ग्रीनवाशिंग या प्रकृति से ‘सात-पाप’
जर्मन चिन्तक उलरिच बेख के लिए यह सभ्यता “डरे हुए लोगों की सभ्यता” है. और इसका सबसे बड़ा प्रमाण ‘इन्सुरेंस-इंडस्ट्री’ का बढ़ता वैश्विक कारोबार ...