Science & Technology

उन्नत प्रौद्योगिकी के विकास लिए उद्यमियों को राष्ट्रीय पुरस्कार

स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों और जल उपलब्धता की चुनौती को पूरा करने के लिए सफल प्रौद्योगिकी समाधान आधारित प्रदर्शन और स्थापना कार्य हो रहे हैं। 

 
By Umashankar Mishra
Published: Tuesday 15 May 2018

Source : Wikimedia Commonsबदलते वक्त के साथ भारत को विज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम तय करने की जरूरत है। सरकार ने रोबोटिक्स, कृत्रिम बुद्धि, डिजिटल निर्माण, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम संचार और वस्तु अंतरजाल (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के उभरते क्षेत्रों में युवा तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों और जल उपलब्धता की चुनौती को पूरा करने के लिए सफल प्रौद्योगिकी समाधान आधारित प्रदर्शन और स्थापना कार्य हो रहे हैं। 

ये 21वीं सदी की चुनौतियां हैं और उन्हें 21वीं शताब्दी के उत्तर की आवश्यकता है। ये बातें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कही हैं। वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 20वें प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर देसी प्रौद्योगिकीयों एवं प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों के सफल व्यवसायीकरण और व्यवसायीकरण के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी के विकास समेत तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए गए। प्रतिवर्ष 11 मई के दिन विभिन्न व्यक्तियों, नए आविष्कारकों को उनके स्वदेशी तकनीकी योगदान के लिए भारत के तकनीकी विकास बोर्ड द्वारा ये पुरस्कार दिए जाते हैं।

देसी प्रौद्योगिकीयों के व्यवसायीकरण के लिए केरल की अगापी डायग्नोस्टिक्स और हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक लिमिटेड को इस वर्ष पुरस्कृत किया गया है। अगापी डायग्नोस्टिक्स को मिस्पा-आई3 नामक कार्ट्रिज आधारित प्रोटीन एनालाइजर के विकास और भारत बायोटेक को रोटावायरस वैक्सीन के विकास एवं मैन्युफैक्चरिंग लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

इन पुरस्कारों की दूसरी श्रेणी में प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों के सफल व्यवसायीकरण के लिए मध्यम एवं लघु उद्यमों को पुरस्कृत किया गया है।

टिश्यू इंजीनियरिंग के लिए सिंक्रोस्काफ नामक बोवाइन स्कैफल्ड विकसित करने के लिए चेन्नई की कंपनी सिंक्रोमैक्स बायोटेक, ज़िरकोनिया सिरेमिक उत्पादों तथा कार्बन सल्फर के विश्लेषण के लिए खास पात्र बनाने के लिए महाराष्ट्र के वसई ईस्ट में स्थित एन्ट्स सिरेमिक्स, रियल टाइम आधारित क्यूपीसीआर किट विकसित करने के लिए भोपाल की ब्लैकबायो बायोटेक इंडिया लिमिटेड, मधुमेह से ग्रस्त मरीजों के लिए ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट बनाने के लिए सूरत की इनविजन साइंटिफिक लिमिटेड और स्फटिक मिट्टी की परत पर मेटलाइजेशन के लिए बंगलूरू की हिंद हाई वैक्यूम कंपनी को भी पुरस्कार दिया गया है।

पुरस्कारों की तीसरी श्रेणी में प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के तहत बंगलूरू स्थित एस्ट्रोम टेक्नोलॉजी को नई इंटरनेट तकनीक गीगामेश के विकास, भुवनेश्वर की ओन्कोसॉल्यूशन्स को दो ड्रग डिलीवरी डिवाइसों के विकास और जोधपुर की एक्सीलेंस इन बायो-इनोवेशन ऐंड टेक्नोलॉजी को मलमूत्र में पाए जाने वाले रोगाणुओं की जैव प्रतिरोधी क्षमता के परीक्षण के लिए प्वाइंट ऑफ केयर डिवाइस विकसित करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

प्रौद्योगिकी दिवस को वर्ष 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण की याद में हर साल मनाया जाता है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर परमाणु परीक्षण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने परमाणु संपन्न देश और शक्तिशाली प्रौद्योगिकी के परिपक्व उपयोगकर्ता के रूप में दुनिया में अपनी साख कायम की है।

पुरस्कृत किए गए लोगों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि “आजादी के बाद भारत ने परमाणु और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान उत्पादन में ऊंची छलांग लगाई है। हमने संचार प्रौद्योगिकी, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी में सर्वोत्तम श्रेणी की क्षमताओं में विस्तार किया है। इसने हमारे देश के बारे में धारणाओं को बदल दिया है और हमारे लोगों और हमारी अर्थव्यवस्था दोनों की मदद की है।”

(इंडिया साइंस वायर)

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