कोविड-19: क्या पहाड़ लौट रहे लोगों को रोक पाएगी चकबंदी?
21 मई को उत्तराखंड पर्वतीय जोत चकबंदी एवं भूमि व्यवस्था नियमावली 2020 को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है
गाय संकट-2 : 35 साल के विकास के बाद मवेशी अर्थव्यवस्था संकट में
मवेशी कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक हैं। कृषि से प्राप्त होने वाले सकल मूल्य में मवेशियों की हिस्सेदारी बढ़ी है जबकि फसलों की ...
यूरिया जीवन से जहर तक का सफर
एक हालिया अध्ययन में पहली बार भारत में नाइट्रोजन की स्थिति का मूल्यांकन किया गया है जो बताता है कि यूरिया के अत्यधिक इस्तेमाल ...
गेहूं के बजाय केले, दाल और मक्के की खेती का रुख कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के किसान
पिछले दशक में मक्के की खेती का क्षेत्रफल आठ गुना और दालों की खेती का क्षेत्रफल तीन गुना बढ़ गया है
चिंताजनक: लवणीय हो चुकी है दुनिया की 83.3 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा भूमि
खारेपन से प्रभावित इस भूमि पर दुनिया के करीब 150 करोड़ लोग निर्भर हैं
मवेशियों की बढ़ती समस्या पर उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
खेती पर क्यों कब्जा जमाना चाहते हैं कारपोरेट?
भारत का किराना बाजार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है, अब इस पर कब्जे की होड़ है
इस बार खरीफ फसलों की 59 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में बुवाई हुई
खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े 1 अक्टूबर 2020 को आने की उम्मीद है।
खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएगी घटते खेतों की प्रवृत्ति?
खेती-किसानी की दुनिया ऐतिहासिक बदलाव से गुजर रही है। खेतों की संख्या तेजी से कम हो रही है जबकि उसका आकार बढ़ रहा है। ...
कितनी सफल रहेगी पंजाब में गेहूं-धान से किसानों का मोहभंग करने की कोशिश?
पंजाब सरकार ने धान के प्रति किसानों का मोह भंग करने के लिए एक कमेटी बनाई है, इस पर विशेषज्ञ व किसान क्या कहते ...
झारखंड में प्राकृतिक खेती की दस बड़ी चुनौतियां और उनके समाधान
प्राकृतिक खेती की मदद से खेतों से होते उत्सर्जन को कम किया जा सकता है साथ ही इसकी मदद से बेहतर ऊर्जा दक्षता हासिल ...
भूमि के अंधाधुंध उपयोग से प्रभावित हो रहे हैं मिट्टी में रहने वाले जीव
शोधकर्ताओं ने पांच प्रकार के भूमि उपयोग पर गौर किया, जिसमें फसलों को उगाने के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र, जंगल जैसे वृक्षारोपण ...
कोयला प्रदूषण के कारण धान काली होने पर सरकारी खरीद केंद्रों का खरीदने से इंकार
किसानों ने “धान वाशरी प्लांट” स्थापित करने की मांग की ताकि इससे धान धोकर-सुखाकर खरीद केंद्रों को बिक्री की जा सके
इथेनॉल के लिए लगाई गई चावल के निर्यात पर पाबंदी?
बारिश न होने के कारण इस साल 120 लाख टन चावल का उत्पादन कम हो सकता है, जिसने सरकार का गणित गड़बड़ा दिया है। ...
कृषि उपज को खतरे में डाल रही है ढलानों पर मशीनों की मदद से की जा रही जुताई
रिसर्च से पता चला है कि पहाड़ी ढलानों पर जुताई के लिए बड़ी मशीनों का उपयोग भविष्य में कृषि पैदावार के लिए खतरा पैदा ...
140 करोड़ अतिरिक्त लोगों का भर सकता है पेट, अगर सिंचाई व्यवस्था में हों जाएं ये सुधार
दुनिया की 22 फीसदी कृषि भूमि के लिए सिंचाई की व्यवस्था है, जबकि दो-तिहाई कृषि भूमि अभी भी बारिश पर निर्भर है
दो से तीन गुणा महंगा बिक रहा है भूसा, राज्य सरकारें लगा रही हैं प्रतिबंध
बुआई के साथ-साथ गेहूं का उत्पादन कम हुआ है, जिसके चलते देश में भूसे का संकट खड़ा हो गया है
बिहार: एक रात की बारिश ने बर्बाद की मूंग की फसल
बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी निकलने के बाद मूंग की खेती करते हैं, लेकिन इस बार अचानक आई बारिश ने यह फसल ...
जलवायु परिवर्तन: मौसम की चपेट में आए तरबूज किसान, कहा- मुनाफा दूर लागत निकालना मुश्किल
भीषण गर्मी और बदली मौसमी परिस्थितियों में तरबूज का कम उत्पादन होने से किसानों को भारी घाटा हो रहा है
क्या जायद फसलों पर भी पड़ेगा भीषण गर्मी का असर?
केंद्र सरकार का प्रयास है कि देश में दलहन-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर होने के लिए ग्रीष्मकालीन जायद फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाए
संसद में आज (29 मार्च 2022): देश में 11,92,217 किसान भागीदारी गारंटी प्रणाली के तहत जैविक खेती कर रहे हैं
सरकार के द्वारा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से उत्पादित फसलों की खपत के कोई आंकड़े नहीं रखे जाते हैं
किसानों के पास ही है मौसम में आ रहे परिवर्तन को रोकने का नुस्खा, करने होंगे ये काम
दोहरी फसल पैदा करने से नाइट्रोजन के होने वाले कुल नुकसान को 12 से 18 फीसदी और फास्फोरस के कुल नुकसान को 16 से ...
'तीन लाख का लोन लेकर लगाई थी फसल, बारिश ने की बर्बाद'
मध्य प्रदेश में इस मानसून दो बड़े ड्राइ स्पेल आए, जिसमें फसल की बढ़वार नहीं हुई। फसल तैयार होने के समय अब अतिवृष्टि से ...
हर साल सूखा, मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण की भेंट चढ़ जाती है 1.2 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा भूमि
जलवायु परिवर्तन, कृषि, शहरों और बुनियादी ढांचे के लिए भूमि में बड़े पैमाने पर किया जा रहा बदलाव अब तक करीब 20 फीसदी भूमि ...
तीन दशक के शोध के बाद भारत में उगेगा रंगीन कपास
सिंधु घाटी सभ्यता में मुख्य तौर पर गहरा भूरा और भूरा से खाकी, सफेद और हरे रंग के कपास का इस्तेमाल किया जाता था