लुटता हिमालय: सिर्फ प्रशासनिक और सिविल इंजीनियरिंग उपायों से नहीं थमेंगी आपदाएं
संभावित जोखिम और खतरों की गणना करने के लिए सभी पहाड़ी क्षेत्र की निर्माण गतिविधियों की भूगर्भीय जांच की आवश्यकता है
लुटता हिमालय: अंग्रेजों के जमाने से जारी है हिमालय का दोहन
हम इस क्षेत्र की वहन क्षमता का निरंतर अतिक्रमण कर रहे हैं जो इसके चलते धीरे-धीरे और कमजोर होता जा रहा है। भारतीय भूवैज्ञानिक ...
लुटता हिमालय: एक साथ कई चुनौतियों ने बढ़ाई मुश्किलें
बेहद नाजुक माना जाने वाला भारतीय हिमालय क्षेत्र बेतहाशा बढ़ते शहरीकरण, पारिस्थितिक क्षय, पर्यटन और विद्युत परियोजनाओं के चलते एक साथ कई पर्यावरणीय मोर्चों ...
लुटता हिमालय: नीति निर्माताओं को खोलनी होगी आंख: अनिल जोशी
सड़कें पहले हाथों से बनाई जाती थीं, लेकिन अब भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। यह बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान ...
जोशीमठ भूधंसाव: अपने टूटे हुए घरों को लौटे लोग, 16 माह बाद भी नहीं बनी पुनर्वास नीति
लगभग 16 माह बाद भी सरकार जोशीमठ के लिए न तो पुनर्वास नीति बना पाई है और ना ही जोशीमठ के स्थिरीकरण की योजना ...
पहाड़ों पर सतत पर्यटन की दरकार, वहनीय क्षमता का आकलन जरूरी
पारिस्थितिकीय संतुलन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनियोजित पर्यटन गतिविधियों को विनियमित करना समय की मांग है
आवरण कथा, खतरे में हैं हिल स्टेशन: असंवेदनशील योजनाओं का दंश झेल रहे हैं पहाड़ी शहर
संसाधनों की कमी, आबादी और भवनों के बोझ ने 5 करोड़ लोगों के घरों को मुसीबत में डाल दिया है
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: सीवेज का पानी बढ़ा रहा है पहाड़ी शहरों में आपदा
पर्वतीय शहरों में बाथरूम से निकलने वाला गंदा पानी या शौचालयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल का प्रबंधन आवश्यक है क्योंकि इससे नाजुक जमीन ...
लुटता हिमालय: कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले निर्माण करने होंगे
अच्छे और सुरक्षित निर्माण का एक ही मंत्र है- कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले ढांचे, बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम जो प्राकृतिक नाले से जुड़े ...
लुटता हिमालय: जनसंख्या के बढ़ते दबाव ने बढ़ाई मुश्किलें
1971 से लेकर 2021 के बीच 12 हिमालयी राज्यों की कुल जनसंख्या में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि देखी गई है। इस दौरान शहरी ...
लुटता हिमालय: भूमि उपयोग और आवरण में बदलाव से सूख रही हैं धाराएं
धाराएं केवल हिमालय क्षेत्र की 5 करोड़ आबादी ही नहीं बल्कि वास्तव में 15 करोड़ की आबादी के लिए महत्वपूर्ण हैं
लुटता हिमालय: प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए संतुलित पहल की आवश्यकता
क्षेत्र के पर्यावरण और लोगों के आर्थिक लाभ के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आपदाओं को पूरी तरह से रोक पाना संभव ...
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: जोशीमठ की राह पर नैनीताल, पाबंदी के बावजूद हो रहे निर्माण
1884 में भूस्खलन के बाद ही अंग्रेजों ने निर्माणों पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन निर्माण अब तक जारी हैं
जोशीमठ में भूूधंसाव क्यों, भाग पांच: पानी के बहाव को रोकने से बिगड़े हालात
एनआईएच ने पहाड़ों पर बसे शहरों के पानी के बहाव के लिए चैनल बनाने की सलाह दी है
जोशीमठ भूधंसाव क्यों, भाग चार: आईआईटी, रूड़की की रिपोर्ट, बेहद असुरक्षित है आधा जोशीमठ
आईआईटी, रूड़की ने जोशीमठ में 12 जगहों पर अलग-अलग तरह से परीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है
धधकता हिमालय: सर्दियों में भी जल रहे हैं उत्तराखंड के जंगल, पीने के पानी का भी संकट बढ़ा
9 से 16 जनवरी के बीच उत्तराखंड में 600 से अधिक वनाग्नि के अलर्ट जारी किये जा चुके हैं