पृथ्वी सामान्य से अधिक तेजी से घूम रही है, लेकिन क्यों? इसका हम पर क्या होगा असर
वैज्ञानिकों ने 29 जून को अब तक का सबसे छोटा दिन और 26 जुलाई को एक और छोटा दिन दर्ज किया है
वैज्ञानिकों ने समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए विकसित की स्वदेशी तकनीक
स्वदेशी तकनीक की क्षमता समुद्र के पानी को हर दिन 1 लाख लीटर पीने योग्य पानी में बदलने की है
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के घूमने के सटीक अंतर को मापने के लिए अपनाई नई तकनीक
इसका उपयोग बेहतर भूभौतिकीय मॉडल बनाने के लिए किया जा सकता है, जिसकी मदद से दुनिया भर के यातायात में सुधार लाया जा सकता ...
प्रदूषण से बढ़ रही हैं आकाशीय बिजली की घटनाएं
वैज्ञानिकों ने पाया है कि वायु प्रदूषकों में शामिल एरोसॉल आकाशीय बिजली गिरने के लिए एक मुख्य कारण हो सकता है
असुविधाजनक शोध क्यों रोकता है कारपोरेट जगत?
कीटनाशक विषाक्तता पर शोध न के बराबर हुआ है। वायु प्रदूषण पर किए जा रहे शोधों से निपटने के लिए भी यही रणनीति अपनाई ...
देश के दो-तिहाई पारिस्थितिक तंत्र में सूखे का सामना करने की क्षमता नहीं
भारत के 22 नदी घाटियों में से महज छह नदी घाटियों के पारिस्थितिक तंत्र में जलवायु परिवर्तन, खासतौर पर सूखे का सामना करने की ...
जलवायु को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है पृथ्वी का 'थर्मोस्टेट': अध्ययन
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के 45 जगहों की मिट्टी और प्रमुख चट्टानों के नष्ट होने को समझने के लिए मिट्टी का विश्लेषण किया, ताकि ...
मानसून के प्रवेशद्वार पर नया रडार
देश में विकसित एक रडार की स्थापना केरल के कोचीन में की गई है, जो वायुमंडलीय अध्ययन संबंधी शोध कार्यों को बढ़ावा देने में ...
हिरोशिमा के रेडियोधर्मी तत्व में मिले हिमालयी भूकंपों से जुड़े संकेत
पूर्वी हिमालय के अगले हिस्से में वर्ष 1950 में आए 8.6 रिक्टर की तीव्रता वाले इस भूकंप को असम-तिब्बत भूकंप के नाम से जाना ...
शहरी क्षेत्रों में बाढ़ पूर्वानुमान के लिए नई प्रणाली विकसित
भारतीय शोधकर्ताओं ने एक विशेष प्रणाली विकसित की है, जो शहरी क्षेत्रों में बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने में मददगार हो सकती है
तकनीक और सामुदायिक समझ से मिल सकेंगे भूस्खलन के संकेत
भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक सूचना तंत्र जैसी तकनीकों की मदद से भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्र बनाने में जुटा
पिछले 28 वर्षों में कटाव का सामना कर रहा है भारतीय तटरेखा का एक तिहाई हिस्सा
वहीं दूसरी ओर 1990 से 2018 के बीच करीब 27 फीसदी तटरेखा में विस्तार देखने को मिला है, जबकि 41 फीसदी तटरेखा पर कोई ...