प्रकृति के साथ शांति से नहीं रह रहे हम
अगर हम धरती के साथ उसी बेवफूकी से पेश आते रहे तो इस साल भी कुछ नया नहीं होने वाला, सुनीता नारायण का आलेख
चमोली आपदा: भूल, गलती और सबक
असल मुद्दा हिमालय के नाजुक क्षेत्र की वहन क्षमता जो जलवायु परिवर्तन के कारण और भी अधिक दबाव में है
किसानों को बस समर्थन चाहिए
समय आ गया है कि हम अपने खाने की वास्तविक कीमत पर बात करें,जो हमारे लिए अनाज पैदा करने वाले किसानों के लिए लाभकारी ...
MGNREGA: Today and tomorrow
The programme can provide a safety net for the poor, not just in COVID-19 times, but for times to come
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
वायु प्रदूषण से बच्चों को बचाने के लिए कुछ तो कीजिए
हम प्रदूषण के सभी स्रोत कम कर सकते हैं। तब भी जब हवा न चल रही हो। साफ हवा हमारा हक है, लेकिन इसके लिए ...
Do not just single out coal
Why should countries of the western world, which have already appropriated the giant share of the carbon budget, be given a free pass on the …
Budget 2023-24: Marks of a circular economy
Budget 2023-24 provides clear shifts in programme direction that need to be applauded. The real test will be our ability to operationalise those …
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध कितना होगा सफल?
प्लास्टिक की ऐसी चीजें, जिन्हें इकट्ठा करना मुश्किल है, या जिन्हें रीसाइकिल नहीं किया जा सकता, उनका इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए। मौजूदा प्रतिबंध ...
भारत के नए जलवायु लक्ष्य: साहसिक, महत्वाकांक्षी और दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण
पहले से ही कम उत्सर्जक होने के बावजूद भारत ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की जो प्रतिबद्धता जताई है, उसने बड़े उत्सर्जकों खासकर चीन ...
कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन जितना विनाशकारी है रोगाणुरोधी प्रतिरोध
रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस, एएमआर को एक खामोश महामारी बताता सुनीता नारायण का आलेख-
Stockholm+50: How do we prepare for the next half century
When we mark the 50th anniversary of the 1972 Stockholm conference, we need to discuss consumption and production in a globalised world
Save the carbon bubble: India’s voluntary carbon market must be regulated and made to contribute to its climate goals
Governments world over continue to issue regulations to rein in the voluntary carbon market, hold it accountable for its acts and ensure sharing …
एक मरीचिका साबित हुआ कॉप-27
तीन दशक के इतिहास में कॉप-27 सम्मेलन को सबसे खराब कार्यक्रम के रूप में याद किया जाना चाहिए
पारंपरिक ज्ञान के बिना जैव विविधता संरक्षण की बात बेमानी
हमें जंगलों एवं संरक्षित क्षेत्रों में जैव संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान की रक्षा एवं विकास की भी जरूरत है
'डाउन टू अर्थ' हिंदी में क्यों
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका को आठ साल पूरे हो चुके हैं। प्रस्तुत है पहले अंक में प्रकाशित पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का ...
परियोजनाओं को पर्यावरण संबधी मंजूरी: अपनाने होंगे ये चार तरीके
पर्यावरण की शुद्धता के लिए तैयार किए जाने वाले एक प्रभावी तंत्र के जरिए ही हम पारिस्थितिकी और विकास के बीच संतुलन बना सकेंगे
प्राकृतिक नहीं, एक सुनियोजित आपदा है जोशीमठ
हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ के धंसने की शुरुआत बताती है कि हमने भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की पारिस्थितिक विशेषताओं को ध्यान ...
लोकतंत्र को गले लगाओ, दुनिया को बचाओ
महामारी की प्रतिक्रिया वास्तव में तभी वैश्विक होगी जब वैक्सीन एक ग्लोबल गुड बन जाएगा
अयस्क क्षेत्र को आधुनिकता की जरूरत
भारत के इस्पात उत्पादन को तीन गुणा बढ़ाकर भी साल 2030 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में भारी कमी लाना संभव है, लेकिन इसके ...
असल जल योद्धा
जलवायु परिवर्तन की वजह से राजस्थान में इस साल हुई अतिवृष्टि को लोगों ने आपदा में अवसर के तौर पर लिया, इस पूरी मुहिम ...
76 years of environmentalism
The most important gain of India’s environmental movement is the voice it has given to its citizens. This is the soul of the movement
क्या चक्रीय अर्थव्यवस्था को क्रियान्वित करना चाहती है केंद्र सरकार?
अपने बजट भाषण में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का उद्देश्य “हरित विकास” का है, इसके क्या मायने हैं
Zero-zero, net zero
The fact that Joe Biden is not a climate denier is good news. But it is not enough
Water in age of climate change
We now need to be more than obsessive about water and its management as it is the basis of health and wealth