इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर 2021 में किया गया दर्ज

इस वर्ष अक्टूबर का औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya
Published: Wednesday 17 November 2021

इस वर्ष इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर रिकॉर्ड किया गया है, जब तापमान 20वीं सदी के औसत से करीब 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। यह जानकारी हाल ही में एनओएए के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है।

इससे पहले अक्टूबर 2015 में अब तक का सबसे गर्म अक्टूबर दर्ज किया गया था जब तापमान बीसवीं सदी के औसत से 1.03 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था जबकि अक्टूबर 2019 में यह 0.95 और अक्टूबर 2018 में औसत से 0.92 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था। 

यदि सिर्फ भूमि के तापमान को देखें तो इस वर्ष अक्टूबर में उत्तरी गोलार्ध का तापमान एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया था, जब वहां अब तक का सबसे गर्म अक्टूबर रिकॉर्ड किया गया था। वहीं 2014 से 2021 के बीच आठ अक्टूबर के महीनों की बात करें तो यह रिकॉर्ड के आठ सबसे गर्म अक्टूबर थे।

गौरतलब है कि इससे पहले इस वर्ष का सितम्बर का महीना इतिहास का पांचवा सबसे गर्म सितम्बर था जब तापमान सामान्य से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था। वहीं एनसीईआई जो पिछले 142 वर्षों से मौसम के रिकॉर्ड को संजो रहा है उसके अनुसार अगस्त 2021 इतिहास का छठा सबसे गर्म अगस्त था।  

यदि क्षेत्रीय तौर पर देखें तो इस वर्ष उत्तरी अमेरिका के लिए अक्टूबर का महीना रिकॉर्ड का दूसरा सबसे गर्म अक्टूबर था। वहां इससे पहले 1963 में अक्टूबर का महीना इतना ज्यादा गर्म था। वहीं दक्षिण अमेरिका ने इस वर्ष अपने इतिहास के आठवें सबसे गर्म अक्टूबर को दर्ज किया था, जबकि अफ्रीका में इतिहास का सातवां और एशिया में 12वां सबसे गर्म अक्टूबर रिकॉर्ड किया गया था।

वहीं यदि यूरोप और ओशिनिया से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां भी इस वर्ष अक्टूबर का तापमान औसत से ज्यादा था हालांकि 2016 के बाद से सबसे ठंडा अक्टूबर का महीना था। 

इस वर्ष अब तक दर्ज किए जा चुके हैं 86 उष्णकटिबंधीय तूफान 

यदि जनवरी से अक्टूबर के बीच के औसत तापमान को देखें तो यह वर्ष अब तक का छठा सबसे गर्म वर्ष है जब तापमान बीसवीं सदी के औसत से 0.84 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। इसी तरह उत्तरी गोलार्ध के लिए भी यह रिकॉर्ड का छठा सबसे गर्म वर्ष है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में तापमान 2010 और 2014 के बराबर ही दर्ज किया गया है, जो इसे आठवां सबसे गर्म वर्ष बनाता है। वहीं यदि एनसीईआई द्वारा जारी रिपोर्ट की मानें तो इसमें कोई शक नहीं है कि 2021 दुनिया के अब तक के 10 सबसे गर्म वर्षों में से एक होने की राह पर है। 

वहीं यदि नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो इस वर्ष अक्टूबर में आर्कटिक में जमा बर्फ औसत से 61,000 वर्ग मील कम थी, 43 वर्षों के इतिहास में यह आठवां ऐसा मौका है जब वहां अक्टूबर के महीने में इतने कम क्षेत्र में बर्फ जमा है। यह 1981 से 2010 के औसत की तुलना में करीब 18.9 फीसदी कम थी। 

इसी तरह पिछले महीने अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ औसत से 180, 000 वर्ग मील कम थी, जो उसे रिकॉर्ड की चौथी सबसे कम बनाती है। इससे पहले 1984, 1986 और 2016 में अक्टूबर के दौरान बर्फ की मात्रा इतनी कम थी। वहीं यदि दुनिया में आए उष्णकटिबंधीय तूफानों की बात करें तो इस वर्ष अब तक 86 तूफान आ चुके हैं। जो साल के पहले 10 महीनों के लिए सामान्य से ज्यादा हैं।

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