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तवा नदी का पर्यावरण बिगाड़ रहे अवैध  32 स्टॉकयार्ड के संचालन पर रोक 

तवा होशंगाबाद में नर्मदा की प्रमुख सहायक नदी है। बालू व खनिज के भंडारण और व्यापार के लिए बिना मंजूरी निजी स्टॉकयार्ड तवा नदी किनारे बनाए गए थे। 11 जुलाई तक इन पर रोक रहेगी।

 
By Vivek Mishra
Published: Friday 24 May 2019

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में तवा नदी किनारे अवैध तरीके से बनाए गए 32 निजी स्टॉक यार्ड के कामकाज पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रोक लगा दिया है। तवा नदी नर्मदा की प्रमुख सहायक नदी है। इन स्टॉकयार्ड का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर खनन से निकले बालू व खनिज के भंडारण और व्यापार के लिए होता है।

जस्टिस रघुवेंद्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 23 मई को कहा है कि तथ्य और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम यह उचित समझते हैं कि सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तक सरकार सभी स्टॉक यार्ड के कामकाज पर रोक लगा दे।

एनजीटी में मामले को उठाने वाले याची विकास ओझा की ओर से अधिवक्ता संजय उपाध्याय और सालिक शफीक ने बताया कि यह सभी स्टॉक यार्ड एकदम नदी किनारे ही मौजूद हैं। इसकी वजह से अवैध खनन भी जोर पकड़ सकता है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश खनिज ( अवैध खनन से बचाव, परिवहन और भंडारण ) कानून, 2006 के मुताबिक खनिज के लिए नदी किनारे से 50 किलोमीटर तक स्टॉक यार्ड लगाना प्रतिबंधित है। यदि कोई लीज मालिक स्टॉक यार्ड लगाना चाहता है कि तो उसे भी नदी किनारे से कम से कम 4 किलोमीटर का फासला बनाना अनिवार्य होगा।

अधिवक्ता संजय उपाध्याय ने बताया कि इन सभी स्टॉक यार्ड को स्थापना की अनुमित या संचालन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी (सीओई या एनओसी) लेनी होती है। लेकिन तवा नदी किनारे बनाए गए 32 स्टॉक यार्ड के पास ऐसी कोई मंजूरी नहीं है। एनजीटी में दाखिल याचिका में होशंगाबाद के पूर्व जिलाधिकारी आशीष सक्सेना पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने तबादले से ठीक पहले बिना नियम और शर्तों पर गौर किए हुए महज पांच मिनट में 45 स्टॉक यार्ड को मंजूरी दी थी।

याची की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सालिक शफीक ने डाउन टू अर्थ को बताया कि खनन विभाग से सभी स्टॉक यार्ड के मंजूरी संबंधी जानकारी को लिए सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया गया था। जवाब में उन्हें 32 खनन स्टॉक यार्ड की जानकारी मिली है।  एनजीटी ने इन 32 खनन स्टॉक यार्ड और खनन संसाधन विभाग, भूर्गभ और खनन निदेशालय, होशंगाबाद जिलाधिकारी, पूर्व जिलाधिकारी आशीष सक्सेना और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस देकर चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। 

 

यह हैं 32 स्टॉक यार्ड मालिक जिन पर लगी है 11 जुलाई तक रोक

1.सतनाम इंटरप्राइजेज – सुनील सिंह 9.अतुल कुमार बाजपेयी- संतोष कुमार बाजपेयी 17.अमित प्रताप सिंह- आदित्य प्रताप सिंह 25.गोदावर्थी विनोद कुमार 
2.रतन सिंह बुंदेला 10.राज अमित बिल्डिंग मटेरियल सप्लॉयर्स – राज सिंह राजपूत 18.आदिशक्ति मेटल्स – केदार सिंह कुशवाहा 26.नर्मदा प्रसाद
3.राहुल करिया- जगदीश सिंह करिया 11.अजय पाल सिंह – शंकर सिंह 19.रुद्र महाकालेश्वर कंस्ट्रक्शन, ग्वालियर 27.सुंदरलाल डेमा
4.संतोष राज द्विवेदी – रामदत्त द्विवेदी 12.संजीवन  20.धन लक्ष्मी इंटरप्राइजेज –  ऋषिराज सिंह राजपूत 28.विशाल रघुवंशी
5.सुभाष राय-तीमार लाल राय 13.रघुवंश – रामविलास रघुवंशी 21.लाल सिंह सोलंकी 29.शकील खान
6.ठेकेदार लक्ष्मण सिंह राजपूत 14.गुलाब - मिट्ठू 22.अभिराज सिंह तोमर – श्री दीप सिंह तोमर  30.रितेश सिंह
7.नवनीत बक्षी – रतन सिंह बक्षी 15.मुकेश अग्रवाल – दौलतराम अग्रवाल 23.अजय कुमार सैनी – बसंत कुमार सैनी 31.संतोष कुमार जैन  - मुन्ना लाल जैन
8.भाई जी ठाकुर – कुशपाल सिंह ठाकुर 16.इम्तियाज खान – मुश्ताक खान 24.कोटा कृष्णा प्रवीण, - कृष्ण बाबू कोटा 32.अमित कीर- रामेश्वर कीर

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