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- साल 2060 तक दुनिया की जीडीपी को हो सकता है 24.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
- बडगाम में अवैध खनन में शामिल दो खनिकों पर एनजीटी ने लगाया लाखों का अंतरिम मुआवजा
- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
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- एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश में तेजी से बिगड़ रहे हालात, दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं छोटे शहरों में भी 'बेहद खराब' हुई गुणवत्ता
- अपराध है शहद में चीनी की मिलावट
- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
- इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: लहसुन तक चीन से आने लगा तो क्या करे किसान?
दूसरे देशों से आ रही खाने पीने की चीजों का सीधा असर किसानों पर पड़ा है। पिछले कुछ सालों में भारतीय बाजार में लहसुन का पेस्ट छा गया है। ऐसे में किसान लहसुन की खेती तक छोड़ने लगे हैं
खुशहाली मापने का आधार नहीं है बढ़ती जीडीपी
दुनिया को धीरे-धीरे एहसास हो रहा है कि आय अथवा जीडीपी से खुशहाली नहीं मापी जा सकती, भारत के उदाहरण से भी इसे समझा ...
सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए आंकड़ों से क्यों खेल रही है?
जहां एक तरफ आंकड़ों को जारी होने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संवाद आंकड़ों पर आधारित हो रहा है
आरटीआई पर सरकार की नीयत कभी ठीक नहीं रही
आरटीआई ने ही पहली बार देश की अधिकांश आबादी को असली मालिक होने का अहसास दिलाया और जनता ने भी इस अधिकार के प्रयोग ...
सबसे जमीनी विपणन प्रणाली का हिस्सा हैं हाट
हाट बाजार त्योहारी, एकता और सशक्तिकरण के प्रतीक
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: यहां पढिए सरकार ने सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के लिए क्या कहा
समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक दशक के दौरान भारत के वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कोविड-19 की तीसरी लहर: मजदूरों के लिए इधर कुआं, उधर खाई
शहरी श्रम बाजारों में काम की तंगी, गांवों में भी रोजगार का संकट
2022 में 20.7 करोड़ होंगें बेरोजगार, स्थिति में सुधार के लिए करना होगा अभी और इंतजार
2019 में यह बेरोजगारों का यह आंकड़ा 18.6 करोड़ था। इसका मतलब है कि तब से लेकर 2022 के बीच इसमें 11 फीसदी यानी ...
रिपोर्टर्स डायरी में दर्ज मजबूर प्रवासी श्रमिक : महासंकट में फिर लौट आए महानगर
देश में जब पहला सख्त राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा तो पलायन को मजबूर मजदूरों की दुर्दशा को डाउन टू अर्थ ने पैदल चल कर अपनी ...
कोरोना महामारी: इलाज पर बढ़े खर्च ने 50 करोड़ लोगों को गरीबी की ओर धकेला
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की
स्वास्थ्य क्षेत्र में गहरी है लैंगिक असमानता की जड़ें, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में मिल रहा 24 फीसदी कम वेतन
वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी 67 फीसदी होने के बावजूद, आय के मामले में पुरुषों का वर्चस्व है
क्या भारत में सचमुच घट गई गरीबी या बेकार का मच रहा है हल्ला?
12 साल बाद किए गए पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं
विश्व व्यापार संगठन की बैठक के पहले दिन भारत ने अपनाया क्या रुख, यहां जानें
भारत ने व्यापार संरक्षणवादी एकतरफा उपायों के बढ़ते उपयोग के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की
हरियाणा की अव्याहारिक कृषि नीति से कृषि उत्पादन में कमी के संकेत
हरियाणा के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक राज्य में गेहूं का उत्पादन वर्ष 2022-23 में 110 लाख टन रहा, जो 2010-11 के मुकाबले कम है
हिमाचल प्रदेश के बजट की क्यों हो रही है चर्चा?
प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश ने हरित विकास छात्रवृति योजना शुरू करने की घोषणा की है
अंतरिम बजट 2024: लखपति दीदी बनने में कैसे सहयोग करती है केंद्र सरकार?
अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में तीन करोड़ लखपति दीदी के लक्ष्य की घोषणा की है
अंतरिम बजट 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण की मुख्य बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनावी वर्ष होने के कारण आम बजट की बजाय अंतरिम बजट प्रस्तुत किया
अंतरिम बजट 2024: आर्थिक वृद्धि के पीछे छिपी अग्रिम चेतावनी को समझना क्यों जरूरी?
2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है - जो वित्त वर्ष 2022-23 की 4 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले काफी कम है