अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: महिला कृषि श्रमिकों के अधूरे अधिकार
महिला कृषि श्रमिकों की मजदूरी और न्यूनतम आय का मसला कभी भी कृषि सुधारों की मुख्यधारा का प्रासंगिक पक्ष नहीं बन पाया।
क्या कभी महिलाओं को मिल पाएगा पुरुषों के बराबर दर्जा, आज भी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में हैं पीछे
दुनिया भर में करीब 240 करोड़ महिलाएं, पुरुषों के समान अधिकारों से वंचित हैं। अनुमान है कि उनके बीच के इस अंतराल को भरने ...
महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के मामले में पिछड़े देशों में शामिल है भारत: यूएन वीमेन रिपोर्ट
बात चाहे स्वास्थ्य की हो या विकास की देश में महिलाएं आज भी पुरुषों से पीछे हैं और बराबरी का हक पाने के लिए ...