्टिकोण
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -2 : प्राकृतिक स्वराज के मायने
गांधी जयंती के मौके पर डाउन टू अर्थ की ओर से एक श्रृखंला प्रकाशित की जा रही है। इस कड़ी में प्रस्तुत है गांधी ...
गांधी के डांडी गांव को है दिन बहुरने का इंतजार
डांडी गांव को देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं, लेकिन गांव की हालत देखकर निराश हो जाते हैं
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -5: नदियों में बढ़ती गंदगी से नाराज थे गांधी
गांधी ने नदी प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मानव मल-मूत्र को नदियों में बहाने की बजाय उससे खाद तैयार करने पर जोर ...
Gandhi at 150: His tryst with food
He viewed food as an opportunity to allow free exchange of culture
महात्मा से पर्यावरणविद
महात्मा गांधी यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि अन्य मनुष्यों तथा प्रकृति को कम-से-कम हानि पहुंचाकर किस प्रकार सामाजिक परिवर्तन लाया जा ...
Gandhi's Challenge to Modern Science
Gandhi at 150: He walked 18 kms a day and avoided using cars, rickshaws
He was ahead of his times in choosing sustainable transport for his tours and travel
MGNREGA causing labour crisis: RBI
Rural households in six states said they prefer working under MGNREGA rather than traditional labour, leading to an agricultural labour crisis
गांधीवादी औजार से बचेगी प्रकृति
महात्मा गांधी की विचारधारा में आप एक पर्यावरणविद की सोच भी देख सकते हैं। वास्तव में यह कहना अधिक प्रासंगिक होगा कि गांधीवाद के ...
सेवाग्राम आश्रम ने सिखाया बराबरी से व्यवहार करना
संस्मरण: गांधी के सेवा ग्राम आश्रम जो भी एक बार चला गया, उसके जीवन में परिवर्तन होना स्वाभाविक है
News Snippets
MGNREGA scheme failed on many counts: report
In the last five years, the average person days of work generated per household under MGNREGS remained less than 50 across years
Kendriya Bhandar to open outlets in more states
More than 60-year-old cooperative commits to Gandhian values to stay relevant
हिंदू, मुस्लिम और दलितों के अलग-अलग चूल्हे देख बापू को आ गया था गुस्सा
गांधीजी को इस पर आश्चर्य हुआ और उन्होंने पूछा कि तीन जगह खाना क्यों बन रहा है, तो बताया गया कि हिंदू सवर्ण, मुस्लिम ...
Mira Behn: A friend of nature
The urge to be close to nature guided Madeleine Slade, who came to be known as Mira Behn, throughout her life
Gandhi revisited
Development policies based on Gandhian philosophy, rather than consumerism, are the best bet for tackling current environmental and development …
मनरेगा में पारदर्शिता पर सवाल, केवल दो राज्यों के हर जिले में हैं लोकपाल
18 राज्यों में अभी भी स्वतंत्र सोशल ऑडिट यूनिट निदेशक की नियुक्ति नहीं की गई है
MGNREGS: How the employment guarantee scheme holds up after 14 years
The scheme helped villagers beat poverty, created assets; Despite criticisms, it's time to ready MGREGS 2.0
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -3: पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर गांधी दर्शन
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर गांधी दर्शन पर विशेष लेख
गांधी, 21वीं सदी का पर्यावरणविद -1 : अमूल्य पर टिकी गांधी की दृष्टि
गांधी ने टिकाऊ विकास शब्दावली गढ़े जाने से आधी सदी से अधिक समय पहले ही पर्यावरणीय संकट की आशंका जाहिर कर दी थी
MGNREGA: Drought-hit India abandoned 18 lakh water works in just one year
India's villages miss a golden chance to become drought-proof as more MGNREGA projects grind to a halt
Why MGNREGS workers sought police complaints against the PM
Non-payment of dues, insufficient funds cause for concern