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- लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
- देश में 64 फीसदी बढ़ी खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या, 13 शहरों में साफ रह गई है हवा
- एआई से मिलेगी विनाशकारी तूफानों की सटीक जानकारी, जान-माल के नुकसान पर लगेगी लगाम
- इंसानों की तरह ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही झीलें, ध्यान न दिया गया तो पुराना हो सकता है मर्ज
- शीर्ष 56 बहुराष्ट्रीय कंपनियां 50 फीसदी से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के लिए जिम्मेवार: शोध
- अस्कोट-आराकोट अभियान 2024: जड़ों से जोड़ती एक पदयात्रा
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- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
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उत्तराखंड में विकास के लिए भूकंप, भूस्खलन एवं बाढ़ का गहन अध्ययन जरूरी
उत्तराखंड हिमालय प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, ऐसे में वहां विकास कार्य कराने से पहले गहन अध्ययन की जरूरत की बात कर रहे हैं लेखक
ग्रामदानी गांव सीड़ से छीन ली गई शक्तियां, सरकार बनी खलनायक
आचार्य विनोबा भावे के ग्रामदान आंदोलन की पहचान बने गांव सीड़ में बीस साल से ग्रामसभा के चुनाव नहीं हुए हैं
क्यों है दुनिया को पलायन के एक और नई लहर की जरूरत ?
प्रवासी निकट भविष्य में विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को बनाए रखेंगे क्योंकि उनकी कामकाजी आबादी रिकॉर्ड स्तर पर कम हो गई है।
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर
पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाकर मनरेगा को धन जारी करने पर रोक ...
भोपाल के बड़े तालाब के पास हो रहा आवासीय परिसर का निर्माण, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
भारत क्यों है गरीब-1: गरीबी दूर करने के अपने लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं 22 राज्य
भारत में गरीबी गहराई से जड़ें जमा चुकी है। कुछ राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्य गरीबी दूर करने के लक्ष्य से दूर हैं। डाउन टू अर्थ ने इसके कारणों की पड़ताल के बाद रिपोर्ट्स की एक सीरीज तैयार की है। पढ़ें, पहली कड़ी-
भारत क्यों है गरीब-5: वैश्वीकरण से बढ़ रही है असमानता, अमीर हुए और ज्यादा अमीर
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के 63 लोगों के पास सालाना बजट से ज्यादा ...
समावेशी विकास की ओर जाना होगा
सरकार अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने के लिए जितना काम करती है, परिस्थितियां लोगों को गैरकानूनी और अनौपचारिक व्यापार अपनाने को उतना मजबूर करती ...
सतत विकास लक्ष्य: भूटान, नेपाल, श्रीलंका से पीछे है भारत, पाक से आगे
सीएसई की स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2019 रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में भारत का नंबर 116वां है।
क्या नरवा, गरवा, घुरवा से सुधरेगी छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था
नीति आयोग की बैठक में जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अपनी इस योजना का जिक्र किया तो पूरे देश का ध्यान इस ओर गया ...
लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणापत्र में पर्यावरण को आखिरी में शामिल तो किया लेकिन भाषणों और कैंपेनिंग में मुद्दे गायब रहे
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2024: टिकाऊ भविष्य के लिए नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी
बौद्धिक संपदा अधिकार देशों के बीच, विशेष रूप से विकसित देशों से विकासशील देशों के बीच तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
लखनऊ में बिना पर्यावरण मंजूरी के चल रहा हाउसिंग प्रोजेक्ट, एनजीटी ने तलब की रिपोर्ट
रिपोर्ट में इस बात की जानकारी मांगी गई है कि परियोजना प्रस्तावक को जो कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे उनका क्या हुआ
अस्कोट-आराकोट अभियान 2024: जड़ों से जोड़ती एक पदयात्रा
पहली अस्कोट-आराकोट यात्रा 25 मई 1974 को पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली, टिहरी, देहरादून और उत्तरकाशी जिलों के करीब 350 गांवों से होकर गुजरी
पंचायती राज: भावना और संभावना के मध्य
वर्ष 1992 में 73 वें संविधान संशोधन के माध्यम से लागू किया गया पंचायती राज कानून, वास्तव में भारत के सभी और सही अर्थों में ‘ग्रामीण भारत का संविधान’ होना था
विश्व धरोहर दिवस 2024: क्या है इतिहास, महत्व और थीम, सब यहां जानें
अपने स्थानीय सांस्कृतिक प्रतीकों और स्मारकों का दौरा करें और उनके संरक्षण के लिए आगे आएं
प्रकृति, लोकतंत्र और युवाओं के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर करें मतदान, पर्यावरण संगठनों ने मतदाताओं से की अपील
यह ऐसा समय है जब मतदाताओं को युवाओं के बेहतर भविष्य के साथ-साथ साफ हवा, पर्यावरण और जल के उनके अधिकार के बारे में सोचना बेहद जरूरी है