दुनिया भर में बढ़ रही है हिंसा के लिए बढ़ता तापमान जिम्मेवार

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सदी के अंत तक 20 से 30 लाख हिंसक वारदातें हो सकती हैं

By Dayanidhi
Published: Thursday 16 January 2020
Photo credit: Flickr

एक नए अध्ययन में तापमान में तेजी से वृद्धि के कारण आने वाले दशकों में होने वाले लाखों हिंसक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया गया है।

यह अध्ययन अमेरिका स्थित कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय के कोआपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एन्वायरमेंट साइंसेज (सीआईआरईएस) ने किया। अध्ययन के प्रमुख रेयान हार्प ने कहा कि तापमान में जिस कदर वृद्धि हो रही है, उससे लगता है कि इस सदी के अंत तक दुनिया भर में 20 से 30 लाख हिंसक वारदातें हो सकती हैं। एनवायर्नमेंटल रिसर्च लेटर्स नामक पत्रिका में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।

हार्प और उनके सहकर्मी क्रिस कर्णौस्क ने बढ़ते तापमान और अपराध दर के बीच क्षेत्रीय संबंधों के एक सेट की पहचान की। इस काम के लिए उन्होंने एफबीआई अपराध डेटाबेस और नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) जलवायु के आंकड़ों की मदद ली। शोधकर्ताओं ने खासकर सर्दियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।

विश्लेषण से पता चला कि सर्दी के मौसम में होने वाली ठंड कम होती जा रही है और इस मौसम में भी गर्मी बढ़ रही है। इस दौरान न केवल हिंसक हमले हो रहे हैं, बल्कि डकैती जैसी घटनाएं भी हो रही हैं। 

शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में भविष्य में होने वाले हिंसक अपराधों का अनुमान लगाया है। उन्होंने उन गणितीय रिश्तों को जोड़ा है, जिसमें उन्होंने पिछले 42 अत्याधुनिक वैश्विक जलवायु मॉडलों के परिणामों के साथ दिखाया था। टीम ने उन प्रमुख कारकों पर ध्यान दिया, जिनमें पिछले अध्ययनों के दौरान अनदेखी की गई जिसमें विभिन्न मौसमों के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले अपराध की दर में भिन्नता देखी गई थी।

कर्णौस्क ने कहा कि हम अनेकों तरीकों से यह जानने में लगे हैं कि जलवायु परिवर्तन लोगों को किस तरह प्रभावित कर रहा है। यदि अभी भी हम नहीं जागे तो भविष्य में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और भी भयानक होने की आशंका है।

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