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- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल : 27 में से केवल तीन कीटनाशकों पर ही प्रतिबन्ध क्यों?
- जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अक्षय ऊर्जा तकनीकों पर करना होगा चौगुना निवेश: आईआरईएनए
- भारत में 51 फीसदी महिलाएं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं: रिपोर्ट
- 1850 से वैश्विक तापमान में हुई 0.08 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के लिए जिम्मेवार है भारत, विश्व में है पांचवा स्थान
- एयर क्वालिटी ट्रैकर: दिल्ली-धौलपुर सहित 55 फीसदी शहरों में संतोषजनक रही हवा, नौ में रही खराब
- जलवायु में बदलाव से दुनिया भर में मछली पालन पर मंडरा रहा है खतरा
- ‘साशा’ की मौत के बाद उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट ने चीता टास्क फोर्स में शामिल विशेषज्ञों की योग्यता पर मांगी जानकारी
- अत्यधिक दोहन और कुप्रबंधन के चलते पश्चिम बंगाल के कई जिलों में तेजी से गिर रहा भूजल का स्तर
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- एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश में तेजी से बिगड़ रहे हालात, दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं छोटे शहरों में भी 'बेहद खराब' हुई गुणवत्ता
- अपराध है शहद में चीनी की मिलावट
- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
- इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
अधिकारी, ग्राम सभा या वन अधिकार समिति की जानकारी के बिना दावों को खारिज कर देते हैं
तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आदिवासियों से ली गई जमीन पर एक दर्जन से अधिक खदानें व आधा दर्जन थर्मल पॉवर स्टेशन बन चुके ...
आबादी बढ़ने के साथ हंपबैक व्हेल कम विलाप करती हैं: शोध
जैसे-जैसे व्हेल का घनत्व बढ़ता गया, उनका प्रेमालाप करने का तरीका बदलता गया। जबकि 2004 में 10 में से दो नर गायक हुआ करते ...
भारत में फल-फूल रहा पैंगोलिन का अवैध व्यापार, पांच वर्षों में 1,200 से अधिक की तस्करी
भारत में इस चींटीखोर की दो प्रजातियां पाई जाती हैं। यह दोनों ही प्रजातियां वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं
वन विभाग बनाम वनाधिकार कानून
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को जारी नया फरमान, आदिवासियों और वनाश्रितों के विरुद्ध ऐतिहासिक अन्याय करने वाले ...
एवियन बोट्यूलिज्म से ही हुई है सांभर झील में 18 हजार पक्षियों की मौतः रिपोर्ट
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली की गुरूवार को आई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि सांभर झील में 18,496 पक्षियों की मौत की वजह एवियन बोट्यूलिज्म ही है
जलवायु कारकों से भी प्रभावित होता है पक्षियों का गायन
वातावरण, तापमान, नमी, हवा के बहाव की दिशा एवं गति और वर्षा जैसे जलवायु कारकों के साथ सूर्योदय, दिन की अवधि और चंद्रमा की ...
दुधवा नेशनल पार्क में मिली पक्षियों की चार नई प्रजातियां
टाइगर, गैंडों, हाथी और घड़ियाल के लिए मशहूर दुधवा नेशनल पार्क में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक शीतकालीन पक्षी गणना की गई
उत्तराखंड-हिमाचल की सीमा पर बनी आसन झील में विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा
देहरादून से करीब 38 किलोमीटर आगे धालीपुर गांव के पास यमुना नदी और आसन नदी के पास बनी झील में हजारों विदेशी पक्षी अक्टूबर ...
पक्षियों के लिए खतरा बन रही हैं पवन-चक्कियां: अध्ययन
इस अध्ययन के दौरान सामाख्याली में 11 प्रजातियों के पक्षियों के 47 कंकाल मिले हैं, जबकि हरपनहल्ली के पास तीन प्रजातियों के सात पक्षी कंकाल ...
तमिलनाडु के दो जिलों में 127 साल बाद मिले कीट
कीटों का मिलना उस इलाके में जैव विविधता की समृद्धता को दर्शाता है।
‘साशा’ की मौत के बाद उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट ने चीता टास्क फोर्स में शामिल विशेषज्ञों की योग्यता पर मांगी जानकारी
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
55 वर्षों के बाद फिर से खोजा गया बेम्बिडियन ब्राउनोरम नामक दुर्लभ गुबरैला
बेम्बिडियन ब्राउनोरम गुबरैला छोटा भूरे रंग का होता है और यह पेंसिल के व्यास के बराबर की लंबाई में लगभग पांच मिलीमीटर के बराबर है
सालाना 50 फीसदी की दर से नष्ट हो रहे हैं पहाड़ी जंगल, खतरे में जैव विविधता: अध्ययन
दुनिया भर में, 2000 के बाद से 7.81 करोड़ हेक्टेयर यानी 7.1 फीसदी पहाड़ों के जंगल गायब हो गए हैं
चिंताजनक: दुनिया भर में अहम जैव विविधता वाली 80 फीसदी जगहों पर मानव विकास जारी
जैव विविधता वाले अहम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई चीजें जुडी हुई है, जिनमें सबसे आम सड़कें 75 फीसदी, बिजली की लाइनें 37 फीसदी और शहरी क्षेत्र 37 फीसदी हैं
वन विनाश में दूसरे स्थान पर भारत, पांच वर्षों में खो दिए 668,400 हेक्टेयर में फैले जंगल
यूके स्थित फर्म यूटिलिटी बिडर के मुताबिक वन विनाश के मामले में भारत, ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां पिछले पांच वर्षों में 668,400 हेक्टेयर में फैले जंगल काट दिए गए हैं
ऐसे 12 तरीके जिनसे पता चलता है कि एक्वाकल्चर पर्यावरण के लिए फायदेमंद है : शोध
एक्वाकल्चर का उपयोग दुनिया भर में कमजोर या लुप्तप्राय मछलियों की आबादी को बहाल करने के लिए किया जाता है
उष्णकटिबंधीय जंगल कटने से 25 फीसदी कार्बन उत्सर्जन का हो रहा है सफाया
पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के वातावरण से कम से कम 10.7 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन अवशोषित कर रहे हैं