मोदी जी, आपने महामारी को भी इवेंट बना दिया
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन आर्थिक रूप से उबारने की किसी योजना का रत्ती भर भी जिक्र किए बिना स्थिति के प्रति उनकी ...
India to witness severe food inflation due to extreme weather
The record-breaking vegetable price rise indicates an era of high food inflation in coming years
हीट वेव : 2050 तक 250 करोड़ लोगों के पास होंगे एयरकंडीशनर
जिन देशों में अब तक एसी की जरूरत नहीं रहती थी, अब वहां भी तापमान व लू बढ़ने से घरों में एसी लगाने पड़े ...
आर्थिक सर्वे : किसानों ने कम किया उपभोग तो नीचे बैठ गई विकास दर
सस्ते अनाज ने किसानों को कम पैदावार के लिए मजबूर किया जिसके कारण उपभोग पर भी खर्च कम हुआ।
Economic Survey 2018-19: Growth slowest in five years due to low food inflation
Agriculture sector contracted in fourth quarter; farmers produced less, spent less on consumption
निजी या सरकारी: कृषि पर कौन कर रहा है कितना निवेश
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कृषि में अधिक निजी निवेश चाहते हैं, लेकिन यह पहले से ही निजी निवेश पर कायम है
कॉरपोरेट के नियंत्रण में खेती से किसका भला होगा
कॉरपोरेट से खेती कराने को लेकर भारत सहित दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इससे फायदा किसको ...
सामान्य मानसून के बावजूद सूखे के पूरे आसार!
एक सामान्य मानसून के पूर्वानुमान को किसानों के फायदे से जोड़ना बेमानी बात है। जो रूझान दिख रहे हैं, उसे एक आपदा की शुरुआत ...
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
COVID-19: The pandemic of inequality
Nobody is sure when this defining point of the pandemic would be declared over
Why 2023 may be an annus horribilis for India’s farmers
A dry winter, arrival of El Nino and two years without earnings make this year terrible for Indian farmers
भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात
गरीबी में और धंस गए भारत की बदहाली का चेहरा हैं फनस पुंजी, जिनकी अगली पीढ़ियां भी उन्हीं की तरह गरीबी में जी रही ...
जलवायु परिवर्तन के दौर में पशुचारण और पशुचारकों की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन (एफएओ) ने पशुचारकों की स्थिति में सुधार के लिए एक अपील जारी की है
भूख से होने वाली मौतों को स्वीकार क्यों नहीं करते 'हम'
सरकार पहले तो मौत को भूख के बजाय किसी दूसरी तकनीकी वजह से बताती है, बाद में भूख से लड़ने के लिए चलाई जा ...
वर्तमान आर्थिक मॉडल से बढ़ गई असमानता, भारत बना उदाहरण
विश्व में गैर बराबरी का स्तर वही है जो 200 साल पहले था। लोकतांत्रिक ढांचे ने इसे पाटने में विशेष भूमिका नहीं निभाई है
कॉप-26: सौ महीने से कम समय बाकी, इन वजहों से हो सकती है नतीजे मिलने में दिक्कत
भारत ने कोयले और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मसौदे को ‘फेज आउट’ की बजाय हल्के और अपरिभाषित ‘फेज डाउन’ में डालने का दबाव डाला
How COVID-19 changed the crime profile of India in 2020
Cases of ‘disobedience’ or violation of COVID-19 norms increased by over 20 times in just a year; without it, overall crime was lower …
खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन: किसानों को समर्थन देने से सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल
संयुक्त राष्ट्र ने किसानों के समर्थन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचने के लिए मूल्य कटौती और लक्ष्यों को पुनः तय करने ...
मानसून 2021: क्या पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिमी भारत में भीषण सूखे का समय आ गया है?
अगस्त के अंत तक 10 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में मानसूनी वर्षा में 23 से 52 प्रतिशत की कमी थी। इनमें से अधिकांश ...
भारत में गरीबों की गिनती बंद, 2030 तक दुनिया कैसे हासिल करेगी शून्य गरीबी लक्ष्य
गरीबी पर केंद्रित विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भारत में गरीबी के आंकड़ों के गायब होने की बात कही है, ऐसे में दुनिया ...
कोरोनावायरस संक्रमण: तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है भारत?
सांस संबंधित बीमारों में 10 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पिछले दिनों कोई विदेश यात्रा नहीं की, फिर भी उनमें कोविड-19 टेस्ट पॉजीटिव पाया ...
आरके पचौरी: एक पर्यावरण वैज्ञानिक ने क्यों कहा था कि भारत को कार्बन उत्सर्जन का अधिकार है
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के पूर्व प्रमुख का 79 वर्ष की उम्र में निधन हो ...
क्या प्याज और खाद्य मुद्रास्फीति में कोई संबंध है, पांच प्वाइंट्स में समझिए
खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई दर दोहरे अंक को पार कर चुकी है, लेकिन क्या ऐसा है?
खेती-किसानी को लील जाएंगे शहर, तीन साल बाद सामने आएंगे आंकड़े
जनगणना 2021 के आंकड़े तीन साल बाद सामने आ जाएंगे, जो संकेत मिल रहे हेैं, उससे लगता है कि ग्रामीण भारत लगभग पूरी तरह ...
Economic Survey 2018-19: School going population peaks as fertility rate declines
Nine states, which have fertility rates well below the replacement rate, will have an aged population by 2030s