जलवायु परिवर्तन की वजह से अल्पावधि में होने वाली तेज बारिश शहरों को डूबा देगी
शहरों और महानगरों में सामान्य हो चुकी बाढ़ की विभीषिका आगे भी देखने को मिलेगी। जलवायु परिवर्तन की वजह से अल्पावधि में होने वाली तेज बारिश शहरों को डूबा देगी। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर जर्नल में प्रकाशित रिसर्च बताती है कि अल्पावधि में होने वाली बारिश भारतीय शहरों में वर्षा जल निवासी के तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करेगी।
रिसर्च के अनुसार, अगर औसत वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिकीकरण के मुकाबले 1. 5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो भारत के 89 में से 78 शहरों में अचानक बाढ़ आएगी। तापमान में यह बढ़ोतरी लगातार तीन घंटे तक होने वाली बारिश 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ा देगी।
यह बारिश दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी, लखनऊ, पटना, कोलकाता, भोपाल, कोच्चि, गांधीनगर, जयपुर आदि 78 शहरों को बहुत जल्द जलमग्न कर देगी। मॉनसून में मुंबई, दिल्ली, पटना, लखनऊ, कोच्चि और बेंगलुरु में हम इसकी झलक देख ही चुके हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए वर्षा जल निकासी का प्रभावी तंत्र फिर से विकसित करने की जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार, शहरों में बाढ़ मुख्य रूप से मौजूदा वर्षा जल निवासी तंत्र के असफल होने पर आती है। कंक्रीट की सतह बिछने पर पानी जमीन में नहीं समा पाता। यह अध्ययन आईआईटी गांधीनगर के प्रोफेसर हैदर अली और विमल मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया है। मार्च 2018 में जारी एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया था कि 2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर 2100 तक भारत में हीट वेव 30 गुणा तक बढ़ जाएगी।
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