डाउन टू अर्थ तफ्तीश: खेती से आमदनी नहीं होती तो मजदूरी को मजबूर किसान
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होनी है, लेकिन बिहार के भागलपुर जिले के इस गांव की दशा कुछ और बयां कर रही है
कांट्रेक्ट फार्मिंग वाली कंपनियों का नया दांव : चुनिंदा किसानों को प्राइवेट एमएसपी
वर्ष 2018 में कंपनी ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का लिखित आश्वासन दिया था लेकिन भाव अधिक होने पर उचित दाम मिलेगा ...
खास रपट: प्रदूषण रोकने में कितने कारगर रहे नए बीज?
छोटी अवधि वाले नए बीज, पराली की समस्या को दूर करने में कितने कामयाब साबित हो रहे हैं? पंजाब के सात जिलों में जमीनी ...
वनों की बहाली में नजरअंदाज नहीं की जा सकती छोटे-बड़े पक्षियों और जानवरों की भूमिका
बीजों को बिखेर कर पक्षी और जानवर उजड़े हुए जंगलों में पेड़-पौधों की विविधता को फिर से कायम करने में मदद करते हैं
डाउन टू अर्थ पड़ताल: छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
गुलाबी सुंडी के हमलों ने बीटी कॉटन की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि दावा किया गया था कि इस पर कीटों ...
ग्राउंड रिपोर्ट: बीज उत्पादक किसान भी हो रहे हैं जलवायु परिवर्तन का शिकार
बीजों के परिपक्व होने से पहले ही यदि उच्च तापमान का तनाव उन तक पहुंचे तो यह अंकुरण को कम कर सकता है
औषधीय पौधों के बेतहाशा उपयोग का बुरा असर, कम हुआ सांस्कृतिक महत्व और उपलब्धता
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग काफी बढ़ गया है