नॉर्वे में कीटों की 100 से अधिक नई प्रजातियों की हुई खोज
यह खोज वैज्ञानिकों को दुनिया में विभिन्न स्थानों की प्रजातियों और उनके वेरिएंटों की आनुवंशिक विशेषताओं की तुलना करने में सक्षम बनाती है
अरुणाचल में मिली मधुमक्खी की नई प्रजाति, इसका नाम सेराटिना तवांगेंसिस रखा गया
यह अनोखी प्रजाति तवांग जिले में 1,600 से 2,300 मीटर की ऊंचाई पर पाई जा सकती है, यह एक चमकदार काले रंग की है ...
खत्म होने के कगार पर खड़ी आधी प्रजातियों का लुप्तप्राय सूची में आकलन नहीं : अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि 4,336 प्रजातियां या उन नमूनों में से 56 प्रतिशत को विलुप्त होने का खतरा था, जिसमें 85 प्रतिशत उभयचर ...
स्वादिष्ट खोज: वैज्ञानिकों ने हिमालय में प्याज की एक नई प्रजाति का पता लगाया
एलियम नेगियनम नामक पौधे की खोज उत्तराखंड में चमोली जिले की नीति घाटी के मलारी गांव के भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में की गई है। ...
ओडिशा के समुद्री तट पर छह लाख से अधिक कछुए अंडे देने पहुंचे
यह संख्या में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है, इसके पहले यह संख्या साढ़े पांच लाख थी
केरल में विदेशी आक्रामक पौधों को जड़मूल से खात्मे की तैयारी
केरल वन अनुसंधान संस्थान ने एक वृहद कार्य योजना तैयार की है
बैठे ठाले: एक लोक कथा
“राजा नकटा है और दुष्ट सौदागर के साथ जंगल को काटने वाला है”
वैज्ञानिकों ने खोजी मेंढक की नई प्रजाति
इससे पहले पेरू के जंगल में ऑर्किड की नई प्रजाति खोजी गई थी
मारी गई डॉल्फिन थी गर्भवती, पोस्टमार्टम में मिला भ्रूण
प्रशासन इस बात को छुपा रहा है कि युवकों द्वारा मारी गई डॉल्फिन गर्भवती थी
उत्तराखंड की आसन झील में इस वर्ष कम पहुंचे मेहमान पक्षी
देहरादून के चकराता वन प्रभाग के साथ तितली ट्रस्ट ने सुबह ढाई घंटे पक्षियों की गिनती की
बुग्यालों का संरक्षण: पर्यटन और पर्यावरण के बीच तालमेल कितना जरूरी?
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दयारा बुग्याल में 200 से अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है, तब से यह सवाल उठ रहा है ...
वैज्ञानिकों ने पश्चिमी घाट में खोजी पौधों की 62 प्रजातियां, गंभीर जल संकट का भी कर सकती हैं सामना
वैज्ञानिकों के अनुसार यह प्रजातियां अपने अंदर मौजूद पानी की 95 फीसदी मात्रा के खत्म होने के बाद भी, पानी के दोबारा उपलब्ध होने ...
पर्यावरण के लिए बलिदान: अमृता विश्नोई के नेतृत्व में 363 लोगों ने दे दी थी जान
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिस विश्नोई समाज के लोग समर्पित हैं, उसी तरह अन्य समाज को भी आना होगा
34 साल में दो आक्रामक प्रजातियों के फैलने से 17 बिलियन डॉलर का हुआ नुकसान
आक्रामक प्रजातियों के दूसरी जगहों पर फैलने से देशी प्रजातियों के विस्थापन या विलुप्त होने, बीमारी के फैलने और फसलों सहित कई तरह के ...
यूरोपीय संघ के मेंढकों के आयात से एशिया और पूर्वी यूरोप में इनके अस्तित्व पर मंडराया खतरा: रिपोर्ट
यूरोपीय संघ प्रति वर्ष लगभग 4070 टन मेंढकों के पैरों का आयात करता है, जो लगभग 81 से 20 करोड़ मेंढकों के बराबर है।
कीटनाशक मधुमक्खियों को दोहरा नुकसान पहुंचा सकते हैं
नियोनिकोटिनोइड जैसे कीटनाशकों के असर से मधुमक्खियों की दो पीढ़ियों से अधिक प्रजनन क्षमता को नुकसान होता है।
कैसे हो एशियाई देशों में खराब भूमि और जंगलों की बहाली?
अध्ययन के मुताबिक 4.75 करोड़ हेक्टेयर भूमि के पुनर्स्थापन लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग 15,700 करोड़ बीजों की आवश्यकता पड़ेगी।
कानूनी संरक्षण के अभाव में जर्जर हालत में पहुंचे करोड़ों वर्ष पुराने भूस्मारक
भारत सरकार की नई राष्ट्रीय खनिज नीति देखकर लगता है कि अगली पीढ़ी को भूगर्भीय इतिहास से परिचित कराने में सरकार की कोई रुचि ...
प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं संरक्षण में कहां खड़ी हैं महिलाएं
हाल ही में 1,051 शीर्ष लेखकों के पारिस्थितिकी, विकास और संरक्षण शोध में किए गए विश्लेषण में केवल 11 प्रतिशत महिलाएं थीं
बीता साल, नया साल: शांति सबको पसंद, लेकिन इतनी भी नहीं!
शुरुआत के कुछ दिन, एक बहुत भयभीत करने वाली शान्ति हवा में, जो चित्त को विचलित कर देती और बाहर पुलिस की गाड़ियों की ...
सांभर पक्षी त्रासदीः घोषणाओं, वादों के तले दबा बेजुबान पक्षियों की मौत का शोर
पिछले साल नवंबर माह में सांभर झील में एवियन बोट्यूलिज्म बीमारी से 25 से ज्यादा प्रजातियों के लगभग 30 हजार पक्षियों की मौत हो ...
बुझ रही है कुदरत की लालटेन
मौसम के बदलाव का संकेत देने वाले जुगनू जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खत्म होते जा रहे हैं
इन तस्वीरों में दिख रही प्रजातियों को हम कभी नहीं देख पाएंगे
मनुष्यों ने अपनी हरकतों से दुर्लभ जीवों की बहुत-सी प्रजातियों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। यह काम हमने मुख्य रूप से ...
जलवायु परिवर्तन के चलते तेजी से बढ़ रही है मछली, उभयचर और सरीसृप जीवों की उम्र
एक तरफ बढ़ते तापमान और हीटवेव के चलते इन जीवों की उम्र तेजी से बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ इनके शरीर पर भी ...
पर्यावरण की सेहत बताता है कवक-शैवाल से मिलकर बना लाइकन
हमारे आसपास लाइकन उग रहे हैं तो समझिए पर्यावरण की सेहत अच्छी है। यदि नहीं तो हम प्रदूषणवाली हवा में सांस ले रहे हैं।