विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2023: उपयोग किए गए सैनिटरी पैड का प्रबंधन बहुत जरूरी
लगभग 50 करोड़ लोगों के पास मासिक धर्म उत्पादों और मासिक धर्म स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त सुविधाओं तक पहुंच नहीं है
माहवारी से जुड़ी संकुचित सोच बदलने की जरूरत
कहने को तो माहवारी प्रकृति की देन है, परन्तु लोगो ने इसे परंपरा से ऐसा बांधा है कि यह गांठ खुलने का नाम ही नही ...
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर राज्यों से मांगी उनकी प्रतिक्रिया
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
भारत में 51 फीसदी महिलाएं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं: रिपोर्ट
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 16.5 प्रतिशत महिलाओं को मासिक धर्म की समस्या है और 1.2 प्रतिशत को बांझपन की समस्या है
संसद में आज: असम और बिहार में कैंसर के लिए आर्सेनिक भी है जिम्मेवार
2022 में असम में कैंसर के मामलों की संख्या लगभग 39,787 और बिहार में 1,09,274 थी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 विशेष: बिटिया, क्या तुमने लाल कपड़े की कहानी सुनी है?
अभी भी कई ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म के दिनों में सैनेटरी पेड्स की बजाय लाल कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है
संसद में आज: भूमिहीन किसानों की संख्या कितनी, सरकार को नहीं मालूम
भारत में 2030 तक स्तन कैंसर के मामलों की संख्या बढ़कर 2,62,656 होने के आसार