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- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
- बेमौसमी खतरों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों की सूची में शामिल है एशिया प्रशांत
- जलवायु संकट: पहाड़ों से गायब हो रही बर्फ, स्की क्षेत्रों के साथ जैवविविधता पर बढ़ा खतरा
- आईआईटी कानपुर ने नया वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण किया लॉन्च, हवा के सुधार में मिलेगी मदद
- रायलसीमा में पारा 41 डिग्री पार, अगले कुछ दिन इन राज्यों में बारिश-बर्फबारी व ओलावृष्टि के आसार
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- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
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- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
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- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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शोधकर्ताओं ने खोजा डायबिटीज का आसान एवं विश्वसनीय शुरुआती जांच का तरीका
शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में कहा कि नई विधि न केवल किफायती है, बल्कि सटीक और विश्वसनीय भी है
50 से कम उम्र के लोगों को तेजी से निशाना बना रहा कैंसर, तीन दशकों में 79 फीसदी बढ़े मामले
इस दौरान 50 से कम उम्र के लोगों में कैंसर से होने वाली मौतों में भी 27.7 फीसदी की वृद्धि हुई है
कोविड टीकाकरण से नहीं बढ़ता दिल के दौरे का खतरा: अध्ययन का दावा
अध्ययन के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि छोटी अवधि और छह महीने में मृत्यु दर में कमी के संदर्भ में सुरक्षात्मक ...
चिंताजनक: सफेद पूंछ वाले हिरणों में तेजी से विकसित हो रहा है कोविड-19 वायरस
शोध के दौरान राज्य के 88 हिस्सों में से 83 में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले हिरणों से 1,522 नाक के स्वाब एकत्र किए, ...
क्या आपके शरीर में गांठ या लिपोमा है, क्या होता है लिपोमा, कितना खतरनाक है, यहां जानें
लिपोमा बहुत आम हैं, हर 1,000 लोगों में से लगभग एक व्यक्ति को लिपोमा होता है, लिपोमा अधिकतर 40 से 60 वर्ष की उम्र ...
कोरोनावायरस से कैसे करता है हमारा इम्यून सिस्टम मुकाबला, वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कोरोनोवायरस के खिलाफ भी उसी तरह काम करती है जिस तरह वो आमतौर पर फ्लू से लड़ती है। मतलब, इस वायरस से निपटना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं है
कोरोनावायरस: वैश्विक महामारी कितनी भारी, कितनी तैयारी
क्या दुनिया कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने में सक्षम है?
22 दिन तक रहता है कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा: रिसर्च
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन में 191 मरीजों के आंकड़ों के विश्लेषण से इस वायरस के बारे में कई नई बातों का पता ...
सीएसई लैब रिपोर्ट: आपकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं कंपनियां और रेगुलेटर
#Everybitekills सरकारी रेगुलेटर एफएसएसएआई की लेटलतीफी और कमजोर प्रयासों ने पैकेटबंद और फास्ट फूड के नियमन को बेपटरी कर दिया है। क्या अब आपातकालीन ...
सीएसई लैब रिपोर्ट: पिज्जा, सैंडविच और रैप में क्या खा रहे हैं आप?
#Everybitekills पिज्जा सैंडविच और रैप पिज्जा को मील के विकल्प में स्वस्थ खाद्य आहार के तौर पर माना जाता है, लेकिन सीएसई लैब ने ...
विश्व निद्रा दिवस 2024 विशेष: जापानियों को नहीं आती नींद, भारतीय दूसरे नंबर पर
अच्छी नींद का जश्न मनाने का दिन है विश्व निद्रा दिवस
साल 2022 में अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही मौत के मुंह में समा गए 49 लाख बच्चे
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पांचवें जन्मदिन से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या घट रही है
अफ्रीका-एशिया में टीबी से पीड़ित पांच में से चार लोगों को नहीं होती लगातार खांसी
अफ्रीका और एशिया में 6,00,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि टीबी से पीड़ित 82.8 फीसदी लोगों को लगातार खांसी नहीं थी और 62.5 फीसदी को बिल्कुल भी खांसी नहीं थी
क्या मेडिकल पेटेंट का भयावह इतिहास रच रही है दवा कंपनी फाइजर?
दवाओं को वैश्विक बौद्धिक संपदा व्यवस्था में लाना फाइजर की अगुवाई में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी की जीत थी
क्या फोलिक एसिड-फोर्टिफाइड नमक की मदद से जन्म संबंधी घातक विकारों को किया जा सकता है दूर
दक्षिण भारत के गांवों में किए एक क्षेत्रीय अध्ययन से पता चला है कि फोलिक एसिड-फोर्टिफाइड आयोडीन युक्त नमक की मदद से जन्म संबंधी कई गंभीर विकारों को रोका जा सकता है
दुनिया में 23 करोड़ महिलाओं और बच्चियों ने झेला खतना का दर्द: यूनिसेफ
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 23 करोड़ महिलाएं और बच्चियां खतना का शिकार हुई हैं। 2016 की तुलना में देखें तो इनकी संख्या में तीन करोड़ यानी 15 फीसदी का इजाफा हुआ है
भारत में 67 लाख बच्चे ऐसे, जो 24 घंटे से अधिक समय तक रहते हैं पूरी तरह से भूखे
दुनिया के 92 देशों में जीरो फूड चिल्ड्रन का अध्ययन किया गया, जिनमें भारत में ऐसे बच्चों की संख्या आधे से अधिक पाई गई
महिलाओं की सशक्तिकरण का आधार बना 'सेवा'
साल 1988 में ही सेवा नमक श्रमिकों के संपर्क में आया