जग बीती: कॉप-27, गरीब-अमीर की लड़ाई
जग बीती: हिटलर की चाह!
कॉप-27 का समापन क्या दुनिया के लिए नई सुबह लेकर आएगा?
कॉप-27 में जलवायु परिवर्तन से हो रहे नुकसान व क्षति के लिए कोष का गठन करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया
कॉप-27 का हासिल: नुकसान एवं क्षति कोष को मंजूरी, मजबूरी या जरूरी?
मौसमी गतिविधियों के चलते क्षति और नुकसान का जो आकलन किया जाता है, उसमें मौसमी गतिविधियों के गैर-आर्थिक प्रभाव शामिल नहीं होते
कॉप 27 का प्रमुख प्रायोजक कोका-कोला, प्लास्टिक प्रदूषण के मामले में भी है अव्वल
2022 के दौरान वैश्विक स्तर पर इकठ्ठा किए सभी प्लास्टिक कचरे में कोका-कोला ब्रांड से जुड़े कचरे की हिस्सेदारी 7.32 फीसदी थी, जो 2018 ...
एक मरीचिका साबित हुआ कॉप-27
तीन दशक के इतिहास में कॉप-27 सम्मेलन को सबसे खराब कार्यक्रम के रूप में याद किया जाना चाहिए
सामाजिक अध्ययनों में आपदा के जिम्मेदारों की भूमिका तय करने की जरूरत: अच्युताराव
पाकिस्तान में आई बाढ़ को जलवायु परिवर्तन ने और अधिक संगीन बना दिया था। लेकिन, इसकी जिम्मेवारी ऐतिहासिक रूप से प्रदूषण फैलाने वालों के ...
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: कॉप-27 से क्या हुआ हासिल?
मिस्र के शहर शर्म अल शेख शहर में एक पखवाड़े तक चले कॉप-27 में आखिरकार नुकसान व क्षति के लिए कोष बनाने की मंजूरी ...
उष्णकटिबंधीय जंगल कटने से 25 फीसदी कार्बन उत्सर्जन का हो रहा है सफाया
पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के वातावरण से कम से कम ...
अयस्क क्षेत्र को आधुनिकता की जरूरत
भारत के इस्पात उत्पादन को तीन गुणा बढ़ाकर भी साल 2030 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में भारी कमी लाना संभव है, लेकिन इसके ...
कॉप 27: मौसम के पूर्वानुमान प्रणाली पर तीन बिलियन डॉलर खर्च करने की सहमति बनी
विकासशील देशों में मौसम संबंधी चेतावनी प्रणालियों पर सिर्फ 80 करोड़ डॉलर खर्च करने से प्रति वर्ष 3 अरब से 16 अरब डॉलर के ...
कॉप 27: जलवायु पीड़ित देशों ने अमीर देशों से हानि और क्षति पर तत्काल कार्रवाई की लगाई गुहार
यूरोपीय संघ ने चेतावनी देते हुए हानि और क्षति की सुविधा पर अपना रुख नरम किया है
कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट
रिपोर्ट से पता चला है कि अगर मौजूदा उत्सर्जन जारी रहता है तो दुनिया 9 वर्षों में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि को पार ...
कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत
प्लास्टिक कुप्रबंधन ने वैश्विक प्रदूषण संकट को जन्म दिया है जो जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है
कॉप 27 प्रेसीडेंसी ने ड्राफ्ट पेपर किया जारी, हानि और क्षति सुविधा के गठन को किया प्रस्तावित
कॉप 27 के अध्यक्ष ने प्रस्तावित किया है कि फंडिंग के विवरण को कॉप 28 के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, जोकि 2023 में ...
कॉप 27: सन 2050 तक येलोस्टोन, किलिमंजारो ग्लेशियर हो जाएंगे गायब
यूनेस्को के विश्व धरोहर ग्लेशियरों में से लगभग 50 प्रतिशत वर्ष 2100 तक लगभग पूरी तरह से गायब हो सकते हैं
कॉप 27: भारत के राष्ट्रीय घोषणा पत्र में दम नहीं, विशेषज्ञों को शिकायत
विशेषज्ञों ने कहा कि कॉप 27 में भारत के घोषणा पत्र में प्रमुख वार्ता एजेंडा का कोई उल्लेख नहीं है
क्या जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते पलायन को वैश्विक मान्यता मिल पाएगी?
जलवायु परिवर्तन के कारण एक से दूसरे देश में पलायन को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौता अभी दूर की राजनीतिक कौड़ी है
कॉप-27: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए देशों के लक्ष्य नाकाफी: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 27) इस साल 6 से 18 नवंबर तक मिस्र के शर्म अल शेख में होगा
कॉप 27 के एजेंडे में आधिकारिक तौर पर शामिल की गई नुकसान और क्षति का वित्तपोषण
भारत सहित विकासशील और कमजोर देशों को होने वाले नुकसान और क्षति की भरपाई के लिए वित्तपोषण की मांग लंबे समय से हो रही ...
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
कॉप 27: पहला ड्राफ्ट जारी, कोयले पर रोक और समता पर जोर, अन्य मुद्दे रहे नदारद
इस ड्राफ्ट में जी77 देशों द्वारा 'हानि और क्षति' के लिए मांगे गए फण्ड पर बहुत कम प्रकाश डाला गया है। वहीं जीवाश्म ईंधन ...
जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज
इस साल अक्टूबर में तापमान सामान्य से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। देखा जाए तो पिछले 46 वर्षों में कोई भी ...
कॉप 27: जलवायु वित्तपोषण को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत
2030 तक उत्सर्जन में कमी और निवेश विकसित देशों में कम से कम चौगुना और विकासशील देशों में तीन गुना होना चाहिए
कॉप 27: अनंत नहीं है जलवायु के अनुकूलन होने की सीमा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
2050 तक 3 अरब से अधिक लोग अत्यधिक कमजोर कहे जाने वाले इलाकों में रहेंगे, ऐसे क्षेत्र जो जलवायु में बदलाव से होने वाले ...