गरीब कल्याण योजना: विकास के सवाल और योजनाओं का मानसून
गरीब कल्याण योजना तभी प्रासंगिक हो सकती है जब आजीविका के लिए उनके जल, जंगल और जमीन जैसे संसाधनों पर उनका अधिकार हो
जल-जंगल-जमीन हमारा, नहीं चलेगा राज तुम्हारा, यहां गूंज रहे हैं ये नारे
ओडिशा के पुरी में चल रहे नेशनल अलायंस फॉर पीपल्स मूवमेंट (एनएपीएम) के 12वें राष्ट्रीय सम्मेलन में जल-जंगल-जमीन के मुद्दे गूंज रहे हैं
महिलाओं के भूमि अधिकारों का अधूरा अध्याय
खेती-बाड़ी के अधिकांश काम करने के बावज़ूद महिलाओं को भी 'किसान' होने का वैधानिक अहसास, आख़िर कब और किसकी बदौलत होगा?
एक और बरस बीत जाने का अर्थ
आजादी के अमृत महोत्सव में भारत के 56 प्रतिशत भूमिहीनों को अपनी जमीन और अपनी जमीर का सरकारी अवदान नहीं बल्कि स्वाभिमानपूर्वक अधिकार चाहिए